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ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में हुए 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की कड़ी निंदा की है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी.
दो दिवसीय सम्मेलन के बाद रविवार को 31 पेज का संयुक्त घोषणापत्र जारी किया गया.
घोषणापत्र में कहा गया, “हम 22 अप्रैल 2025 को भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.”
ब्रिक्स सम्मेलन के 'शांति और सुरक्षा' सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहलगाम हमला भारत की आत्मा, पहचान और गरिमा पर सीधा हमला था.
उन्होंने कहा, “आतंकवाद मानवता के सामने सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है. हाल ही में भारत को पहलगाम में एक अमानवीय और कायराना आतंकवादी हमले का सामना करना पड़ा. यह पूरी मानवता पर हमला था.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को मौन सहमति देना, आतंक और आतंकवादियों का समर्थन करना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है.'
ब्रिक्स घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि सदस्य देश 'आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंक के वित्तपोषण और उन्हें सुरक्षित पनाह देने जैसी हर गतिविधि का विरोध करते हैं और उसके ख़िलाफ़ मिलकर कार्रवाई करेंगे.'
इससे पहले 1 जुलाई को क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के विदेश मंत्रियों ने भी पहलगाम हमले की निंदा की थी.
वर्तमान में ब्रिक्स में 11 देश शामिल हैं: भारत, ब्राज़ील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान.