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नयी दिल्ली, 5 मार्च। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की एक महत्वपूर्ण तीन दिवसीय बैठक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में होगी।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि संघ की कार्य पद्धति में यह निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है तथा इसका आयोजन प्रतिवर्ष होता है।
यह बैठक बेंगलुरु के चन्नेनहल्ली में स्थित जनसेवा विद्या केंद्र परिसर में होगी।
बयान के मुताबिक बैठक में गत वर्ष 2024-25 में हुए कार्यों का ब्योरा प्रस्तुत किया जाएगा तथा उस पर समीक्षात्मक चर्चा की जाएगी। इसमें संघ के विशेष कार्यों की प्रस्तुति भी होगी।
बयान में कहा गया कि इस साल विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं, इसके मद्देनजर यह संघ शताब्दी वर्ष माना जाएगा।
आंबेकर ने कहा, ‘‘बैठक में शताब्दी वर्ष के कार्य विस्तार की समीक्षा के साथ-साथ आगामी शताब्दी वर्ष के विभिन्न कार्यक्रमों एवं आयोजन तथा अभियानों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक में राष्ट्रीय विषयों पर दो प्रस्तावों पर विचार होगा।’’
उन्होंने कहा कि साथ ही संघ शाखाओं द्वारा अपेक्षित सामाजिक परिवर्तन के कार्यों सहित विशेष रूप से पंच परिवर्तन के प्रयासों की चर्चा भी इस बैठक में की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दू जागरण सहित देश के वर्तमान परिदृश्य के विश्लेषण एवं किए जाने वाले कार्यों की चर्चा भी बैठक की विषय सूची में शामिल है।’’
बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तथा सभी सह सरकार्यवाह एवं अन्य पदाधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहेंगे।
बैठक में मुख्य रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि, प्रांत व क्षेत्र स्तर के 1480 कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है। बैठक में संघ प्रेरित विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महामंत्री एवं संगठन मंत्री भी शामिल होंगे। (भाषा)