कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 17 नवंबर । पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर भोंदा के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में बाल दिवस एवं बाल मेले का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया। दोनों विद्यालयों में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया और बड़ी संख्या में ग्रामीण व पालक शामिल हुए।
प्राथमिक विद्यालय में एफएलएन मेला का आयोजन राज्य अनुसंधान परिषद, छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार 14 नवंबर को किया गया।प्रधानपाठिका रूबेतीन धुर्वे ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत निपुण भारत अभियान के अंतर्गत बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु यह मेला आयोजित किया गया।मेला में भाषा, गणित व अंग्रेजी विषयों के 21 स्टॉल लगाए गए।स्टॉल का संचालन स्वयं विद्यालय के बच्चों—यशवंत, भावेश, हेमा, जमुना, ज्योति, पायल, ओमकार, विक्रम पटेल, शिवरानी पटेल, गुंजन पटेल, जितेंद्र पटेल—ने किया।बच्चों ने पालक, ग्रामवासियों व समिति सदस्यों को वर्ण पहचान, संख्यात्मक गतिविधियाँ, भाषा खेल, गणितीय अवधारणाएँ समझाईं और गतिविधियाँ कराईं।शिक्षक राघवेंद्र वर्मा ने बताया कि शिक्षकों को करीब 50 प्रकार के स्टॉल के संचालन का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है।मेला समाप्ति के उपरांत विद्यालय द्वारा कमजोर बच्चों की पहचान कर उपचारात्मक शिक्षण देकर उनके अधिगम स्तर बढ़ाने की योजना है।
आयोजन को सफल बनाने में पालक शिक्षा समिति, वर्तमान सरपंच गेंदलाल पटेल, पूर्व सरपंच मनराखन पटेल, तथा समिति सदस्य सुखरादी पटेल, पीतर पटेल, भगवान सिंह, ईश्वरी तिलकवार, रोहित लाल यादव, जगत पटेल का विशेष योगदान रहा।शिक्षकों में रामेश्वरी बंदे, सती मरकाम, गोपाल पटेल, तथा माध्यमिक शाला से बसंत यादव, मनोज देवांगन, प्रीति मेरावी शामिल रहे।बड़ी संख्या में ग्रामीण—रीना मानिकपुरी, साधना, संगीता मरकाम, दुरुपति यादव, पूजा यादव, तीजिया विश्वकर्मा, सरोज पटेल, दीपा यादव, मोना, वंदना मानिकपुरी—उपस्थित रहे।
माध्यमिक शाला भोंदा में बाल मेला
माध्यमिक शाला भोंदा में भी बाल दिवस के अवसर पर बाल मेले का आयोजन किया गया ।विद्यालय की बालिकाओं ने बड़ी संख्या में खान-पान के स्टॉल लगाए।बच्चों ने छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा, चीला, ठेठरी, खुरमी हलवा, समोसा, आलू गुंडा, मिर्ची भजियाएवं अन्य स्थानीय रेसिपी तैयार की।ग्रामीणों, पालक शिक्षा समिति सदस्यों और आगंतुकों ने इन व्यंजनों का आनंद लिया और बच्चों के कौशल की प्रशंसा की।आयोजन का उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता, कौशल, आत्मविश्वास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना रहा।



