अंतरराष्ट्रीय

इसराइल के हमले झेल रहे ग़ज़ा में तत्काल संघर्ष विराम करने के दक्षिण अफ़्रीका के आग्रह पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे ने सहमति नहीं जताई है.
ये कुछ ऐसा है जिससे दक्षिण अफ़्रीका और फ़लस्तीनी लोगों को निराशा हो सकती है.
हालांकि, सुनवाई कर रहे 17 जजों में से ज़्यादातर ने ये कहा कि इसराइल को अपनी क्षमता के अनुसार हर वो चीज करनी चाहिए जिससे फ़लस्तीनी लोगों की मौतों, शारीरिक या मानसिक तौर पर क्षति पहुंचाने से बचाया जा सके.
कोर्ट ने ये भी कहा कि इसराइल को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो फ़लस्तीनी महिलाओं को बच्चों को जन्म देने में बाधा पहुंचाता हो.
जनसंहार पर अदालत का ये अंतिम फ़ैसला नहीं है. ऐसा प्रतीत होता कि इस बारे में निर्णय लेने में कई साल लगेंगे. इसराइल को अब इस पर निर्णय लेना है.
आईसीजे के फ़ैसले बाध्यकारी तो हैं लेकिन इसको लागू करनेवाले के लिए कोई व्यवस्थित सिस्टम नहीं है. संघर्षविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास जारी हैं.
ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने को और बेहतर करने के भी प्रयास हो रहे हैं तो ऐसे में इसराइल अदालत के सामने ये तर्क रख सकता है कि वो अदालत की मांगों पर तो पहले से ही कदम उठा रहा है. (bbc.com/hindi)