अंतरराष्ट्रीय

चरमपंथी संगठन हमास ने कहा है कि इसराइल की बमबारी में अब तक 50 बंधक मारे गए हैं. हमास के मिलिट्री विंग के एक प्रवक्ता ने ये जानकारी दी है.
सात अक्टूबर को हमास ने इसराइल पर हमला कर दिया था और सैंकड़ों लोगों की हत्या के बाद कई लोगों को बंधक बनाकर वे ग़ज़ा ले आए थे.
इसराइल की सेना की ताज़ा जानकारी के अनुसार, हमास ने 224 लोगों को बंधक बनाया हुआ है. हमास के मिलिट्री विंग के प्रवक्ता अबू ओबेदा ने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है.
बीबीसी स्वतंत्र रूप से अभी इस संख्या या इस बारे में दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं कर सकता है.
ग़ज़ा में हताहत बढ़ेः ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सात अक्टूबर से अब तक मरने वालों की संख्या 7,000 से अधिक हो चुकी है, जिनमें 2,900 बच्चे शामिल हैं.
इसराइल पर 7 अक्टूबर को हमास के हमले में 1400 लोग मारे गए थे.
ग़ज़ा में घुसे इसराइली टैंकः इसराइल डिफ़ेंस फोर्सेज़ यानी आईडीएफ़ ने बीती रात उत्तरी ग़ज़ा में टैंक का इस्तेमाल करके ‘टारगेटेड छापेमारी’ की है. आईडीएफ़ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने मीडिया को बताया कि इस मिशन में 'कई घंटे' लगे और आईडीएफ का एक भी सैनिक घायल नहीं हुआ.
ग़ज़ा में कोई जगह सुरक्षित नहींः फ़लस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता की कॉर्डिनेटर लिन हेस्टिंग ने कहा है कि ग़ज़ा में लोग अपनी जगह छोड़ कर सुरक्षित जगहों पर नहीं जा सकते क्योंकि कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है. इसराइल लोगों से ग़ज़ा शहर छोड़कर बाहर निकलने के लिए कह रहा है जिसके जवाब में लिन हेस्टिंग ने ये कहा.
तुर्की ने की पश्चिम की आलोचनाः तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पश्चिम की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा, "क्या हुआ मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का? वे (पश्चिमी देश) इस पर तब तक बात नहीं करेंगे जब तक उनका मकसद पूरा नहीं होता हो. ऐसा क्यों? क्योंकि जो खून बहाया जा रहा है वो मुसलमानों का है."
रफ़ाह क्रॉसिंग से पार हुए 12 ट्रकः मिस्र से रफाह क्रॉसिंग के जरिए गुरुवार को ग़जा में 12 ट्रक मानवीय सहायता लेकर दाखिल हुए हैं. इन ट्रकों में ईंधन को छोड़कर पानी, भोजन और मेडिकल का सामान शामिल है.
ओआईसी की गुरुवार को बैठकः इस्लामिक देशों के संगठन ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस के ख़िलाफ़ दिए गए इसराइल के बयान की निंदा करते हुए इसे राजनीतिक ब्लैकमेल करार दिया है.
बाइडन को ग़ज़ा के मरने वालों के आंकड़ों पर भरोसा नहींः बुधवार को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा- “मुझे नहीं लगता कि फ़लस्तीनी हमले में जितने लोग मारे गए हैं उसे लेकर सच बोल रहे हैं. इसराइलियों को सावधान रहते हुए ये सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन लोगों ने ये युद्ध शुरू किया है उन्हें ही निशाना बनाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो ये इसराइलियों के हित के खिलाफ़ होगा. लेकिन फ़लस्तीनी जो आंकड़े बता रहे हैं मुझे उन पर कोई भरोस नहीं है.”
ग़ज़ा में 11 दिनों के अंतर की तस्वीरः इन तस्वीरों को देखकर नुकसान का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. ऊपर दी गई तस्वीरें ग़ज़ा के उत्तरी इलाके बेत हनान की हैं. पहली तस्वीर 10 अक्टूबर की है. 11 दिन बाद उसी इलाके की दूसरी तस्वीर ली गई, जो दिखाती है कि कैसे इलाके में इमारतें ध्वस्त पड़ी हैं और तबाही का स्तर कितना बड़ा है. (bbc.com/hindi)