अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने मंगलवार को भारत का नाम लिए बगैर बातचीत का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा है कि सभी गंभीर और लंबित मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लिए 'युद्ध कोई विकल्प नहीं है' क्योंकि उन्हें ग़रीबी और बेरोज़गारी से लड़ना है.
पाकिस्तान मिनरल समिट की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने ये टिप्पणी की.
नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
उन्होंने अपने संबोधन में भारत का नाम तो नहीं लिया लेकिन समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उनका इशारा साफ़ तौर से भारत की तरफ़ ही था.
शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, "हम हर किसी से बातचीत के लिए तैयार हैं. यहां तक कि हमारे पड़ोसी के साथ भी. शर्त यही है कि वो पड़ोसी भी बातचीत की मेज पर गंभीर मुद्दों पर सुलझाने के लिए सीरियस हो क्योंकि युद्ध कोई विकल्प न हो."
सीमा पार चरमपंथ और कश्मीर समेत कई मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.
ऐसे हालात में शहबाज़ शरीफ़ का ये बयान आया है.
भारत ये कहता रहा है कि "जम्मू और कश्मीर उसका अविभाज्य अंग था, है और रहेगा."
12 अगस्त को पाकिस्तान की संसद का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. शहबाज़ शरीफ़ की हुकूमत चुनाव की तैयारी कर रही है. (bbc.com/hindi)