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बची है सिर्फ 30 घंटे की ऑक्सीजन, 'टाइटैनिक' को देखने पनडुब्बी में गए थे पांच यात्री
21-Jun-2023 8:53 AM
बची है सिर्फ 30 घंटे की ऑक्सीजन, 'टाइटैनिक' को देखने पनडुब्बी में गए थे पांच यात्री

पर्यटकों को लेकर दुनिया के सबसे चर्चित जहाज़ टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए निकली पनडुब्बी के पास अब महज़ 30 घंटे की ऑक्सीजन बची है.

रविवार से लापता इस पनडुब्बी में पांच यात्री सवार हैं. इनमें पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रितानी अरबपति व्यवसायी हामिश हार्डिंग, फ़्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव स्टॉकटन रश भी शामिल हैं.

20 हज़ार वर्ग किलोमीटर से बड़े महासागर के क्षेत्र में यूएस कोस्ट गार्ड का सर्च ऑपरेशन जारी है. इसमें कनाडा की नौसेना, वायु सेना और कोस्ट गार्ड के साथ-साथ न्यूयॉर्क एयर नेशनल गार्ड भी मदद कर रहे हैं.

यूएस कोस्ट गार्ड के अनुमान के अनुसार, पनडुब्बी में लगभग 30 घंटे की ऑक्सीजन बची है.

रविवार को यात्रा शुरू होने के एक घंटे 45 मिनट बाद पनडुब्बी से संपर्क टूट गया. तलाशी अभियान में दो सी-130 विमान और सोनार की मदद ली जा रही है.

टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए कितने रुपयों की ज़रूरत

आठ दिन की इस यात्रा के लिए ढाई लाख डॉलर यानी 2 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि की टिकट खरीदी जाती है. इस यात्रा के ज़रिए टाइटैनिक के मलबे को समुद्र में 3800 मीटर नीचे जाकर देखा जा सकता है.

ओशनगेट कंपनी के विज्ञापन के अनुसार, ये आठ दिनों की यात्रा साधारण ज़िंदगी से निकलने और कुछ असाधारण खोजने का मौका है.

इस छोटी पनडुब्बी में एक पायलट और तीन टिकट खरीदने वाले मेहमान यात्री होते हैं. उनके अलावा कंपनी के मुताबिक पनडुब्बी में एक एक्सपर्ट भी सवार होते हैं.

ये मिशन न्यूफ़ाउंडलैंड में सेंट जॉन्स से शुरू होता है.

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उसके पास तीन पनडुब्बी हैं, जिनमें से केवल लापता होने वाले टाइटन में ही इतनी गहराई तक जाने की क्षमता है.

इस पनडुब्बी का वज़न 10 हज़ार 432 किलोग्राम है और वेबसाइट की मानें तो ये 13 हज़ार 100 फ़ुट की गहराई तक जा सकती है. पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन सपोर्ट बचा है.

टाइटैनिक जहाज़ साल 1912 में न्यूयॉर्क की अपनी पहली यात्रा के दौरान डूब गया था. ये अपने समय में सबसे बड़ा ज़हाज़ था. इसमें मौजूद 2200 यात्रियों और क्रू के सदस्यों में से 1500 से अधिक मारे गए थे. इस जहाज़ का मलबा पहली बार 1985 में खोजा गया था.

शहज़ादा दाऊद कौन हैं?

शहज़ादा दाऊद एक बड़े पाकिस्तानी कारोबारी परिवार के सदस्य हैं. वो ब्रिटेन में प्रिंस ट्रस्ट चैरिटी के बोर्ड के सदस्य भी हैं. उनके बेटे सुलेमान भी लापता पनडुब्बी पर सवार हैं.

दाऊद परिवार पाकिस्तान के सबसे धनी परिवारों में से एक है, लेकिन इनका ब्रिटेन से भी गहरा नाता है.

शहज़ादा दाऊद एंग्रो कॉर्पोरेशन के वाइस चेयरमैन हैं. ये कंपनी उर्वरक, खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों में काम करती है.

ब्रितानी मीडिया के अनुसार, शहज़ादा दाऊद का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन बाद में वो यूके चले गए.

वहां उन्होंने बकिंघम यूनिवर्सिटी से कानून विषय की पढ़ाई की. इसके बाद फिलाडेल्फिया विश्वविद्यालय से ग्लोबल टेक्सटाइल मार्केटिंग में एमएससी भी किया.

शहज़ादा दाऊद एक अंतरिक्ष अनुसंधान कंपनी 'सेटी' संस्थान के ट्रस्टी भी हैं.

जानकारी के मुताबिक, शहज़ादा दाऊद अपनी पत्नी क्रिस्टीन और अपने बच्चों सुलेमान और अलीना के साथ ब्रिटेन में रह रहे हैं. (bbc.com/hindi)


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