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उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने कल नई और अधिक उन्नत किस्म की एक मिसाइल का परीक्षण किया है जो पहले की मिसाइलों के मुक़ाबले परमाणु हमला करने में अधिक सक्षम है.
उत्तर कोरिया का कहना है कि ये एक सॉलिड फ्यूल इंटरकॉन्टिनेस्टल बैलिस्टिक मिसाइल है जो उसका अब तक का "सबसे अधिक शक्तिशाली" हथियार है.
सरकारी न्यूज़ एजेंसी केसीएनए ने इस परीक्षण को सफल करार दिया है.
परीक्षण के दौरान देश के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन, उनकी बेटी और उनकी बहन भी मौजूद थे.
किम जोंग-उन ने कहा है कि ह्वासांग-18 नाम की ये मिसाइल उत्तर कोरिया की आक्रामक रणनीति में मदद कर सकेगा. उन्होंने कहा कि इस परीक्षण से उनके दुश्मन "डरेंगे और चिंता करेंगे."
उत्तर कोरिया के इस परीक्षण के कारण जापान ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की और कहा कि वो सुरक्षित जगहों पर छिप जाएं. हालांकि इसके 30 मिनट बाद ही चेतावनी को वापस ले लिया गया.
वहीं दक्षिण कोरिया ने कहा है कि जिस तकनीक की बात उत्तर कोरिया ने की है वो नई नहीं है और उसे सही मायनों में सॉलिड फ्यूल इंटरकॉन्टिनेस्टल बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में अभी और कोशिश और वक्त लगेगा.
बीबीसी सोल संवाददाता जीन मैकिन्ज़ी बताते हैं कि उत्तर कोरिया के अनुसार ये परमाणु हथियारों के उनके ज़खीरे का सबसे शक्तिशाली हथियार है.
वो कहते हैं, "इसके परीक्षण की तस्वीरें सरकारी मीडिया के पहले पन्ने पर छाई रहीं. लेकिन देखा जाए तो उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के लिए बड़ी उपलब्धि है. लिक्विड फ्यूल मिसाइलों के मुक़ाबले इंटरकॉन्टिनेस्टल बैलिस्टिक मिसाइलों को बिना चेतावनी के छोड़ा जा सकता है, इस कारण उन्हें आसानी से डिटेक्ट कर पाना मुश्किल होता है."
"जिस तरह से किम जोंग-उन अपने परमाणु हथियारों का विकास कर रहे हैं जानकार मानते हैं कि वो चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें एक परमाणु संपन्न देश के रूप में स्वीकार करे." (bbc.com/hindi)