सामान्य ज्ञान
सतारा
01-May-2021 12:32 PM
Join WhatsApp Group 1 यहाँ क्लिक करे
सतारा एक प्रकार का धन वाद्य है जिसका उपयोग प्राय: ताल के लिए किया जाता है। सतारा मुख्य रूप से राजस्थान की लोकसंस्कृित का एक हिस्सा है।
सतारा को दो बांसुरियों को एक साथ निरंतर स्वांस प्रक्रिया द्वारा बजाया जाता है। एक बांसुरी केवल श्रुति के लिए तथा दूसरी को स्वरात्मक रचना के लिए काम में लिया जाता है। फिर घी ऊब सूख लकड़ी में छेद करके इसे तैयार किया जाता है। दोनों बांसुरियों एक सी लंबाई होने पर पाबा जोड़ी, एक लंबी और एक छोटी होने पर डोढ़ा जोड़ा एवं अलगोजा नाम से भी जाना जाता है। यह पूर्ण संगीत वाद्य है तथा मुख्य रुप से चरवाहों द्वारा इसका वादन होता है। यह वाद्य मुख्यतया जोधपुर तथा बाड़मेर में बजाया जाता है।
Join WhatsApp Group 2 यहाँ क्लिक करे


