सामान्य ज्ञान

चटगांव
03-Feb-2021 12:29 PM
चटगांव

चटगांव (बांग्ला-चट्टोग्राम), बांग्लादेश का एक प्रमुख बंदरगाह और दूसरा सबसे बड़ा शहर है। चटगांव एक गहरे पानी का प्राकृतिक बंदरगाह है। बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट और कर्णफुली नदी के मुहाने पर स्थित यह शहर, देश के दक्षिणी विभाग में पड़ता है। वर्ष 2011 में इसकी अनुमानित जनसंख्या 65 लाख से अधिक थी। दक्षिण एशिया में यह वाणिज्य, उद्योग और जहाजरानी (शिपिंग) का एक प्रमुख केंद्र है। यह दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते महानगरों में से भी एक है।
सदियों से चटगांव के इस प्राचीन प्राकृतिक बंदरगाह ने बंगाल और बंगाल की खाड़ी के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों के लिए एक प्रवेश द्वार का कार्य किया है। इस बंदरगाह ने मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और चीन के व्यापारियों को आकर्षित किया है। अरब अन्वेषक इब्न-बतूता, वेनिस के व्यापारी निकोलो डे  कोंटी और चीनी एडमिरल झेंग ही समेत कई ऐतिहासिक यात्री इस बंदरगाह से होकर गुजरे हैं। 16 वीं सदी के पुर्तगाली साम्राज्य में इसे पोर्टो ग्रांडे डी बेंगाला के नाम से जाना जाता था। 
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब को हराने के बाद 1760 में बंदरगाह का नियंत्रण प्राप्त किया। 19 वीं सदी में ब्रिटिश राज के तहत, आधुनिक चटगांव बंदरगाह के विकास के लिए असम-बंगाल रेलवे का निर्माण किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा अभियान के दौरान यह मित्र देशों की सेना के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बना। 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद, चटगाव पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बन गया। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की शुरुआत में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा चटगांव से की गई।
 


अन्य पोस्ट