सामान्य ज्ञान
विंसेंट वैन गॉग का नाम दुनिया के जाने-माने चित्रकारों में शामिल किया जाता है। हालांकि उन्हें जीते जी वो सम्मान कभी नहीं मिल पाया, जो अब उन्हें हासिल है। एम्सटरडम का वैन गॉग म्यूजियम अब उनके काम को नए अंदाज में पेश कर रहा है।
वैन गॉग का जन्म 30 मार्च 1853 को हुआ। 1890 में मृत्यु होने तक गॉग 800 से ज्यादा पेंटिंग और करीब 1000 स्केच बना चुके थे। उन्होंने खुद के भी कई पोट्रेट बनाए। उनकी कुछ मशहूर पेंटिंग्स में शामिल है-सूर्यमुखी के चार फूल और उनकी गर्भवती पत्नी की तस्वीर।
गॉग की एक पेंटिंग का नाम है द पोटैटो ईटर्स। 1885 में जिस समय गॉग ने इसे बनाया, उनकी रचनात्मकता चोटी पर थी। इस तस्वीर में गहरे स्याह रंगों से उन्होंने नीदरलैंड्स का एक परिवार दिखाया है।
फरवरी 1888 में गॉग दक्षिण फ्रांस के शहर आल्र्स में रहने लगे। उन्हें यहां का मौसम और रंगबिरंगा माहौल भा गया। आल्र्स में उन्होंने रचनात्कमता का सबसे गहन अनुभव किया। उन्होंने यहां 10 पेंटिंग और पांच स्केच बनाए। उन्होंने अपने भाई को खत में लिखा कि द हार्वेस्ट उनकी सबसे शानदार रचनाओं में एक है।
आल्र्स में गॉग के कमरे की पेंटिंग भी बेहद मशहूर है। हालांकि समय के साथ रंग फीके पड़ गए हैं। दरवाजा और दीवार पहले बैंगनी रंग के थे, फर्नीचर और फर्श का रंग भी हल्का हो गया है। वैन गॉग म्यूजियम में दर्शकों को टच वैन गॉग ऐप दिया जाता है। ऐप दिखाता है कि पेंटिंग के वास्तविक रंग क्या थे। वैन गॉग म्यूजियम 1973 में सार्वजनिक किया गया, लेकिन नई प्रदर्शनी में बिल्डिंग भी डिजाइन का हिस्सा है। दीवारें सफेद से हरी कर दी गई हैं। प्रदर्शनी के हर अध्याय को प्रदर्शित पेंटिंग के रंगों के हिसाब से सजाया गया है।
वैन गॉग को एक पृथक कलाकार के रूम में माना जाता है, लेकिन वह भी किसी से प्रेरित थे। वह पॉल गाउग्विन के काम को पसंद करते थे। उनके सम्मान में गॉग ने 1888 में चार सूर्यमुखी के फूलों की पेंटिंग बनाई। कुछ समय बाद जब गाउग्विन आल्र्स पहुंचे तो पेंटिंग देख बहुत खुश हुए। गॉग ने इसकी तीन प्रतियां और बनाईं, जिनमें से एक इस म्यूजियम में देखी जा सकती है। गाउग्विन कल्पना पर आधारित चित्र बनाते थे जबकि गॉग सिर्फ मॉडल से ही बनाते थे।
आल्र्स के एक पीले मकान में विंसेंट वैन गॉग एक आर्टिस्ट कॉलोनी बनाना चाहते थे, लेकिन सिर्फ पॉल गाउग्विन ही ऐसे कलाकार थे जिन्होंने यहां कुछ समय बिताया। दिसंबर 1888 में एक झगड़े के बाद वह घर छोड़ कर चले गए। इसी समय गॉग बायां कान खो बैठे, इसकी वजह आज तक साफ नहीं है। इस बारे में अब तक नहीं पता कि उन्होंने खुद कान काट लिया था या इसमें गाउग्विन का हाथ था। व्हीटफील्ड विद क्रोज गॉग की अंतिम कुछ पेंटिंग्स में है। गहरे रंग और ब्रश का इस्तेमाल खास गॉग का अंदाज दिखाते हैं। गॉग अपने समय से आगे माने जाते थे। उन्होंने अपने काम से कई कलाकारों को प्रेरित किया। 29 जुलाई 1890 को 37 साल की उम्र में गॉग की गोली लगने से मौत हो गई। अनुमान लगाए जाते हैं कि उन्होंने खुद को गोली मार ली थी।


