सामान्य ज्ञान
केंद्र सरकार ने अब तक करीब पचास बिलियन टन भू-वैज्ञानिक संसाधनों से संपन्न 218 कोयला खंडों को कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम 1973 के अधीन पात्र सार्वजनिक एवं निजी कंपनियों को आवंटित किया है।
इनमें से 25 खंडों का आवंटन वापस ले लिया गया, लेकिन बाद में दो कोयला खंड दोबारा आंवटित कर दिए गए। इस प्रकार इस समय 195 कोयला खंड आवंटित हैं, जो करीब 44.23 बिलियन टन भू-वैज्ञानिक संसाधनों से संपन्न है। इन 195 आवंटित कोयला खंडों में से 24.1 बिलियन टन भू-वैज्ञानिक संसाधन वाले 81 कोयला खंड बिजली क्षेत्र को, 9 बिलियन टन भू-वैज्ञानिक संसाधन वाले 63 कोयला खंड लौह और इस्पात क्षेत्र को तथा 0.6 बिलियन टन भू-वैज्ञानिक संसाधन वाले 6 खंडों को सीमेंट क्षेत्र को आवंटित किया गया है।
प्राक्कलन समिति
1. इस समिति में लोकसभा के 30 सदस्य होते हैं। इसमें राज्यसभा के सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता है।
2. समिति के सदस्यों का चुनाव प्रत्येक वर्ष आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है।
3. इसके सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष होता है।
4. यह समिति सरकारी खर्च में कैसे कमी लाई जाए, संगठन में कैसे कुशलता लाई जाए तथा प्रशासन में कैसे सुधार किए जाएं आदि विषयों पर रिपोर्ट देती है।
5. प्राक्कलन समिति के प्रतिवेदन पर सदन में बहस नहीं होती है, परंतु यह समिति अपना कार्य वर्ष भर करती है और अपना दृष्टिïकोण सदन के समक्ष रखती है।


