सामान्य ज्ञान
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, 2013 (एनएफएसए,2013) के अंतर्गत 30 सितंबर 2015 को मिड डे मील नियम, 2015 अधिसूचित किया है। इसमें मध्यान्ह भोजन योजना सहित कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित प्रावधान है।
कानून के प्रावधानों के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद मध्यान्ह भोजन नियम तय किए हैंराष्ट्रीय यह भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचित होने के दिन से प्रभावी हो जाएंगे।
मिड डे मील नियम-2015 के तहत छह से चौदह साल की आयु के कक्षा एक से आठवीं तक में पढऩे वाले बच्चों को गर्म और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। नियमों के अनुसार प्राथमिक कक्षा के बच्चों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन युक्तक भोजन दिया जाएगा। उच्च प्राथमिक कक्षा के बच्चों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन वाला भोजन दिया जाएगा। स्कूलों में छुट्टी के अलावा यह भोजन उन्हें प्रतिदिन मुफ्त दिया जाएगा। भोजन सिर्फ स्कूलों में ही दिया जाएगा। इसके तहत हर स्कूल में खाना बनाने की सुविधा होगी। यहां साफ-सुथरे तरीके से खाना बनाने की व्यवस्था होगी। केंद्रीय सरकार द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक जहां जरूरत हो वहां शहरी इलाकों के स्कूल भोजन तैयार करने में केंद्रीयकृत रसोई घर का इस्तेमाल कर सकते हैं। भोजन सिर्फ संबंधित स्कूलों में ही परोसा जाएगा।
पोषक मानक सुनिश्चित करने के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं द्वारा भोजन की जांच किए जाने का प्रावधान है। सरकार की खाद्य अनुसंधान प्रयोगशालाएं बच्चों को दिये जाने वाले भोजन की जांच करेंगी और गुणवत्ता प्रमाणित करेंगी। यदि स्कूलों में या किसी स्कूल में अन्न और खाना पकाने की व्यवस्था अर्थात ईंधन या रसोईये के लिए पैसे न हों तो सरकार भोजन देने के महीने के अगले महीने की 15 तारीख को निम्नलिखित तरीके से खाद्य सुरक्षा भत्ता मुहैया कराएगी। यदि एक महीने में लगातार तीन स्कूली दिन या पांच दिन भोजन नहीं मिलता तो व्यक्ति या एजेंसी पर जिम्मेादारी निर्धारित करने के लिए राज्य सरकार नियमों के मुताबिक कार्यवाही करेगी। यदि इस मामले में केंद्र सरकार की कोई एजेंसी शामिल होगी तो वहां राज्य सरकार मामले को केंद्र सरकार के पास ले जाएगी। केंद्र सरकार इसे एक महीने के अंदर सुलझाएगी।


