सामान्य ज्ञान

कौन थी सुरसा
24-Aug-2020 12:50 PM
कौन थी सुरसा

महर्षि कश्यप ब्रम्हा के मानस पुत्र मरीचि के पुत्र थे।  इस प्रकार वे ब्रम्हा के पोते हुए।  महर्षि कश्यप ने ब्रम्हा के पुत्र प्रजापति दक्ष की 17 कन्याओं से विवाह किया।  इसी में से एक कन्या का नाम सुरसा था। संसार की सारी जातियां महर्षि कश्यप की इन्ही 17 पत्नियों की संतानें मानी जाति हैं।

कश्यप ऋषि ने सुरसा की कोख से राक्षस जाति को जन्म दिया है।  ये जाति विधान और मैत्री में विश्वास नहीं रखती और चीजों को हड़प करने वाली मानी जाति मानी जाती है।  कई लोगों का कहना है की राक्षस जाति की शुरुआत रावण द्वारा की गई। दैत्य, दानव और राक्षस जातियां एक सी लगती जरुर हैं लेकिन उनमे अंतर था।  दैत्य जाति अत्यंत बर्बर और निरंकुश थी।  दानव लोग लूटपाट और हत्याएं कर अपना जीवन बिताते थे तथा मानव मांस खाना इनका शौक होता था।  राक्षस इन दोनों जातियों की अपेक्षा अधिक संस्कारी और शिक्षित होते थे।  रावण जैसा विद्वान् इसका उदाहरण है।  राक्षस जाति का मानना था कि वे रक्षा करते हैं।  एक तरह से राक्षस जाति इन सब में क्षत्रियों की भांति थी और इनका रहन सहन, जीवन और ऐश्वर्य दैत्यों और दानवों की अपेक्षा अधिक अच्छा होता था। महाभारत में उल्लेख है कि पांडु पुत्र भीम ने भी एक राक्षसी हिडिंबा से विवाह किया था।

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