सामान्य ज्ञान
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वर्ष 1950 में हुए दिल्ली समझौता को नेहरू-लियाकत समझौता भी कहते हैं। यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 1939 में आर्थिक संबंध टूट जाने के बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में दोनों देशों के बीच तनाव बढऩे पर 8 अप्रैल 1950 को हुआ था। 1950 के दौरान करीब 10 लाख लोगों ने सीमा पार की थी,जिनमें पूर्वी पाकिस्तान के हिंदू और पश्चिम बंगाल के मुसलमान शामिल थे ।
अपने सहयोगी मंत्री वल्लभभाई पटेल के विरोध के बावजूद भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अली खां के साथ समझौता किया। जिसके अंतर्गत शरणार्थियों को बिना हस्तक्षेप के अपनी संपत्ति बेचने के लिए वापस जाने की व्यवस्था और अपहृत महिलाओं और लूटी गई संपत्ति वापस लौटाया जाना । जबरन धर्म परिवर्तन का अस्वीकार और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पक्की सुरक्षा व्यवस्था की जानी थी। इन्हें लागू करने के लिए अल्पसंख्यक आयोग गठित किए गए थे और कुछ समय के लिए सचमुच ही आपसी विश्वास लौट आया था।