सामान्य ज्ञान
कुडनकुलम उर्जा नाभिकीय संयंत्र
20-Jun-2022 10:38 AM
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कुडनकुलम उर्जा नाभिकीय संयंत्र 8 जून 2014 को 1000 मेगावाट बिजली पैदा करने वाला भारत का पहला नाभिकीय संयंत्र बना। कुडनकुलम नाभिकीय संयंत्र की प्रथम इकाई अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच गई।
कुडनकुलम से पहले गुजरात की टाटा मुंद्रा परियोजना 800 मेगावाट बिजली की क्षमता के साथ सबसे बड़ी एकल उत्पादन इकाई थी। कुडनकुलम की योजना सर्वप्रथम वर्ष 1988 में तैयार की गई थी। इसे वर्ष 2011 में खोलने की योजना थी लेकिन बड़े सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करने के कारण देर हुई।
यह संयंत्र भारत के पावर ग्रिड से जुडऩे वाला 20वां नाभिकीय ऊर्जा स्टेशन है। कुडनकुलम परमाणु संयंत्र परियोजना जुलाई 2013 में क्रिटीकल बिंदु पर पहुंच गई। क्रिटीकल बिंदु वह बिंदु है जिस पर नाभिकीय श्रृंखला अभिक्रिया आत्मनिर्भर हो जाती है।
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