सामान्य ज्ञान

वैद्य परंपरा
28-Dec-2021 11:30 AM
वैद्य परंपरा

आयुर्वेद या अन्य पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली का अभ्यास करने वाले चिकित्सकों को वैद्य या वैद्यराज कहते हैं। आधुनिक  डॉक्टर  इसका पर्याय है। अधिक अनुभवी वैद्यों को  वैद्यराज कहते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन काल में राजा-महाराजाओं के अपने निजी वैद्य हुआ करते थे जिन्हें राजवैद्य कहते थे। ईसा पूर्व 5 वीं शती में ही भारत में आयुर्वेद संहिताएं आविष्कृत हुई थीं । जिसके कारण  आयुर्वेद एक वैज्ञानिक चिकित्सा - पद्धति के रूप में विकास पाने लगा ।

भारतीय परिकल्पना के अनुसार आयुर्वेद का आदि गुरु ब्रह्मा है । ब्रह्मा से प्रजापति, प्रजापति से अश्वनि कुमार तथा उनसे इन्द्र ने आयुर्वेद सीखा । मानव समाज में आयुर्वेद के प्रचारक जो महावैद्य हुए उन्होंने इन्द्र से ज्ञानार्जन किया था । यह इन्द्र वह इन्द्र नहीं होगा जो हिन्दू पुराण में आया है । वे तो प्राचीन काल के कोई प्रगल्भ वैज्ञानिक एवं अध्यापक रहे होंगे । बताया जाता है कि आत्रेय, धन्वंतरि, कश्यप आदि अनेक  ने इन्द्र से आयुर्वेद सीखा । उनके शिष्यों द्वारा आयुर्वेद एक उत्कृष्ट चिकित्सा पद्धति एवं जीवन दर्शन के रूप में विकसित किया गया  । अनेक ग्रन्थ भी निर्मित हुए । प्रत्येक महावैद्य ने आयुर्वेद के आदि आचार्य के रूप में भिन्न - भिन्न व्यक्तियों का नाम लिया है ।


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