सामान्य ज्ञान

ख़ैबर-पख्तूनख्वा
23-Dec-2021 11:11 AM
ख़ैबर-पख्तूनख्वा

ख़ैबर-पख्तूनख्वा (पहले-उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफग़़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है । यहां पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख्तून भी कहते हैं । इनकी मातृभाषा पश्तो है । इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफग़़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है ।

यहां पर आर्यों का आगमन ईसा के कोई 2000 साल पहले आरंभ हुआ । इस क्षेत्र में इंडो-ईरानियन शाखा आई । माना जाता है कि सातवीं सदी ईसापूर्व में हिन्दू महाजनपद गान्धार यहीं या इसी के समीप स्थित था । ईसा के 200 साल पहले बौद्ध धर्म यहां बहुत लोकप्रिय हुआ । मौर्यों के पतन के बाद इसपर कुषाणों का शासन आया । यह कुषाण साम्राज्य की राजधानी था और इस्लाम आने से पहले इस पर ईरानी आकर्मण भी होते रहे । इससे यहां जरथुष्ट्र के अनुयायियों की भी आबादी थी ।

सातवीं सदी में चीन के पर्यटकों ने यहां के बौद्ध धर्म का जिक्र किया है । ग्यारहवीं सदी में गजऩी के महमूद ने बौद्ध तथा जोरास्ट्री शाहों को हराकर अपना शासन स्थापित किया । गजऩी तथा गजऩी पर गोर के शासन के बाद यहां तुर्क तथा अरबों की आबादी बढ़ती गई । दिल्ली सल्तनत के शासन में भी यहां इस्लाम अपनाया गया । मुग़लों तथा फ़ारस के साफ़वियों के बीच इस क्षेत्र को लेकर संघर्ष होता रहा । 1893 में अंग्रेज़ों ने अफग़ानों से यह क्षेत्र एक समझौते में ले लिया और 1947 में जब पाकिस्तान आज़ाद हुआ तो यह पाकिस्तान का अंग बन गया । उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त में 24 जिले हैं।


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