सामान्य ज्ञान
रेपसीड यानी सफेद सरसों का इस्तेमाल मनुष्य सदियों से कर रहा है. मध्यकाल से ही यह दीया जलाने के लिए तेल का भी स्रोत है। 19वीं सदी में रेपसीड के तेल का इस्तेमाल इंजन में चिकनाई पैदा करने वाले ल्यूब्रिकेंट के रूप में हुआ। रेपसीड को गोभी का बीज कहा जाता है। रेपसीड क्रूसीफेरी परिवार का एक सदस्य है और 75-175 सेमी की ऊंचाई तक बढ़ता है। पीले फूल, नीले, हरे पत्ते और भारी गहरी, रेशेदार मुख्य जड़ और छोटे गोल तथा काले , लाल रंग के बीज , इस पौधे की मुख्य पहचान हैं। यह पृथ्वी के सबसे प्राचीन पौधों में से एक है।
रेपसीड के तेल का इस्तेमाल प्राचीन काल से प्रकाश व्यवस्था के लिए होता आया है। रेपसीड तेल मानव उपभोग के लिए सबसे महत्वपूर्ण वनस्पति तेलों में से एक है। यूरोपीय संघ, पोलैंड और चेक गणराज्य, चीन, भारत, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में इसकी खेती बहुतायक में की जाती है।


