सामान्य ज्ञान
दालचीनी का प्रयोग गरम मसाले में किया जाता है। इसके अलावा अनेक औषधीय पदार्थों में भी इसका उपयोग होता है। यह दाल चीनी रुड्डह्वह्म्ड्डद्गड्डद्ग जाति के एक छोटे सदाबहार पेड़ की भीतरी छाल से प्राप्त की जाती है। सबसे अच्छी दाल चीनी श्रीलंका से आती है, लेकिन यह पेड़ दक्षिण भारत, जावा, सुमात्रा, वियतनाम, मैडागास्कर, जंजीबार, मिस्र,वेस्टइंडीज और ब्राजील में भी मिलते हैं।
दालचीनी का पेड़ काफी बड़ा होता है। जब इसका पेड़ बड़ा हो जाता है तो इसकी जड़ों से दर्जनों डालियां निकलती हैं। इनकी ऊपर छाल उतार ली जाती है और इसे सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस छाल के भीतरी हिस्से से ही दालचीनी बनाई जाती है।
दालचीनी का प्रायेग तरह-तरह के भोज्य पदार्थो में किया जाता है। ईसा से कोई दो हजार साल पहले चीन से इसे मिस्र लाया गया था। हाल के अध्ययन से यह भी पता चला है कि इसके नियमित प्रयोग से डायबिटिज और कोलेस्ट्राल पर भी नियंत्रण होता है।


