सामान्य ज्ञान
कच्छ का रण गुजरात के कच्छ जिले में थार रेगिस्तान में स्थित एक मौसमी ख़ार है। कच्छ गुजरात के सबसे बड़े जिलों में से एक है। यह अरब सागर और नमक की पपड़ी की तरह जमे रेगिस्तान से घिरा हुआ है। यह जिला कई प्रकार के शिल्प और परंपराओं की अंतिम सीमा माना जाता है।
कच्छ का रण शिल्प कौशल के उदगम स्थल के रूप में भी वर्णित है। शिल्प कौशल के अंतर्गत ब्लॉक प्रिंटिंग, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की नक्काशी, धातु शिल्प और अन्य हस्तशिल्प आते हैं। इस जिले का इतिहास हड़प्पा सभ्यता के धोलावीरा स्थान से भी संबंधित है। जडेजा राजपूत वंश ने यहां वर्ष 1540 से लेकर वर्ष 1940 तक शासन किया है। कच्छ का रण में भारतीय जंगली गधे की वन्यजीव प्रजाति का निवास स्थान है। भारतीय बस्टर्ड और संकटग्रस्त पक्षियों की प्रजाति लिए ये प्रजनन भूमि के रूप में उपयोगी है।
हर साल इस क्षेत्र में दिसंबर महीने में रण उत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं। यह महोत्सव फरवरी महीने तक चलता है। इस वर्ष 2013 में रण उत्सव सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर आयोजित किया गया है।
रण उत्सव को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 में प्रारंभ किया गया। शुरू में इसे तीन दिनों के लिए आयोजित किया गया, परन्तु लोगों के भारी उत्साह को देखते हुए रण महोत्सव को दो माह तक के लिए आयोजित किया जाने लगा।
कच्छ का रण के प्राकृतिक सौंदर्य की तस्वीरें लेने के लिए देश और विदेश से पेशेवर फोटोग्राफर यहां पहुंचते हैं। इस उत्सव में ऊंट सफारी, रेगिस्तान बाइकिंग, पैरा मोटरिंग, और लोक संगीत के रूप में लोकगीत भी आकर्षण का केंद्र रहते हैं।


