सामान्य ज्ञान
दमा श्वांस की एक प्रकार की बीमारी है। इस बीमारी में श्वांस लेने में कठिनाई होती है।
दमे के मरीज की श्वांस की नली बहुत संवेदनशील होती है। उसके भीतर सूजन हो जाने से वह संकरी हो जाती है। जिससे खांसी उठती हैं और श्वांस फूलने लगती है। छाती में जकडऩ होती है। दमा कई कारणों से हो सकता है। पहला कारण है आनुवांशिक। यानी पीढ़ी दर पीढ़ी यह बीमारी चलती रहती है। दूसरा पर्यावरण प्रदूषण, धूम्रपान, वायरस का संक्रमण आदि। दमे पर दवाइयों से नियंत्रण रखा जा सकता है। इनमें सबसे आम है इन्हेलर। जिसे मुंह में रखकर श्वांस खींची जाती है और दवा भीतर पहुंच कर श्वांस नली को चौड़ा कर देती है। यदि दमे के लक्षण बढऩे लगे तो उसे स्टैराइड की गोलियां दी जाती हैं। इसके अलावा नैबुलाइजर का प्रयोग किया जाता है। जिसतरह ऑक्सीजन लगाई जाती है, उसी तरह इसमें एक मशीन के जरिए दवा की भाप पैदा की जाती है, और उसे मास्क के जरिए सीधे श्वांस द्वारा भीतर डाला जाता है।


