सामान्य ज्ञान
एरो, डाकघरों से संबंधित एक परियोजना है। इस परियोजना को चुने हुए डाकघरों की सेवाओं में सुधार के लिए एकीकृत और केंद्रित दृष्टिकोण के रूप में अप्रैल 2008 में अपनाया गया था। इस परियोजना का लक्ष्य डाकघरों की सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध करना था ताकि डाकघर आम-आदमी के लिए विश्व की ओर एक झरोखा के रूप में स्थापित हो सकें। परियोजना ऐरो का मुख्य लक्ष्य आम-आदमी पर केंद्रित है।
इस परियोजना का लक्ष्य है- डाकघरों को आम आदमी के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं की उपलब्धता के रूप में स्थापित करना, ये सेवाएं अब तक शहरी क्षेत्रों तक सीमित थीं।
डाकघरों को इस योग्य बनाना जिससे वह देश के सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन में नई भूमिका व चुनौतियों को अपनाकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकें। विशाल मानव उर्जा को प्रतिबद्ध व व्यावसायिक मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित करना, सूचना प्रौद्योगिकी उन्मुख सेवाओं का प्रबंध करना, विशेषकर उन स्थानों में जहां यह अति आवश्यक है।
परियोजना एरो के अधीन देश भर में अब तक 2515 डाकघरों को देखो और महसूस करो योजना के अधीन आधुनिक बनाया गया है और मुख्य संचालन के लिए कुल 18 हजार 600 डाकघरों पर नजर रखी जा रही है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में देखो और महसूस करो योजना के अधीन 2500 डाकघरों को आधुनिक बनाने का प्रस्ताव है और इनमें से 780 डाकघरों को वित्त वर्ष 2012-13 में आधुनिक बनाया गया है। 18 हजार 600 डाकघरों में मुख्य संचालन पर नजर रखने के लिए प्रौद्योगिक परियोजना के अधीन कम्प्यूटरीकरण और नेटवर्क के जरिए प्रौद्योगिकी उन्नयन किया गया। परियोजना एरो को वर्ष 2008-09 के लिए सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री का पुरस्कार दिया गया था।


