सामान्य ज्ञान

अष्टछाप कवि कौन - कौन से हैं?
04-Jun-2021 12:34 PM
अष्टछाप कवि कौन - कौन से हैं?

भारतीय साहित्य जगत में अष्टछाप कवि आठ माने गए हैं, जो प्राय: समकालीन ही हैं। 
हिन्दी साहित्य में कृष्णभक्ति काव्य की प्रेरणा देने का श्रेय श्री वल्लभाचार्य (1478 ई.-1530 ई,) को जाता है, जो पुष्टिमार्ग के संस्थापक और प्रवर्तक थे। उनके द्वारा पुष्टिमार्ग में दीक्षित होकर सूरदास आदि आठ कवियों की मंडली ने  महत्वपूर्ण साहित्य की रचना की थी। गोस्वामी बि_लनाथ ने सं.1602 के लगभग अपने पिता वल्लभ के 84 शिष्यों में से चार और अपने 252 शिष्यों में से चार को लेकर अष्टछाप के प्रसिद्ध भक्त कवियों की मंडली की स्थापना की। इन आठ भक्त कवियों में चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे- सूरदास, कुम्भनदास, सूरदास, परमानंद दास, कृष्णदास।
वहीं, अन्य चार गोस्वामी बि_लनाथ के शिष्य थे -  गोविंदस्वामी, नंददास, छीतस्वामी, चतुर्भुजदास।
ये आठों भक्त कवि श्रीनाथजी के मंदिर की नित्य लीला में भगवान श्रीकृष्ण के सखा के रूप में सदैव उनके साथ रहते थे, इस रूप में इन्हें  अष्टसखा की संज्ञा से जाना जाता है।   अष्टछाप के भक्त कवियों में सबसे ज्येष्ठ कुम्भनदास थे और सबसे कनिष्ठ नंददास थे।  काव्यसौष्ठव की दृष्टि से सर्वप्रथम स्थान सूरदास का है तथा द्वितीय स्थान नंददास का है।  सूरदास पुष्टिमार्ग के नायक कहे जाते है। ये वात्सल्य रस एवं श्रृंगार रस के अप्रतिम चितेरे माने जाते हंै।  सूरसागर उनकी प्रमुख रचना है। 
नंददास काव्य सौष्ठव एवं भाषा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इनकी महत्वपूर्ण रचनाओ में रासपंचाध्यायी, भवरगीत एवं  सिन्धांतपंचाध्यायी  है।   परमानंद दास के पदों का संग्रह  परमानन्द-सागर है। कृष्णदास की रचनाएं भ्रमरगीत एवं  प्रेमतत्व निरूपण है।
कुम्भनदास के केवल फुटकर पद पाये जाते हैं। इनका कोई ग्रन्थ नही है।  छीतस्वामी एवं गोविंदस्वामी का कोई ग्रन्थ नहीं मिलता।  चतुर्भुजदास की भाषा प्रांजलता महत्वपूर्ण है। इनकी रचना द्वादश-यश, भक्ति-प्रताप आदि है।
 

कुर्दी भाषा
कुर्दी , ईरान, तुर्की, ईराक़, सीरिया और दक्षिणी कॉकस क्षेत्र में रहने वाले कुर्दी लोगों की भाषा है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की ईरानी उपशाखा की एक सदस्य है। यह आधुनिक फ़ारसी भाषा से काफ़ी मिलती-जुलती है। 
दुनिया भर में कुर्दी बोलने वालों की संख्या 1.6 करोड़ अनुमानित की गई है। तुर्की में इसे मातृभाषा या दूसरी भाषा बोलने वाले उस देश की कुल आबादी के लगभग 12 प्रतिशत अनुमानित किये गए हैं। वास्तव में कुर्दी एक भाषा नहीं बल्कि बहुत सी कुर्दी उपभाषाओं का गुट है। 


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