सामान्य ज्ञान

सीटीसीआरआई
23-May-2021 12:43 PM
सीटीसीआरआई

केरल के तिरुवन्तपुरम स्थित केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान (सीटीसीआरआई) विश्व का एकमात्र संस्थान है, जो उष्णकटिबंधीय कंद फसलों के अनुसंधान को पूर्णतया समर्पित शोध संगठन है । 1963 में स्थापित सीटीसीआरआई को आज देश-विदेश के प्रमुख शोध संस्थानों में गिना जाता है । इसकी प्रतिष्ठा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है ।
 सीटीसीआरआई को  सरदार पटेल उत्कृष्ट आईसीएआर पुरस्कार भी प्रदान किया गया है । उसे यह पुरस्कार कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम उपलब्धि के लिए दिया गया है ।
 उष्णकटिबंधीय कंदमूल फसलों को सेतु फसलों के रूप में आदर्श माना जाता है । समय-समय पर खाद्य पदार्थों के अभाव को पूरा करने की इनकी क्षमता के कारण ही इन्हें सेतु फसल कहा जाता है ।सीटीसीआरआई के पास सभी कंदीय फसलों के कुल मिलाकर 4873 जननन द्रव्यों (जर्मप्लाज्मा) का विविधतापूर्ण संपन्न संग्रह है । इनमें से करीब 40 प्रतिशत विदेशी मूल के हैं । इन्हें नाइजीरिया, ब्राजील, कोलम्बिया, चीन और ताइवान जैसे प्रमुख उष्णकटिबंधीय कंदीय फसलों के उत्पादक देशों से प्राप्त किया गया है । कृषि तकनीक और पोषक तत्वों के प्रबंधन की पद्धतियों का विकास संस्थान में ही किया गया है ताकि सभी प्रमुख कंदमूल फसलों की भरपूर उपज प्राप्त हो सके ।  
भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय केन्द्र ने एलीफैन्ट फुट यैम (वृहदाकार रतालू) के तीन प्रमुख रोगों के उपचार की तकनीक विकसित की है ।
 

सीपा
सीपा यानी कॉम्प्रीहेसिंव इकोनामिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट,  भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2011 में हस्ताक्षरित एक समझौता है। जो 1 अगस्त 2011 से प्रभावी हो गया है। इस समझौते के तहत द्विपक्षीय  व्यापार  की 94 प्रतिशत वस्तुओं पर से प्रशुल्क अगले 10 बरसों में हटा लिया जाएगा। 
 


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