सामान्य ज्ञान
आइसन एक धूमकेतु है, जो 28 नवंबर यानी आज के दिन सूर्य के बहुत नजदीक होगा। अनुमान है कि आइसन इस दिन सूर्य से करीब 12 लाख किलोमीटर की दूरी पर होगा। इसे सदी का धूमकेतु भी कहा जाता है।
आइसन आकार में काफी बड़ा है। यह करीब एक किलोमीटर चौड़ा है। जब धूमकेतु सूर्य के बहुत पास आ जाते हैं तो टूट जाते हैं। आइसन की खोज 2012 में खगोलशास्त्री विटाली नेसकी और आर्टयोम नोविचोनोक ने की थी। इंटरनेशनल साइंटिफिक ऑप्टिकल नेटवर्क (आईएसओएन) के टेलिस्कोप से इसकी खोज होने के कारण इसका नाम आइसन रखा गया। इसकी उत्पत्ति प्रकाश वर्ष सी/2012 से होने की संभावना मानी जाती है। आइसन जैसे असामान्य धूमकेतु आमतौर पर पृथ्वी से एक बार ही दिखाई देते हैं, जबकि हैली के धूमकेतु यानि साधारण धूमकेतु करीब 75 साल में एक बार दिखाई दे जाते हैं।
आइसन एक कक्ष में चक्कर नहीं काट रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार आइसन पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा नहीं लौटेगा। वह अंतरिक्ष के असीम विस्तार में आगे निकल जाएगा और कभी वापस नहीं आएगा। इसलिए वैज्ञानिक इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।


