सामान्य ज्ञान
अमेरिका के पास अपने विशाल समुद्री तटों की रक्षा के लिए एक नया डेस्ट्रॉयर शिप मिल गया है। इसे दुनिया का सबसे ताकतवर वॉरशिप कहा जा रहा है। 32 शिपों की लागत से अमेरिका मात्र तीन शिप बना रहा है। इनमें से एक यह है। शिप की फाइनल कॉस्ट 4.4 अरब डॉलर आने का अनुमान है। इस शिप का ढांचा और बनावट ऐसी है कि रेडार के लिए इसे पहचान पाना 50 गुना ज्यादा मुश्किल है।
रेडार पर यह किसी मछली नौका जैसा दिखता है। इसमें तैनात गन रॉकेट तक दाग सकती हैं। यही नहीं ये 100 मील की दूरी तक सटीक निशाना लगा सकती हैं। बाकी डिस्ट्रॉयर की तुलना में इस पर क्रू की जरूरत कम होती है क्योंकि सारे काम एडवांस्ड होने के कारण ऑटोमैटिक हैं। वैसे 143 क्रू मेंबर्स दो साल से इसे ऑपरेट करने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसे टरबाइन से पैदा बिजली से चलाया जाता है। ये टरबाइन ठीक बोईंग 777 की टरबाइन जैसी हैं। जमवाल्ट को बाथ आयरन वक्र्स शिपयार्ड पर तैयार किया गया है और इसी हफ्ते एक सेरेमनी में इसे नेवी को सौंपा जाएगा। जमवाल्ट का होम पोर्ट सैन डिएगो होगा जहां इसके कुछ और ट्रायल व टेस्ट होंगे। जमवाल्ट के अलावा इस क्लास के दो और शिप - माइकल मंसूर और लिंडन बी. जॉनसन पर काम चल रहा है।


