गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 4 अक्टूबर। मनोकामना और विश्वास का पर्व शारदीय नवरात्रि गुरुवार को माँ दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के साथ सम्पन्न हो गया। नगर के विभिन्न स्थानों में विराजित प्रतिमाओं का छिंद तालाब में विसर्जन किया गया। भक्तों ने नम आंखों से माँ को विदाई देते हुए सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना की।
नगर में सुबह 10 बजे से ही प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। बरसते पानी के बीच भक्तगण और मंडलियां जसगीत की धुन पर नाचते-गाते, पटाखे फोड़ते और जयकारे लगाते हुए विसर्जन स्थल तक पहुंचे। कुछ समितियों ने बैंड बाजों का सहारा लिया तो कई श्रद्धालु भजन-कीर्तन और जसगीत गाते हुए माता की प्रतिमा को विदा करने पहुंचे। नगर के मुख्य मार्गों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जगह-जगह पूजा-अर्चना और जय माता दी के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल चौक-चौराहों पर मुस्तैद रहा।
इसके पहले पूरे नवरात्रि में नगर का माहौल धार्मिक और भक्तिमय बना रहा। मंदिरों व दुर्गा पंडालों में जसगीत, भजन, कीर्तन और विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। गांधी मैदान, बजरंग चौक, यादव पारा, सुभाष चौक, शिक्षक नगर, सिविल लाइन, संतोषी मंदिर सहित विभिन्न स्थलों पर माँ दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की गई थीं। गुजराती समाज और श्री सार्वजनिक नव दुर्गा उत्सव समिति द्वारा प्रतिदिन गरबा नृत्य का आयोजन किया गया, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा।
इस वर्ष भी नगर पालिका प्रशासन ने विसर्जन स्थल छिंद तालाब पर विशेष व्यवस्था की। प्रतिमा विसर्जन क्रेन की मदद से किया गया। इससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिली। तालाब में साफ-सफाई, रोशनी, पेयजल, तैराकी, नाव, रस्सी और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं। विसर्जन के दौरान पालिका अधिकारी-कर्मचारी पूरे समय मौजूद रहे।


