गरियाबंद
कृषि विभाग के प्रति किसानों में नाराजगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 24 सितंबर। कम एवं असमय बारिश के कारण अंचल के किसान अपनी खेती धान के फसल में भूरा माहु जैसे किट प्रकोप बीमारियों से परेशान है।
चंपारण के किसान दाऊ लाल साहू, ईश्वर चंद साहू,थानेश्वर साहू, हेमलाल साहू,वेदप्रकाश निषाद,रिखी राम निषाद ने बताया कि चंपारण में लगभग 15 00 एकड़ कृषि भूमि होगा,जिसमें लगभग सभी किसान चार से पांच बार मंहगी-महंगी कीटनाशक दवाई का छिडक़ाव अपने धान के फसलों को बचाने के लिए किया जा चुका है।फिर भी स्थिति बहुत खराब है, वहीं क्षेत्र के किसान शोभाराम साहू ने बताया कि ग्राम सेमरा,भोथी, टीला,डंगनिया,चंपारण के 25 फीसदी धान का फसल नष्ट हो गया है। कई गांव में काम बंद कर ग्राम व खार देवता के पूजा पाठ कराया जा रहा है।
किसान अपनी फसल बचाने के लिए सुबह 6 से भरे धूप एवं बरसते पानी में भी शाम रात तक दवाई का छिडक़ाव कर रहे हैं। फिर भी भूरा माहु जैसे कीट प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है,यह बीमारी खुर्री बोनी से ज्यादा देखा जा रहा है,रोपा और लईया बोनी में नहीं के बराबर है। कई गरीब किसान जो ऋण लेकर खेती करते हैं, एक एकड़, दो एकड़, तीन एकड़ में ऐसे किसानों को लगभग 4 से 5 बार दवाई का छिडक़ाव के बाद भी कीट प्रकोप आधा नष्ट नहीं हुआ है। वहीं सभी किसानों ने एक स्वर से कहा है कि कृषि विभाग के कोई भी अधिकारी का कहीं अता-पता नहीं है। जिसके कारण ग्रामीण अंचलों की स्थिति बहुत खराब हो रहा है।
किसानों का कहना है कि इस बार अधिक तापमान और कम बारिश या असमय बारिश होना भी फसलों में बिमारी फैलने का एक कारण है, आज तो स्थिति ऐसी है की उधारी में लिए दवाई के पैसा देने के लिए भी अपना फसल नहीं बचा पाएगा। इस प्रकार से चंपारण के किसान विजय कुमार साहू, दुष्यंत साहू,ईश्वर साहू,रिखी राम निषाद,खेमू,सहित अनेक गांवों के किसान कीट प्रकोप से भारी परेशान है,किसानों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि अतिशीघ्र उचित कार्रवाई कर राहत प्रदान करें। वहीं इस संबंध में विकासखंड कृषि विस्तार अधिकारी श्री तिवारी से मोबाइल पर चर्चा करने पर कहा कि अत्याधिक उमश के कारण कीट प्रकोप की शिकायत हो सकती है,अगर ऐसी शिकायत है तो दौरा कर उचित कार्रवाई,मार्ग दर्शन किया जाएगा।


