गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 17 सितंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी को प्राचार्य पदोन्नति हेतु पात्र रहे सेवानिवृत्त प्रधानपाठकों तथा व्याख्याताओं को काल्पनिक पदोन्नति देने ई-मेल किया है। प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, संभाग अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ठाकुर,जिला अध्यक्ष मिश्री लाल तारक,विकास खण्ड अध्यक्ष यशवंत कुमार साहू,जिला कोषाध्यक्ष सोहन सेन,शोभा राम साहू,आर डी साहू,सुनीता यादव,अंजनी यादव, आशा ध्रुव एवं समस्त सदस्यों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राजपत्र 5 मार्च 2019 द्वारा एजुकेशन एवं ट्राइबल के शिक्षक संवर्गों के लिये समेकित भर्ती-पदोन्नति नियम बनाया गया था।
प्राचार्य पद पर पदोन्नति हेतु मार्च/अप्रैल 2025 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में पात्र व्याख्याताओं एवं प्रधानपाठकों के पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक (डी.पी.सी) हुआ था। लेकिन विभागीय प्रक्रिया में व्यवधान के फलस्वरूप 30/4/25 को टी-संवर्ग में 1335 तथा ई-संवर्ग में 1478 प्राचार्य पदोन्नति आदेश जारी हुआ था। लेकिन टी-संवर्ग अंतर्गत जारी पदस्थापना आदेश दिनाँक 29/8/25 को जारी हुआ था। जिसमें 30/4/25 से 31/7/25 तक टी-संवर्ग के सेवानिवृत्त व्याख्याता एवं प्रधानपाठकों के नाम पदस्थापना आदेश से हटा दिया गया था। जबकि विभाग के द्वारा टी संवर्ग में प्राचार्य पदोन्नति हेतु पात्र रहे सेवानिवृत्त व्याख्याता एवं प्रधानपाठकों को प्राचार्य पद पर काल्पनिक पदोन्नति
कार्य नहीं वेतन नहीं के सिद्धांत के आधार पर काल्पनिक पदोन्नति आदेश जारी करना था। जोकि ई-संवर्ग में प्राचार्य पदोन्नति आदेश तिथि एवं पदस्थापना आदेश तिथि तक में भी लागू होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश 6/10/18 के द्वारा 171 व्याख्याताओं/प्रधानपाठकों (माध्यमिक शाला स्नातकोत्तर) को 15600-39100 ग्रेड पे 5400 (वेतन मैट्रिक लेवल-12) में काल्पनिक पदोन्नति कार्य नहीं वेतन नहीं के सिद्धांत पर किया गया था। नोशनल पे फिक्सेशन होने से संबंधितों को पेंशन एवं ग्रेच्यूटी में आर्थिक लाभ मिला था।
प्राचार्य पद का वास्तविक लाभ भले ही नहीं मिला हो लेकिन सेवानिवृत्त प्राचार्य का पदनाम मिला था।फेडरेशन ने सेवानिवृत्ति के कारण प्राचार्य पदोन्नति से वंचित हुए पात्र व्याख्याता एवं प्रधानपाठकों को कार्य नहीं वेतन नही सिद्धांत के अंतर्गत काल्पनिक पदोन्नत देने का माँग शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव से किया है।


