गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 8 सितंबर। सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना व रेडक्रास के संयुक्त तत्वावधान में नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत नेत्रदान जागरूकता एवं नवप्रवेशित स्वयंसेवकों का परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. आर के रजक व क्षेत्र के नेत्र सहायक डॉ.एस पी देवांगन, अविनाश शर्मा, ठाकुर राम साहु ,चितरंजन,विकास साहू, लक्ष्मी नारायण, मूलचंद, डिगेश,परमानंद, देविका, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। डॉ. एस पी देवांगन ने स्वयंसेवकों को शपथ दिलाते हुए कहा कि वे अपने गांवों, घरों एवं शहरों को जागरूक करें, अपने जीवन में जीते जी रक्तदान व मृत्यु उपरांत नेत्रदान अवश्य करें। यह एक पुण्य का काम है, जीवन का कोई भरोसा नहीं, कब समाप्त हो जाए। परिवार की सहमति से दाह संस्कार के पहले. 4 से 6 घण्टे के बीच नेत्र को सुरक्षित नेत्र बैंक में जमा कराएं। इसके लिए समय का विशेष ध्यान रखें। अंधत्व दूर करने में इस अभियान में अपना अमूल्य योगदान दे।
प्रदेश में प्रतिवर्ष 15 हजार लोग नेत्रहीन हो रहे हैं। लेकिन नेत्रदान करने वालों की संख्या मात्र लगभग 400 के आसपास है। डॉ. आर के रजक ने बताया कि श्रीलंका में प्रत्येक व्यक्ति नेत्रदान के लिए बढ़-चढक़र हिस्सा लेते है हम उनसे प्रेरणा लें । बच्चों को टीकाकरण के समय विटामिन ए का घोल, हरी सब्जी, गाजर पपीता एवं दूध का सेवन जरूर कराएं। आंख की रोशनी को तेज रखता है। अविनाश शर्मा ने बताया हम आखें सही समय पर दान करें तो 2 से 3 पीढ़ी उपयोग कर सकती है। मानव का एक मात्र अंग नेत्र ही है। जो दूसरों के अंधकार भरी जिंदगी को रोशन कर सकता है। हम-सभी नेत्रदान महादान करने के लिए जागरूक करेंगे और उन्हें सलाह देगे। नेत्रदान मौत के बाद भी किया जाता है।