गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 31 अगस्त। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पॉक्सो एवं बलात्कार मामले) गरियाबंद के पीठासीन न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा नाबालिग पीडि़ता को घर में अकेली पाकर रेप करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया हैं।
प्रकरण के संबंध में विशेष लोक अभियोजक एच.एन. त्रिवेदी ने बताया कि पीडि़ता की बहन ने लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि घटना समय सुबह 10 बजे वह पड़ोस में गयी हुई थी और उसकी मानसिक रूप से विकलांग नाबालिग छोटी बहन घर में अकेली थी। अपनी नाबालिग बहन के रोने की आवाज सुनकर घर आकर देखी तो आरोपी संतराम देवदास द्वारा उसकी बहन के साथ जबरदस्ती रेप किया है।
घटना के संबंध में थाना द्वारा अपराध दर्ज कर आरोपी के विरूद्ध धारा 450, 376 (2) (ठ), 376 (क) (ख) भादंवि तथा धारा 06 पॉक्सो एक्ट के तहत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। अभियोजन की ओर से उक्त अपराध को प्रमाणित करने अपने पक्ष समर्थन में कुल 13 साक्षियों का कथन कराया गया।
विशेष न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा उक्त प्रकरण में आरोपी द्वारा मानसिक व शारीरिक नि:शक्तता से ग्रसित नाबालिग बालिका के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध कारित किया जाना प्रमाणित पाया तथा आरोपी के उक्त कृत्य को सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाला गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए आरोपी संतराम देवदास गरियाबंद को दोषसिद्ध पाये जाने पर भादंवि की धारा 376 (2) (ठ) के तहत् आजीवन कारावास; जो कि आरोपी के शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए कारावास से अभिप्रेत होगा एवं 2,000रू. (दो हजार रूपयें) का अर्थदण्ड, धारा 450 के तहत् 05 (पाँच वर्ष) का सश्रम कारावास एवं 1000 रू. (एक हजार रूपयें) का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा-06 के तहत् 20वर्ष (बीस वर्ष) का सश्रम कारावास एवं 2,000 रू. (दो हजार रूपये) के अर्थदंड से दंडित किया गया हैं। इसके अलावा न्यायाधीश द्वारा पीडि़त बालिका के साथ हुई उक्त घटना से होने वाले शारीरिक व मानसिक पीड़ा तथा उसके जीवन व मनोदशा पर पडऩे वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर विचार कर पीडि़ता को प्रतिकर स्वरूप 5,00,000 रू. (पाँच लाख रूपये) दिलाये जाने का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए उक्त प्रतिकर राशि प्रदाय किये जाने हेतु निर्देशित किया गया हैं।