गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 30 जुलाई। श्री नीलकंठ मारुति मंदिर बढ़ईपारा में शिव पुराण कथा के तीसरे दिन पंडित जयश्रवण महाराज ने प्रवचन करते हुए बताया कि नदी तालाब के किनारे ,वन में या शिवालय में या किसी पवित्र स्थान पर पूजा करना चाहिए। भगवान शिव के नैवेद्य को देख लेने मात्र से पाप नष्ट हो जाते हैं ,उसको खा लेने पर तो करोड़ पुण्य अपने भीतर आते हैं।
महाराज जी ने रुद्राक्ष के प्रकारों का वर्णन करते हुए बताया कि एक मुख वाला रुद्राक्ष साक्षात शिव का स्वरूप है, दो मुख वाला रुद्राक्ष संपूर्ण कामनाओं और फलों को देने वाला है, इस तरह अलग-अलग मुख वाले रुद्राक्ष के अलग-अलग फल बताते हुए 14 मुख वाला रुद्राक्ष परम शिव स्वरूप है श्रोताओं में प्रमुख रूप से जयकुमार गुप्ता, अजय गुप्ता, दिलीप गुप्ता, अखिलेश गुप्ता ,द्वारिका चक्रधारी,बी आर वर्मा,वासुदेव पांडेय,रमेश साहनी, महेश साहनी ,रमाकांत महाराज,कन्हैया प्रसाद तिवारी,मनीष शर्मा, कृष्णा और शिवा शर्मा अखिलेश गुप्ता ,शिवम गुप्ता,शिवांक गुप्ता,पंडित सोहन मिश्रा,सत्येंद्र दुबे,गजानंद यादव ,पुरुषोत्तम कंसारी ईशा गुप्ताएवं प्रमुख यजमान के रूप में श्याम किशोर गुप्ता एवं गीता गुप्ता एवं सैकड़ो की संख्या में माताएं कथा श्रवण का लाभ ले रही है। महाराज जी की कथा अत्यंत ज्ञान पूर्ण ,रोचक एवं वि द्वता पूर्ण है।