गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 24 जुलाई। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और सुनाबेड़ा अभयारण्य में अवैध चराई कराने वाले 5 डेरों को एंटी-पोचिंग टीम ने निष्क्रिय कर दिया है। आठ भेड़ा वाले न्यायिक रिमांड में जेल भेजे गए, वहीं चार लाख रूपये सुपुर्दगी राशि वसूलने की कार्रवाई जारी है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व एवं सुनाबेड़ा अभ्यारण्य में ओडि़शा, राजस्थान, गुजरात, धमतरी एवं कवर्धा से भेड-बकरी लाकर अवैध चराई कराने वालों के 5 डेरों को एन्टी पोचिंग टीम द्वारा निष्क्रिय किया गया। बताया जाता है कि रायपुर - धमतरी - गरियाबंद में लगभग 5000-10000 भेड़-बकरी को कई दिन अवैध चराई कराने के बाद टाइगर रिज़र्व और सूनाबेड़ा में चराने की योजना थी।
जानकारी अनुसार एक ओर जहां बाहरी भेड़ बकरी द्वारा स्थानीय घास, चारागाह को पूर्ण रूप से क्षति पहुंचाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर भेड़-बकरी बाहरी प्रजाति खरपतवार (लेंटाना, यूपटोरियम, पार्थेनियम स्थानीय नाम गंधरी, गाजर घास) का छत्तीसगढ़ के वनों में तेजी से प्रसार करने का भी माध्यम केरियर बन रही है जिससे चारे के अभाव में स्थानीय ग्रामीणों के मवेशी एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या में कमी हो रही है एवं चारा-संकट उत्पन्न हो रहा है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 100 से अधिक तेन्दुओं के लिए पर्याप्त रूप से हिरण, सांबर, नीलगाय एवं जंगली सुअरों की संख्या बरकरार रखने के लिए चारागाह की सुरक्षा बेहद जरुरी है ताकि मानव-तेंदुआ द्वन्द की स्थिति निर्मित न हो, जैसा कि टाइगर रिज़र्व क्षेत्र के आस पास के क्षेत्रो में देखने मिल रहा है।