दुर्ग

पूर्व जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को भाजपा ने किया निष्कासित
18-Jun-2025 5:19 PM
पूर्व जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को भाजपा ने किया निष्कासित

बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे की वजह से हुई कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 जून।
पूर्व जनपद अध्यक्ष संतोषी देशमुख भाजपा से निष्कासित कर दिया गया। वहीं उन्होंने दुर्ग जनपद अध्यक्ष के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी थी, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई। यही नहीं उनके पति पूर्व जनपद उपाध्यक्ष कृष्णा देशमुख को भारतीय जनता पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। दूसरी ओर संतोषी ने निष्कासन के निर्णय को द्वेषपूर्ण बताया है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री एवं प्रदेश भाजपा मुख्यालय प्रभारी जगदीश राम रोहरा वे उक्त निष्कासन आदेश जारी किया है। इसमें संतोषी के विरूद्ध आरोप त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2025 के दौरान दुर्ग जनपद पंचायत अध्यक्ष पद हेतु भाजपा अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध आप बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे का आरोप होना बताया गया हैं। जिसे अनुशासन भंग करने की परिधि में माना गया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लडऩे के आरोप में उनको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है ।

वहीं संतोषी कृष्णा देशमुख ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह देव एवं महामंत्री श्री रोहरा को पत्र लिखकर निष्कासन रद्द करने मांग की है। पत्र में कहा गया है कि वे विगत 25 वर्षों से भाजपा की सकिय सदस्य है। पार्टी ने उन्हें सदैव मान-सम्मान व अपनापन दिया है। पूर्व में भाजपा की सरकार में दुर्ग में जनपद अध्यक्ष भी रही है। साथ ही विधानसभा दुर्ग ग्रामीण में दावेदार भी रही व पार्टी अधिकृत होकर 2020 में जब कोई चुनाव लडऩे को तैयार नहीं था। तब उन्होंने पार्टी से अधिकृत होकर गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री के क्षेत्र में जिला पंचायत का चुनाव लड़ा तथा विपक्ष में रहकर पांच वर्ष कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुखर रही।

 

 वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उन्हें पार्टी अधिकृत जनपद प्रत्याशी जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 से अवसर दिया गया जो गृहक्षेत्र न होने के बावजूद एकतरफा चुनाव जीती। उन्होंने कहा है कि अध्यक्ष निर्वाचन का समय आया तब वर्तमान विधायक ललित चन्द्राकर द्वारा कहा गया कि जो वे तय करेंगे वही संगठन का आदेश होगा, अवमानना बर्दाश्त नहीं किया जावेगा। तब उनसे यह गलती हो गई कि उन्होंने संगठन के सदस्यों के सामने यह कहा कि भाजपा की पार्टी संगठन व विचारधारा की पार्टी है, जिसमें एक व्यक्ति का आदेशात्मक निर्णय गलत है, उक्त विषय में संगठन को निर्णय करना चाहिए। जिसके बाद विधायक द्वारा यह कहा गया कि  संतोषी कृष्णा देशमुख एवं संगीता माखन साहू इन दोनों को सदस्य रहने भी नही देंगे, यह बात उनके स्वाभिमान पर आ गई है और वे निर्दलीय अध्यक्ष चुनाव लड़ी जिसमें कांग्रेस के लोगों ने बाहर से समर्थन दिया पर वे 2 वोट से चुनाव हार गई। उन्हें निष्कासन के पूर्व अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा है वे और उनके पति कृष्णा देशमुख 30-40 वर्षों से संघ व भाजपा से जुडक़र निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाते आए हैं मगर उनके साथ-साथ उनके पति को भी पार्टी से निष्कासित की गई है जो विधायक ललित चन्द्राकर की मानसिकता को प्रमाणित करता है।
उन्होंने कहा कि वे और उनके पति के लिए संगठन का आदेश व निर्देश पहले भी शिरोधार्य रहा है और आगे भी रहेगा।


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