दुर्ग
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 25 मई। छत्तीसगढ़ के दुगाली (उमरा देहान) में आज डॉ. राममनोहर लोहिया की स्मृति में उनके अनुयायियों द्वारा एक अभूतपूर्व मेला आयोजित किया गया। यह आयोजन उस ऐतिहासिक भूमि पर हुआ, जहां 70 वर्ष पूर्व डॉ. लोहिया ने आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए पहला बड़ा शांतिपूर्ण गांधीवादी आंदोलन शुरू किया था।
इस स्थल पर वर्षों से चले आ रहे इस आंदोलन की खास बात यह है कि इसमें हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं रहा है, और आज इसकी चौथी पीढ़ी भी सक्रिय रूप से भाग ले रही है। इस अवसर पर पूर्व विधायक अरुण वोरा और राजीव वोरा ने विशेष रूप से उपस्थित होकर जनभावनाओं से जुड़ाव दिखाया। उन्हें इस आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। अरुण वोरा ने कहा कि आदिवासी समुदाय की चौथी पीढ़ी का इस आंदोलन से जुडऩा यह प्रमाणित करता है कि डॉ. लोहिया के सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता संग्राम के दौर में थे। इस आयोजन में हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और डॉ. लोहिया की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया।