दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 9 मई। शिवनाथ एक्सप्रेस में सफर के दौरान महिला यात्री के पास से सोने चांदी एवं हीरे के जेवरात रखे पर्स की चोरी करने वाले दो आरोपियों को पकडऩे में जीआरपी पुलिस को सफलता मिली है।
पुलिस ने आरोपी संतोष साहू उर्फ अफरीदी निवासी राउरकेला उड़ीसा तथा अब्दुल मन्नान उर्फ सुरेश मिश्रा निवासी राउरकेला जिला सुंदर नगर उड़ीसा के पास से 20 हजार रुपए नगद एवं नकली आई कार्ड जब्त किया है। दोनों आरोपियों को पकड़ कर पूछताछ में लिया गया है। प्रार्थिया हिना पटेल पति दिनेश पटेल उम्र 54 वर्ष निवासी गोंदिया (महाराष्ट्र) ने 4 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि वह अपने पति के सांथ गोंदिया से रायपुर तक शिवनाथ एक्सप्रेस के 18240 कोच एच.ए. -1 ए-2 सीट नं. 21 में सफर कर रही थी।
सफर के दौरान राजनांदगांव से दुर्ग के बीच में प्रार्थिया का 1 लेडीस पर्स जिसमे दो हीरे का नेकलेस, 4 नग हीरे की अंगूठी, कान का लटकन एवं नगदी 45,000 रुपये कुल कीमती 65,00,000 रुपये के हीरे की ज्वेलरी एवं एक मोबाइल अज्ञात चोर चोरी कर लिया। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था। श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा पुलिस अधीक्षक रेल रायपुर द्वारा एस.एन. अख्तर उपपुलिस अधीक्षक रेल रायपुर प्रभारी सायबर सेल, थाना प्रभारी जीआरपी भिलाई को आरोपियों को पकडऩे के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे। इसके बाद से संदेहियों पर लगातार निगरानी की जा रही थी।
पुलिस ने गोंदिया से भाटापारा तक के स्टेशनों का टॉवर डंप निकाला। सीसीटीव्ही. फुटेजों एवं स्टेशनों के आस-पास के होटलों को सघन चेक किया गया। दिनांक घटना का रिर्जवेशन चार्ट लिया गया। सभी का मिलान करने पर कुछ संदेहियों के मोबाइल नंबर, फुटेज मिले, जिसमें कुछ नम्बर ट्रेन के समय में रेल्वे स्टेशन रायपुर में होना पाया गया। कुछ के महासमुन्द, रायगढ़ होकर राउरकेला में होना पाया गया था। संदेहियों पर सायबर की टीम लगातार नजर रख रही थी। जिसके आधार पर दोनों आरोपियों को राउरकेला से पकडक़र लाया गया। दोनों से पूछताछ की गई जिसमें आरोपियों ने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे लोग एसी कोच में फर्जी नाम एवं मोबाइल नम्बर पर ट्रेनों के एसी 02 टायर में कोच में रिजर्वेशन कराकर यात्रा करते हैं।
मौका देखकर यात्रियों का ट्राली बैग, लेडिस पर्स चोरी कर लेते हैं। चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद चोरी के सामान को अपने थैले में रख लेते हैं। मोबाईल, पर्स को ट्रेन के बाहर फेंक देते है। एसी 02 टायर में पर्दा लगे होने से चोरी की घटना को घटित करने में सुविधा होती है। किसी को पता भी नहीं चलता है। आरोपियों ने यह भी बताया कि काफी लंबे समय से ट्रेनों में चोरी कर रहे हैं। आरोपियों के कॉल डिटेल से भी इस बात से पुिष्ट हुई है।