दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 अक्टूबर। महापंचायत में किसानों ने केंद्र से कृषि उपजों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी मांगा है। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा का पालन सुनिश्चित करने जोर दिया। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन द्वारा धमधा ब्लाक के लिटिया में आयोजित किसान महापंचायत में किसानों से जुड़े अनेक मुद्दों को उठाया।
उल्लेखनीय है कि किसान संगठन द्वारा हर साल किसानों की महापंचायत का आयोजन किया जाते हैं। इस महापंचायत में प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार से स्वामीनाथन आयोग की अनुसंशा के अनुसार सी-2 लागत में 50त्न लाभ जोडक़र कृषि उपजों का एमएसपी करने एवं इसका पालन सुनिश्चित किए जाने के लिए गारंटी कानून लागू करने की मांग की गई है।
किसानों की महापंचायत में संवैधानिक अधिकार वाले किसान आयोग का गठन करने, 60 साल से ज्यादा उम्र वाले किसानों को सम्मानजनक पेंशन देने की भी मांग रखी गई है। किसानों की महापंचायत में हरियाणा चुनाव में भाजपा द्वारा सरकार बनाने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा की चर्चा करते हुए कहा गया है कि एक तरफ भाजपा वन नेशन की बात करती है, ऐसे में सम्मान राशि के मामले में अलग अलग राज्य के किसानों से भेदभाव कर रही है। केंद्र सरकार को पूरे देश में एक समान राशि की घोषणा करना चाहिए।
किसानों की लिटिया महापंचायत में राज्य सरकार के कृषक उन्नति योजना की चर्चा करते हुए कहा गया है कि इस योजना में सिर्फ सरकार को धान बेचने वाले किसानों के हित का ध्यान रखा गया है। सरकार को धान न बेचने वाले और उद्यानिकी सहित अन्य उपज लेने वाले किसानों के हितों की उपेक्षा की गई है। किसानों ने प्रस्ताव पारित करके सभी किसानों को एकड़ के हिसाब से आदान राशि प्रदान करने की मांग की है। इसी प्रकार राज्य सरकार ने कृषक उन्नति योजना के लाभ से संस्था की भूमि में अधिया रेग में खेती करने वाले किसानों को वंचित रखा है। किसानों ने प्रस्ताव पारित करके इन्हें भी योजना का लाभ देने की मांग रखी।
महापंचायत में सब्जी उत्पादक किसानों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा गया है कि अभी सब्जी का थोक व्यापार दलालों के चंगुल में है जो किसानों का शोषण करते हैं, सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सब्जी के थोक व्यापार को निगमित करने के लिए इसे कृषि उपज मंडी अधिनियम के दायरे में शामिल किया जाए। महापंचायत में धान की सरकारी खरीद 1 नवम्बर से शुरू करने और केंद्र सरकार द्वारा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई 117 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ किसानों को देने की मांग भी की गई है। सिंचाई के लिए बिजली की आपूर्ति में बाधा, पशुओं द्वारा फसल को नुक्सान पहुंचाने सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। महापंचायत में किसान बंधु और संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के अलावा दर्जनों गांवों से लगभग एक हजार किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया।