दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 14 सितंबर। प्रदेश के कर्मचारियों के लिये किये गये प्रमुख वादे मोदी की गारंटी लागू करने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मशाल रैली के माध्यम से राज्य सरकार को चेताया है। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है।
फेडरेशन के दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी,जिला संयोजक विजय लहरे एवं प्रवक्ता अनुरूप साहू ने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय शासकीय कर्मचारियों से प्रमुख वादे मोदी की गारंटी घोषित हुआ था। जिसमें सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान डी.ए-एच. आर.ए देने का गारंटी था। वर्ष-2019 से लंबित डीए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में जमा करने का गारंटी था। यह गारंटी था कि 100 दिन के अनियमित/संविदा/दैनिक वेतनभोगी/अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू किया जायेगा।
फेडरेशन के कहना कि चार स्तरीय समयमान वेतनमान एवं अवकाश नगदीकरण 240 के स्थान पर 300 दिन करने का मुद्दा लंबित है।शासकीय सेवकों एवं उनके आश्रितों के लिये फेडरेशन द्वारा प्रस्तावित मुख्यमंत्री संजीवनी योजना पर निर्णय लंबित है।
शासकीय कर्मचारी सरकार का मेरुदंड तथा राज्य के सर्वांगीण विकास के रथ का पहिया होता है। लेकिन सरकार कर्मचारियों को नजरअंदाज कर रही है,जिसके कारण आक्रोश का चिंगारी सुलग रहा है। यदि सरकार ने अडिय़ल रवैया जारी रखा तो फेडरेशन लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन का विस्तार करेगा।
मशाल रैली को सफल बनाने डी एस भारद्वाज,भानु प्रकाश यादव,संजय शर्मा, के के धुरंधर, श्रवण ठाकुर,बाबा चौहान,मोती राम खिलाड़ी,शिवदयाल धृतलहरे,मनीष तिवारी, राकेश सिंह, राकेश साहू, धर्मेंद्र देशमुख, कुबेर देशमुख,डॉ बीके दास, पंकज राठौर,हरि शर्मा,धर्मदास बंजारे,प्रमोद श्रीवास्तव,विजय राठौर,हर्षवर्धन श्रीवास्तव,बीके वर्मा, बीके शर्मा, शिवनंदन यादव, चंचल द्विवेदी,जीएस रावना, विजय प्रकाश मिश्रा, संगीता चन्द्राकर, मधुरानी निभा, प्रवीण रात्रे आदि उपस्थित रहे। मशाल रैली में वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, जिला पंचायत, सेल टैक्स, उद्योग विभाग, कलेक्टर कार्यालय, आबकारी विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई सहित अनेक विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।