दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 10 अगस्त। जिले में विगत 10 दिनों से बारिश नहीं हुई है। अवर्षा की इस स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। भाठा जमीन की फसलें खत्म होने के कगार पर है। किसानों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो यदि एक सप्ताह के अंदर बारिश नहीं हुई तो फसल चौपट हो जाने की संभावना है। जिले में जारी खरीफ सीजन में आज की तिथि में गत वर्ष एवं सामान्य वर्षा की तुलना में बहुत कम बारिश हुई है। अब तक जिले में 524.7 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है जो कि सामान्य औसत वर्षा 586।9 मिलीमीटर से 62.2 मिलीमीटर कम है।
इसी प्रकार गत वर्ष आज की तिथि में लगभग 570 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी थी। जिले के पाटन विकासखंड में अब तक 631 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जबकि गत वर्ष 707 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी थी। वहीं दुर्ग विकासखंड में 565.8 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि गत वर्ष 613.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी थी। इसी प्रकार धमधा विकासखंड में 377.3 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है जबकि गत वर्ष लगभग 400 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी थी। अल्प वर्षा की वजह से सबसे ज्यादा धमधा विकासखंड में स्थिति खराब है। धमधा क्षेत्र के किसानों के अनुसार पिछले 25 दिन से क्षेत्र में बारिश ही नहीं हुई है। प्रगतिशील कृषक जालम पटेल का कहना है कि भाठा जमीन के धान की फसलों के पौधे मुरझा रहे हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने से लगातार मोटर पंप चल रहे हैं, जिसकी वजह से भूजल स्तर भी नीचे जा रहा है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो मोटर पंप भी जवाब दे सकते हैं।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के महासचिव झबेन्द्र भूषण वैष्णव का कहना है कि बोनी करने के महीने-डेढ़ महीने बाद भी धान की फसल के अधिकांश पौधे लगभग 6 इंच का ही है जबकि गत वर्षों में आज की तिथि में धान के पौधों की ऊंचाई डेढ़ से दो फीट तक हो जाती थी। उनका कहना है कि बारिश नहीं होने से खरपतवार भी बहुत हो रहे हैं। भाठा जमीन के खेतों के पौधे जलने की स्थिति में है। धान की बाढ़ नहीं होने के कारण अभी बारिश भी हो जाती है। तब भी भाठा जमीन में फसल लेने वाले किसानों का उत्पादन लगभग 50 प्रतिशत प्रभावित होने की संभावना है। वहीं यदि 1 सप्ताह के अंदर बारिश नहीं हुई तो पूरी फसल चौपट हो जाने की संभावना है।