‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 6 फरवरी। एनटीपीसी कोरबा परियोजना के डीजीएम (ऑपरेशन) शुक्रवार की दोपहर को लापता हो गए थे, वे देर रात घर लौट आये हैं। उनकी पत्नी की सूचना पर पुलिस हर संभावित ठिकानों की तलाश कर रही थी कि देर रात उनके सकुशल घर वापसी ने सबको राहत दी है।
एनटीपीसी की विभागीय आवासीय कॉलोनी कृष्णा विहार के डी-27 में रहने वाले एनटीपीसी के डीजीएम कुंवर कैलाश नाथ ओईमा सपरिवार निवासरत हैं। शुक्रवार को सेकेंड सिफ्ट की ड्यूटी के लिए दोपहर 2 बजे घर से निकले, लेकिन वे कार्यस्थल पर नहीं पहुंचे। उनकी पत्नी आरपी भारती ने थाना दर्री पहुंचकर सूचना दर्ज कराई थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने एनटीपीसी के अधिकारी की खोजबीन तुरंत शुरू कर दी थी। इस बीच वे घर लौट आये। उनके लापता हो जाने की वजह की पुलिस ने फिलहाल कोई खुलासा नहीं किया है।
बालकोनगर, 5 फरवरी। 32वें राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा माह के अवसर पर बालको के ट्रैफिक विंग ने संयंत्र के विभिन्न स्थानों पर सडक़ सुरक्षा एवं यातायात जागरूकता रैली आयोजित की। बालको संयंत्र के प्रशासनिक भवन परिसर से प्रारंभ मोटर साइकिल रैली को कोरबा डीएसपी रामगोपाल करियारे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बालको के निदेशक (धातु) दीपक प्रसाद एवं निदेशक (ऊर्जा) जी. वेंकटरेड्डी ने क्रमश: कास्ट हाउस-3 एवं 1200 मेगावॉट विद्युत संयंत्र परिसर में मोटरसाइकिल रैली की अगुवाई की। जागरूकता रैली बालकोनगर के श्रीरामलीला मैदान में समाप्त हुई। रैली के प्रतिभागी बालको अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेका कामगारों और जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सडक़ सुरक्षा नियमों के पालन की शपथ ली।
श्री करियारे ने बालको के आयोजन को उत्कृष्ट बताया। उन्होंने सडक़ सुरक्षा नियमों के प्रति बालको परिवार की कटिबद्धता की प्रशंसा की। इस अवसर पर श्री प्रसाद ने कहा कि सडक़ पर अनुशासित होकर वाहन चलाना सभी की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। परिवार के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को समझते हुए हमें अपने प्रत्येक कार्य में सुरक्षा को सर्वोपरि रखना चाहिए। बालको के सिक्योरिटी एवं प्रशासन प्रमुख अवतार सिंह एवं कोरबा यातायात विभाग के एसआई भुवनेश्वर कश्यप मौजूद थे।
माकपा से प्रशासन ने मांगा 15 दिनों का समय
कोरबा, 3 फरवरी। लॉक डाउन के बाद से कुसमुंडा के गेवरा रोड स्टेशन से बंद पड़ी सभी ट्रेनों को चालू करने की मांग पर आज माकपा द्वारा आहूत रेल चक्का जाम आंदोलन को आम जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिला। सीटू, छत्तीसगढ़ किसान सभा, जनवादी महिला समिति, जनवादी नौजवान सभा और रेल संघर्ष समिति के साथ ही व्यापारियों और ऑटो चालकों के संगठनों द्वारा इस आंदोलन में भाग लेने के कारण एक ओर सैकड़ों नागरिक सडक़ों पर दिखे, तो दूसरी ओर जिला प्रशासन, रेल प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन भी भारी दबाव में दिखे। रेल प्रशासन ने इस मांग पर सकारात्मक कार्यवाही करने के लिए 15 दिनों की लिखित मोहलत मांगी है।
इधर इस आंदोलन को टालने के लिए माकपा नेताओं के साथ रेल प्रशासन की बैठक विफल होने के बाद इस आंदोलन से निपटने के लिए कल रात भर प्रशासन सक्रिय रहा। आंदोलनकारी संगठनों और नेताओं पर आंदोलन स्थगित करने के लिए दबाव बनाया जाता रहा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रशासन के इस रुख को गैर-लोकतांत्रिक बताते हुए इसकी तीखी निंदा की है और कहा कि जायज अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन में हिस्सेदारी करना हर नागरिक का अधिकार है और कोई इसे छीन नहीं सकता। माकपा ने गेवरा से यात्री ट्रेन न चलने देने के लिए एसईसीएल प्रबंधन पर रेल प्रशासन के साथ मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। माकपा नेता प्रशांत झा कहना है कि कोरोना संकट की आड़ में ये सब ट्रेनें मात्र इसलिए बंद कर दी गई है कि कोल परिवहन के लिए रास्ता साफ रहे। आम जनता को यह मंजूर नहीं है। प्रशासन को इस क्षेत्र से राजस्व वसूलने पर ही नहीं, नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं की ओर भी ध्यान देना होगा, वरना आंदोलन तेज किया जाएगा।
आज जैसे ही मालगाड़ी रोकने के लिए इस क्षेत्र के नागरिक रैली बनाकर निकले, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उन्हें इमलीछापर में रोक लिया गया, जिसके बाद आंदोलनकारी सडक़ जाम कर बैठ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। गेवरा से ट्रेनें न चलने के लिए रेल प्रशासन द्वारा कल राज्य सरकार को जिम्मेदार बताने के बाद आज वह बैकफुट पर दिखी। राज्य सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों को उसने सूचित किया कि 15 दिनों के अंदर वह इस मांग पर सकारात्मक कार्यवाही करेगा। रेल प्रशासन के इस रुख से आंदोलनकारी नागरिकों और माकपा नेताओं को सूचित करने के बाद उनके उग्र तेवरों में नरमी आई, लेकिन उन्होंने इसे लिखित रूप में देने को कहा। इसके बाद नागरिकों के गुस्से को शांत करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोरबा तहसीलदार, दीपका नायब तहसीलदार और कोरबा रेल्वे के एआरएम मनीष अग्रवाल को 15 दिन के अंदर ठोस निराकरण करने का लिखित आश्वासन देने के लिए बाध्य होना पड़ा। इस लिखित आश्वासन के बाद सबने मिलकर रेलवे ट्रैक को जाम करने की कार्यवाही को स्थगित करने का फैसला लिया।
आज के इस आंदोलन में माकपा नेता प्रशांत झा, माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर व सूरती कुलदीप, सीटू जिला महासचिव वी एम मनोहर, छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर, नंद लाल कंवर, शिवरतन, शत्रुहन, जनवादी नौजवान सभा के हुसैन अली, धर्मेंद्र, नरेंद्र साहू, रंजीत, वसीम व संतोष, जनवादी महिला समिति की राज्य संयोजक धनबाई कुलदीप, देव कुंवर, राम बाई, धनिता, रेल संघर्ष समिति के राम किशन अग्रवाल तथा सामाजिक कार्यकर्ता विशाल केलकर के नेतृव में नागरिकों के विभिन्न तबकों ने हिस्सा लिया।
उल्लेखनीय है कि गेवरा स्टेशन से यात्री ट्रेनों के संचालन की मांग को लेकर माकपा चरणबद्ध आंदोलन कर रही है। इसके पहले 28 फरवरी को रेलवे अधिकारियों का पुतला भी जलाया गया था। गेवरा रोड स्टेशन से रेलवे सबसे ज्यादा राजस्व वसूल करता है। यदि आंदोलनकारियों को प्रशासन मनाने में विफल रहता और वे रेलवे ट्रैक पर पहुंच जाते, तो एसईसीएल और रेलवे दोनों को करोड़ों रुपयों का नुकसान होने का अंदेशा था।
माकपा ने घोषणा की है कि यदि रेल प्रशासन अपने लिखित सार्वजनिक वादे पर अमल नहीं करता, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 31 जनवरी । कलेक्टर सभा कक्ष में अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया की अध्यक्षता में जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत सतही स्त्रोत आधारित विभिन्न परियोजनाओं हेतु जल उपलब्धता के संबंध में चर्चा हुई।
चर्चा के दौरान कुदुरमाल समूह जल प्रदाय योजना हेतु कुदुरमाल एनीकट से बेला समूह जल प्रदाय योजना हेतु गहनिया स्टापडेम से लबेद समूह जल प्रदाय योजना हेतु लबेद जलाशय से पानी उपलब्ध कराए जाने की सहमति श्री सी. एल. धाकड़, कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग, कोरबा द्वारा व्यक्त की गयी। लालपुर, ऐतमा, बांगो एवं झिनपुरी समूह जल प्रदाय योजना में जल की उपलब्धता पर बांगो के अनुविभागीय अधिकारी पी. के. टोप्पो तथा हसदेव बॅराज कोरबा के कार्यपालन अभियंता पी. के. वासनिक द्वारा अवगत कराया गया कि, वर्तमान में जल की उपलब्धता है, परंतु उक्त जल औद्योगिक प्रयोजन हेतु सुरक्षित है। इस पर निर्देशित किया गया कि पहले पीने के पानी की व्यवस्था करें जिस पर एजेण्डा उच्च कार्यालय से को 16.54 मि. घ. मी. वार्षिक जल की आपूर्ति हो सकेगी। पोड़ी-तानाखार विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि श्री चैहान द्वारा ग्राम सरभोका को भी समूह जल प्रदाय योजना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 31 जनवरी। आने वाली चैत्र नवरात्रि पर माँ महिषासुर मर्दनी मंदिर चैतुरगढ़ में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सभी आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी। पहले 15 दिनों में दो बार बैठक कर अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद आज सुबह कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने चैतुरगढ़ पहुंचकर पूरे मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को पहाड़ी के उपर तक बिजली-पानी पहुंचाने का काम तेजी से करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल अपने निरीक्षण के दौरान चैतुरगढ़ के चारों तालाबों सिंघी तालाब, सुकरी तालाब और गरगज तालाब तक भी पहुंची। इसके साथ ही उन्होंने गढ़ के तीन मुख्य द्वारों मेनका द्वार, सिंह द्वार और हुंकारा द्वार का भी अवलोकन किया। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, कटघोरा की डीएफओ श्रीमती शमा फारूकी, डिप्टी कलेक्टर श्री आशीष देवांगन, सांसद प्रतिनिधि श्री प्रशांत मिश्रा सहित विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने चैतुरगढ़ में आने वाली नवरात्रि को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक तौर पर श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को तेजी से विकसित करने पर जोर दिया। श्रीमती कौशल ने मंदिर परिसर में लगी खराब सोलर लाईटों को तत्काल ठीक कराने के निर्देश क्रेडा विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने पहाड़ के नीचे से पानी उपर पहुंचाने के लिए हाईप्रेशर पंप की व्यवस्था करने, श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए एक-एक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था करने, कचरा फेंकने के लिए नीचे तथा पहाड़ी के उपर दो-दो बड़े डस्टबिन लगवाने के निर्देश भी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए।
आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की सहमति से होंगे निर्माण संबंधी विकास कार्य - कलेक्टर श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को पर्यटन की दृष्टि से चैतुरगढ़ के इस ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल को विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाते समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों से भी विचार-विमर्श करने के निर्देश प्रशासन के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि चैतुरगढ़ को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा पुरातात्विक धरोहर के रूप में मान्य किया गया है और इसके विकास के लिए विभाग का मत भी महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने चैतुरगढ़ से ही फोन पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के स्थानीय तथा क्षेत्रीय अधिकारियों से भी बात की और चैतुरगढ़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की प्रशासन की योजना से अवगत कराया। श्रीमती कौशल ने माँ महिषासुर मर्दनी के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक मंदिर परिसर, चैतुरगढ़ पहाड़ी, तालाबों आदि को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं और भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा सहयोग पर भी अधिकारियों से बात की। श्रीमती कौशल ने चैतुरगढ़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की पूरी कार्ययोजना तैयार कर जिला प्रशासन की ओर से उसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को भी भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
करारोपण अधिकारी सहित दो शिक्षक निलंबित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 31 जनवरी। कलेक्टर किरण कौशल ने कल पाली विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम जेमरा में जनचैपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनी और उनका निराकरण किया। कलेक्टर पाली विकासखण्ड के प्रवास के दौरान दोपहर में जेमरा पहुंची थीं। जेमरा के प्राथमिक शाला भवन परिसर में उन्होंने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार के साथ लोगों से सीधे बातचीत की और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानी।
इस दौरान श्रीमती कौशल ने गांव की पात्र विधवा महिलाओं और कुछ दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत पर सरपंच एवं ग्राम सचिव के प्रति गहरी नाराजगी जताई। उन्होने पेंशन प्रकरणों को तैयार करने और स्वीकृति में विलंब करने के कारण तत्कालीन करारोपण अधिकारी गणेश सिंह पैंकरा को तत्काल निलंबित करने के निर्देश जिला पंचायत के सीईओ को दिए। कलेक्टर ने गांव में कैम्प लगाकर अगले दस दिनों में सभी पात्र हितग्राहियों के पेंशन प्रकरण तैयार कर स्वीकृति करने के निर्देश जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए। उन्होंने पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति के बाद उसकी सूचना जिला पंचायत को भी अनिवार्यत: देने के निर्देश जनचैपाल में दिए।
जनचैपाल में कलेक्टर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की राशि समय पर जमा होने की जानकारी भी मौजूद हितग्राहियों से ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा हितग्राहियों के खातों में पेंशन की राशि जमा कराने के बाद गांवो में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराई जाए। उन्होंने चिन्हांकित महिला को जरूरी प्रशिक्षण और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराकर अगले महीने की 10 तारीख से बैंक सखी के रूप में सेवाएं देने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने बताया कि गांव की ही महिला के बैंक सखी के रूप में काम करने से लोगों को घर बैठे बैंकिंग सेवाएं मिल सकेंगी। पेंशन की राशि से लेकर मनरेगा की मजदूरी तक सभी लोग अपने घर बैठे ही प्राप्त कर लेंगे। उन्हें बैंक जाकर लाईन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जनचैपाल में लोगों से अपने जमीन-जायदाद से जुड़े कामों के लिए पटवारी की उपलब्धता के बारें में भी जानकारी ली। लोगों ने बताया कि पटवारी श्री देवेन्द्र ठाकुर लाफा में रहते हैं और समय-समय पर गांव आकर लोगों का काम करते हैं। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने फौती, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और नक्शा-खसरा तथा बी-1 वितरण के कामों की जानकारी भी लोगों से ली। पटवारी के निर्धारित मुख्यालय में नहीं रहने पर लोगों के राजस्व संबंधी कामों के प्रभावित होने को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और पटवारी के प्रति नाराजगी व्यक्त की।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जेमरा जनचैपाल में लोगों से कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी पूछा। उपस्थित ग्राम वासियों ने बताया कि शिक्षा मित्र के रूप में काम कर रहीं मिथिलेश कुमारी पूरे कोरोना काल के दौरान मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाती रहंीं हैं। वहीं श्रीमती कौशल ने मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक धमेन्द्र सिंह राठौर को बच्चों को पढ़ाने मे लापरवाही बरतने पर निलंबित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मिडिल स्कूल में ही पदस्थ एक अन्य शिक्षक दिनेश शर्मा को लंबे समय से अनुपस्थित रहने के कारण तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए एक साथ 12 माह का प्रस्ताव तैयार कर अगले तीन दिनों में जिला पंचायत भेजने के निर्देश खण्ड शिक्षा अधिकारी को दिए।
काम में लापरवाही पर रूकी सेक्टर सुपरवाईजर की वेतन वृद्धि - जनचैपाल में कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी भी ग्रामीणजनों से ली। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन आदि के बारे में कलेक्टर ने ग्रामीण महिलाओं से पूछा। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका से भी गांव में कुपोषण और बच्चों की सेहत के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्रामीण माताओं से अपने-अपने छोटे बच्चों के स्वास्थ्य और उनके वजन के बारे में पूछा। माताएं अपने बच्चों का वजन नहीं बता पाईं। इस पर कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को बच्चों का वजन कर उनके परिजनों को बताने के निर्देश दिए। ग्रामीणों से सेक्टर सुपरवाईजर के निरीक्षण आदि के बारे में नकारात्मक जानकारी मिलने पर श्रीमती कौशल ने शासकीय कार्य में लापरवाही पर सेक्टर सुुपरवाईजर श्रीमती मंदा देवी की एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि 15 दिनों में कार्य में सुधार नहीं आने पर सेक्टर सुपरवाईजर को निलंबित किया जाए।
ग्रामीणों ने बताई पानी की समस्या, कलेक्टर ने स्वीकृत किए तीन कुंए - जनचैपाल के दौरान उपस्थित ग्रामीणों ने बगदरा और नगोईभाठा में पीने के पानी की किल्लत के बारे में कलेक्टर को अवगत कराया। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि बगदरा और नगोईभाठा में ट्यूबवेल या हैण्डपंप सफल नहीं है। इस कारण से उन्हें पानी के लिए तीन-चार किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। श्रीमती कौशल ने मौके पर ही जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार से विमर्श कर मनरेगा के तहत बगदरा में तीन कुंए बनाने की स्वीकृति दी। उन्होंने नगोईभाठा और आसपास के इलाके में सर्वे कराकर पानी वाली जगहों पर तीन नलकूप भी बनाने की स्वीकृति जनचैपाल में दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 25 जनवरी। कोरोना महामारी के कारण कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस वर्ष गणतंत्र दिवस कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष सावधानियों के साथ मनाया जाएगा। कल कार्यक्रम का अंतिम रिहर्सल सीएसईबी ग्राउंड पर सुबह नौ बजे से प्रारंभ हुआ। कलेक्टर किरण कौशल ने इस अंतिम रिहर्सल में ध्वजारोहण किया और सशस्त्र बलों द्वारा सलामी भी ली। श्रीमती कौशल ने गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़ी तैयारियों का भी इस दौरान जायजा लिया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बैठक व्यवस्था सहित सम्पूर्ण आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखते हुए सभी तैयारियां और व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। अंतिम रिहर्सल में पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा, जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार, एडीएम प्रियंका महोबिया, नगर निगम आयुक्त एस जयवर्धन, सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।
मुख्य कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री डॉ. टेकाम करेंगे ध्वजारोहण, कोरोना वारियर्स को किया जाएगा सम्मानित
जिले के प्रभारी मंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कोरबा जिले में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। डॉ. टेकाम सीएसईबी ग्राउंड पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में ध्वजारोहण करेंगे और सलामी लेंगे। समारोह सुबह नौ बजे शुरू होगा। मुख्य अतिथि डॉ. टेकाम द्वारा मुख्यमंत्री के छत्तीसगढ़ वासियों के लिए प्रेषित संदेश का वाचन किया जाएगा। कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स डॉक्टरों, पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता कर्मियों को विशेष रूप से आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में ध्वजारोहण प्रात: 8 बजे के पूर्व सम्पन्न कर लिए जाएंगे ताकि उन कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी जिले के मुख्य समारोह में शामिल हो सके। इस बार समारोह में मार्च पास्ट नही होगी केवल राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी जाएगी। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में स्कुली छात्र-छात्राओं की भागीदारी प्रतिबंधित रहेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। मिष्ठान वितरण भी नहीं होगा। कार्यक्रम में आने वाले सभी लोगों को मास्क पहनना और सामाजिक दूरी आदि का पालन करना अनिवार्य होगा। बैठक व्यवस्था में सामाजिक एवं व्यक्तिगत दूरी का विशेष रूप से पालन किया जाएगा। गणतंत्र दिवस पर सभी शासकीय एवं सार्वजनिक भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को रात्रि में प्रदेश के सभी शासकीय एवं सार्वजनिक भवनों तथा राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों पर रोशनी की जाएगा। इस बार गणतंत्र दिवस पर तहसील एवं जनपद स्तर पर भी सार्वजनिक समारोह आयोजित नहीं होंगे। जनपद कार्यालयों में जनपद अध्यक्ष एवं नगरीय निकायों में नगरीय निकाय के महापौर या अध्यक्षों द्वारा ध्वजारोहरण किया जाएगा। पंचायत मुख्यालयों में सरपंच द्वारा एवं बड़े गांवों में गांव के मुखिया द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा और सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गान गाया जाएगा। गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसी भी स्थिति में स्कूली छात्र-छात्राओं को एकत्र नहीं किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 17 जनवरी 2021। उन्होंने अब तक खरीदे गए गोबर और बनी वर्मी खाद की मात्रा की जानकारी भी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से ली। श्रीमती कौशल ने गौठानों में आवर्ती चराई के लिए अगले 15 दिनों में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर सूचित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने धान खरीदी की समीक्षा के दौरान सभी पात्र किसानों से धान की खरीदी सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कोचियों या अवैध रूप से परिवहन किए गए धान पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया। श्रीमती कौशल ने जिला विपणन अधिकारी से धान के उठाव की भी जानकारी ली और किसी भी परिस्थिति में समितियो में धान जाम नहीं होने देने के लिए पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की हड़ताल के बावजूद भी गांवो में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे कामों को निरंतर रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि किसी भी परिस्थिति में गांवो में लोगों को रोजगार की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के स्थान पर जनपद में पदस्थ सहायक विकास विस्तार अधिकारियों, करारोपण अधिकारियों, तकनीकी सहायक एपीओ आदि को जिम्मेदारी देकर पंचायत स्तर पर कार्यों की गति बनाये रखने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देशित किया कि किसी व्यक्ति द्वारा लोगों को रोजगार गारंटी योजना के काम में जाने से रोकने या ग्रामीणों के रोजगार को बाधित करने की कोशिश पर उनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई प्रस्तावित की जाए।
आज की समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जिले में एल्युमिनियम पार्क की स्थापना के लिए भी अधिकारियों से चर्चा की। एसडीएम सुनील नायक ने बताया कि एल्युमिनियम पार्क के लिए लगभग 200 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। कलेक्टर ने जिले के बालको या बालको क्षेत्र से लगे इलाके में एल्युमिनियम पार्क के लिए जमीन चिन्हांकित करने के निर्देश एसडीएम को दिए। बैठक में मुख्
राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तर्ज पर कोरबा जिले में कुछ चिन्हांकित हिन्दी मीडियम के स्कूलों को भी सर्वसुविधा संपन्न बनाने की कवायद शुरू की जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों को भी पढ़ाई की बेहतर सुविधा और माहौल देने के लिए जिले में नए नवाचार की रूपरेखा आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में अधिकारियों के साथ तय की। उन्होंने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में एक-एक तथा नगरीय निकाय क्षेत्रों में विशेष सर्वे कर हिन्दी मीडियम के स्कूलों का चयन करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। जिला शिक्षा अधिकारी अब तीन दिवस में ऐसे हिन्दी मीडियम स्कूलों का चयन करेंगे और उन्हें स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तर्ज पर विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में विभिन्न शासकीय विभागों के कामकाज की समीक्षा की और विभागीय अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन, एडीएम श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हुए। वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के माध्यम से चारों अनुभागों के एसडीएम एवं विकासखण्ड मुख्यालयों से मैदानी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी इस बैठक में मौजूद रहे। बैठक में कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा के दौरान करतला ,कोरबा एवं कटघोरा विकासखण्ड के अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त की और खरीदे गए गोबर को वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए दो दिनों में वर्मी टांको में भरने के निर्देश दिए।
उन्होंने अब तक खरीदे गए गोबर और बनी वर्मी खाद की मात्रा की जानकारी भी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से ली। श्रीमती कौशल ने गौठानों में आवर्ती चराई के लिए अगले 15 दिनों में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर सूचित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने धान खरीदी की समीक्षा के दौरान सभी पात्र किसानों से धान की खरीदी सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कोचियों या अवैध रूप से परिवहन किए गए धान पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया। श्रीमती कौशल ने जिला विपणन अधिकारी से धान के उठाव की भी जानकारी ली और किसी भी परिस्थिति में समितियो में धान जाम नहीं होने देने के लिए पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की हड़ताल के बावजूद भी गांवो में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे कामों को निरंतर रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि किसी भी परिस्थिति में गांवो में लोगों को रोजगार की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के स्थान पर जनपद में पदस्थ सहायक विकास विस्तार अधिकारियों, करारोपण अधिकारियों, तकनीकी सहायक एपीओ आदि को जिम्मेदारी देकर पंचायत स्तर पर कार्यों की गति बनाये रखने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देशित किया कि किसी व्यक्ति द्वारा लोगों को रोजगार गारंटी योजना के काम में जाने से रोकने या ग्रामीणों के रोजगार को बाधित करने की कोशिश पर उनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई प्रस्तावित की जाए।
आज की समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जिले में एल्युमिनियम पार्क की स्थापना के लिए भी अधिकारियों से चर्चा की। एसडीएम सुनील नायक ने बताया कि एल्युमिनियम पार्क के लिए लगभग 200 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। कलेक्टर ने जिले के बालको या बालको क्षेत्र से लगे इलाके में एल्युमिनियम पार्क के लिए जमीन चिन्हांकित करने के निर्देश एसडीएम को दिए। बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा अपने प्रवास के दौरान कोरबा जिले के विकास के लिए की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई। श्रीमती कौशल ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों को तत्काल तीन दिनों में प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि अगले सप्ताह तक घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजे जा सकें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 16 जनवरी। पूरे देश की तरह कोरबा जिले के लिए भी आज का दिन कोविड महामारी को लेकर ऐतिहासिक रहा। जिले में आज से कोरोना टीकाकरण की शुरूआत हो गई। कोरबा शहर के प्रथम नागरिक महापौर राजकिशोर प्रसाद की मौजूदगी में पहला टीका जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी को लगाया गया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. बी. बोडे, टीकाकरण नोडल अधिकारी आशीष देवांगन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पद्माकर शिंदे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. पुष्पेश कुमार सहित मेडिकल स्टाफ और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कोरबा जिले में आज तीन जगहों सामुुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करतला, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा और जिला अस्पताल में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत एक साथ हुई। करतला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहला टीका लैब टैक्निशियन शंकर पत्रवानी और कटघोरा में पहला टीका खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूद्रपाल सिंह कंवर को लगाया गया।
जिला अस्पताल में आयोजित टीकाकरण शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों और मेडिकल स्टाफ ने पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन सुना। इसके बाद डॉ. अरूण तिवारी को नर्स श्रीमती रीना कोसले ने आधा मिलीलीटर कोविशील्ड टीका लगाया। कोरबा जिले में कोरोना का पहला टीका लगवाने पर उपस्थित सभी लोगों ने तालियों गडग़ड़ाहट से डॉ. तिवारी का उत्साह वर्धन किया। टीका लगने के बाद डॉ. तिवारी को आधा घंटे के लिए डॉक्टरों की निगरानी में काउंसिलिंग रूम में रखा गया। दूसरा टीका नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. के एल. धु्रव को लगा।
ज्ञातव्य है किकोरबा जिले को पहली खेप में 6800 वॉयल कोवीशील्ड वैक्सीन मिली है। इससे आज शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में छह हजार 800 डोज टीके लगाए जाएंगे। वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखने के पूरें इंतजाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही कर लिए गए हैं। जिले में 10 हजार से अधिक फ्रंट लाईन वर्कर्स को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन लगेगी। पहली खेप में मिली वैक्सीन लगने के बाद वैक्सीन की अगली खेप जिले को प्राप्त होगी।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. बोडे ने बताया कि राज्य शासन द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार सबसे पहले फ्रंट लाईन वर्कर्स में महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले को कोवीशील्ड वैक्सीन के डोज लगाए जाएंगे। पहले चरण में जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करतला, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा और जिला अस्पताल में तीन टीकाकरण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। एक दिन में जिले में तीनो केन्द्रों पर 50-50 लोगों को कोविशील्ड टीका लगाया जाएगा।
डॉ. बोडे ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए सभी तैयारियां पहले से पूरी कर ली गईं थी। साथ ही तैयारियों का परीक्षण भी ड्राय रन द्वारा किया जा चुका है। एक व्यक्ति को कोवीशील्ड का आधा मिलीलीटर डोज टीके के रूप में लगाया जाएगा। टीका लगने के बाद संबंधित व्यक्ति को टीकाकरण सेंटर पर बने काउंसिलिंग रूम में विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में आधा घंटा रूकना होगा। सीएमएचओ ने बताया कि इसके 28 दिन बाद व्यक्ति को टीके का दूसरा डोज लगेगा। पहले चरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं, सुपरवाईजरों सहित मितानिनों, डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कमिर्यों, पैरामेडिकल स्टाफ आदि फ्रंट लाईन वर्करों को कोवीशील्ड कोरोना टीका लगाया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 16 जनवरी। पूरे देश की तरह कोरबा जिले के लिए भी आज का दिन कोविड महामारी को लेकर ऐतिहासिक रहा। जिले में आज से कोरोना टीकाकरण की शुरूआत हो गई। कोरबा शहर के प्रथम नागरिक महापौर राजकिशोर प्रसाद की मौजूदगी में पहला टीका जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी को लगाया गया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. बी. बोडे, टीकाकरण नोडल अधिकारी आशीष देवांगन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पद्माकर शिंदे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. पुष्पेश कुमार सहित मेडिकल स्टाफ और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कोरबा जिले में आज तीन जगहों सामुुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करतला, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा और जिला अस्पताल में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत एक साथ हुई। करतला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहला टीका लैब टैक्निशियन शंकर पत्रवानी और कटघोरा में पहला टीका खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूद्रपाल सिंह कंवर को लगाया गया।
जिला अस्पताल में आयोजित टीकाकरण शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों और मेडिकल स्टाफ ने पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन सुना। इसके बाद डॉ. अरूण तिवारी को नर्स श्रीमती रीना कोसले ने आधा मिलीलीटर कोविशील्ड टीका लगाया। कोरबा जिले में कोरोना का पहला टीका लगवाने पर उपस्थित सभी लोगों ने तालियों गडग़ड़ाहट से डॉ. तिवारी का उत्साह वर्धन किया। टीका लगने के बाद डॉ. तिवारी को आधा घंटे के लिए डॉक्टरों की निगरानी में काउंसिलिंग रूम में रखा गया। दूसरा टीका नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. के एल. धु्रव को लगा।
ज्ञातव्य है किकोरबा जिले को पहली खेप में 6800 वॉयल कोवीशील्ड वैक्सीन मिली है। इससे आज शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में छह हजार 800 डोज टीके लगाए जाएंगे। वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखने के पूरें इंतजाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही कर लिए गए हैं। जिले में 10 हजार से अधिक फ्रंट लाईन वर्कर्स को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन लगेगी। पहली खेप में मिली वैक्सीन लगने के बाद वैक्सीन की अगली खेप जिले को प्राप्त होगी।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. बोडे ने बताया कि राज्य शासन द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार सबसे पहले फ्रंट लाईन वर्कर्स में महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले को कोवीशील्ड वैक्सीन के डोज लगाए जाएंगे। पहले चरण में जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करतला, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा और जिला अस्पताल में तीन टीकाकरण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। एक दिन में जिले में तीनो केन्द्रों पर 50-50 लोगों को कोविशील्ड टीका लगाया जाएगा।
डॉ. बोडे ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए सभी तैयारियां पहले से पूरी कर ली गईं थी। साथ ही तैयारियों का परीक्षण भी ड्राय रन द्वारा किया जा चुका है। एक व्यक्ति को कोवीशील्ड का आधा मिलीलीटर डोज टीके के रूप में लगाया जाएगा। टीका लगने के बाद संबंधित व्यक्ति को टीकाकरण सेंटर पर बने काउंसिलिंग रूम में विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में आधा घंटा रूकना होगा। सीएमएचओ ने बताया कि इसके 28 दिन बाद व्यक्ति को टीके का दूसरा डोज लगेगा। पहले चरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं, सुपरवाईजरों सहित मितानिनों, डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कमिर्यों, पैरामेडिकल स्टाफ आदि फ्रंट लाईन वर्करों को कोवीशील्ड कोरोना टीका लगाया जाएगा।
धान के अतिरिक्त अरहर, सरसों, गेहूं की फसल लेकर तथा मछलीपालन कर जेठूराम ने कमाए तीन लाख
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 15 जनवरी। जिले के किसान परंपरागत धान की खेती करने के अलावा अन्य फसल लेकर भी मुनाफा कमा रहे हैं। आर्थिक मजबूती की राह में चल रहे किसान धान के अतिरिक्त सरसों, अरहर, गेहूं की फसल लेकर खूब लाभ कमा रहे हैं। फसल उत्पादन के साथ मछली पालन ने किसानों को तरक्की की राह पर चलने में सहयोग किया है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने जिला प्रशासन भी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रहा है। किसानों को योजनाओं की सभी जानकारी तथा उन्नत खेती करने तकनीकी मार्गदर्शन भी कृषि विभाग द्वारा दिया जा रहा है। शासन की योजनाओं के सहयोग से ऐसे ही एक किसान श्री जेठूराम मिश्रित खेती कर आर्थिक लाभ कमाकर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम कर रहे हैं।
विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा ग्राम सेमराकछार निवासी श्री जेठूराम ने मिश्रित तरीके से खेती करके लगभग तीन लाख रूपए कमा लिए हैं। जेठूराम धान की परंपरागत खेती के अलावा अपने खेतों में अरहर, सरसों ओर गेहूं लगाकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। फसल उत्पादन के अलावा जेठूराम ने मछली पालन भी किया और मछली बेचकर भी खूब लाभ कमाए। जेठूराम बताते हैं कि पहले परम्परागत तरीके से खेती करने से लागत अधिक आती थी तथा फसल की उपज भी कम होती थी। कम उपज होने के कारण आय भी कम होती थी जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा था। जेठूराम ने बताया कि अधिक उत्पादन के लिए मैंने कृषि विभाग से संपर्क किया। कृषि विभाग से लाभकारी योजनाओं का लाभ तथा तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि मुझे विभाग में संचालित योजनाओं, डीएमएफ, सौर सुजला योजना तथा राज्य पोषित योजनाओं से नलकूप खनन, सोलर पंप, स्थापना का लाभ मिला। इसके साथ स्प्रिंकलर सेट, हस्त चलित स्प्रेयर भी विभाग की सहायता से प्राप्त हुआ।
जेठूराम ने बताया कि कृषि विभाग से आत्मा योजनांतर्गत प्रशिक्षण और कृषि विभाग के मार्गदर्शन से डबरी निर्माण किया हूँ। पहले मैनें दो एकड़ भूमि में शासन की योजना से लाईन ट्रांसप्लांटिंग धान प्रदर्शन एवं मेड़ों पर अरहर का फसल लिया और रबी के सीजन में सरसों और गेहूं का खेती किया। इस तरह फसल लेने से मुझे अच्छी आमदनी हुई। वर्तमान में मैं साढ़े पांच एकड़ भूमि में श्री विधि से धान फसल, मेड़ों पर अरहर लगाने के साथ आधा एकड़ जमीन में सब्जी उत्पादन भी कर रहा हूँ। विभाग के मार्गदर्शन से निर्मित डबरी में मछली पालन कर रहा हूँ। जेठूराम अपने आय से खुश होते हुए बताते हैं कि धान, अरहर, सरसों, गेहूं तथा सब्जी उत्पादन से पिछले साल दो लाख 20 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त हुई थी। इस वर्ष धान फसल, सब्जी उत्पादन से अभी तक ढाई लाख रूपए का आय प्राप्त हो चुका है। रबी फसल समाप्त होते तक तथा मछली पालन से डेढ़ लाख और आय होने की संभावना है। जेठूराम विभाग के मार्गदर्शन में अच्छी आय प्राप्त कर बहुत खुश हैं और अपने परिवार की स्वास्थ्य एवं शिक्षा की अच्छी तरह व्यवस्था कर पा रहे हैं।
16 से शुरू होगा फ्रंट लाईन वर्कर्स को वैक्सीनेशन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 14 जनवरी। आज का दिन कोरबा जिले के लिए कोरोना को लेकर ऐतिहासिक रहा। आज दोपहर रायपुर से कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड की पहली खेप कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंची। जिले के सीएमएचओ डॉ. बी. बी. बोडे एवं जिला प्रबंधक श्री पद्माकर शिंदे की मौजूदगी में पूरे स्टाफ ने तालियों से वैक्सीन वाहन की अगुवाई की। जैसे ही वाहन चालक श्री छत्रपाल पाण्डे तथा आरक्षक श्री दिलीप झा वैक्सीन वाहन को लेकर कोरबा पहुंचे, पूरे मेडिकल स्टाफ और मौजूद लोगों में उत्साह व खुशी की लहर दौड़ गई। सभी की मौजूदगी में वाहन के द्वार खोलकर सीएमएचओ डॉ. बोडे ने वैक्सीन के कोल्ड चेन डब्बों का निरीक्षण किया। इसके बाद वैक्सीन को 15 ब्लॉक स्थित जिला टीकाकरण भण्डार गृह भेजा गया जहां डिस्ट्रिक्ट कोल्ड चेन हैण्डलर श्री सुरेश कोशले ने कोवीशील्ड वैक्सीन को भण्डार गृह में सुरक्षित रखवाया।
कोरबा जिले को पहली खेप में आज 680 वॉयल कोवीशील्ड वैक्सीन मिली है। इससे पहले चरण में छह हजार 800 डोज टीके लगाए जाएंगे। वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखने के पूरें इंतजाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही कर लिए गए हैं। जिले में 10 हजार से अधिक फ्रंट लाईन वर्कर्स को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण का काम 16 जनवरी से शुरू होगा। पहली खेप में मिली वैक्सीन लगने के बाद वैक्सीन की अगली खेप जिले को प्राप्त होगी।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. बोडे ने बताया कि राज्य शासन द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार सबसे पहले फ्रंट लाईन वर्कर्स में महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले को कोवीशील्ड वैक्सीन के डोज लगाए जाएंगे। पहले चरण में जिले में तीन टीकाकरण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करतला, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा और जिला अस्पताल में कोरोना वैक्सीनेशन का काम 16 जनवरी सुबह नौ बजे से शुरू होगा। डॉ. बोडे ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए सभी तैयारियां पहले से पूरी कर ली गईं हैं साथ ही तैयारियों का परीक्षण भी ड्राय रन द्वारा किया जा चुका है।
एक व्यक्ति को कोवीशील्ड का आधा मिलीलीटर डोज टीके के रूप में लगाया जाएगा। टीका लगने के बाद संबंधित व्यक्ति को टीकाकरण सेंटर पर बने काउंसिलिंग रूम में विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में आधा घंटा रूकना होगा।
सीएमएचओ ने बताया कि इसके 28 दिन बाद व्यक्ति को टीके का दूसरा डोज लगेगा। पहले चरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं, सुपरवाईजरों सहित मितानिनों, डॉक्टरों, नर्सों आदि फ्रंट लाईन वर्करों को कोवीशील्ड कोरोना टीका लगाया जाएगा।
कलेक्टर ने जाहिर की खुशी, कहा कोरोना से लड़ाई में बढ़ेगा आत्मविश्वास- कोविड महामारी की वैक्सीन की पहली खेप कोरबा जिला मुख्यालय पहुंचने पर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने खुशी जाहिर की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि कोरोना के टीके के जिले में पहुंचने से कोरोना से लड़ाई में आत्मविश्वास बढ़ेगा। फ्रंटलाईन वर्कर्स को संक्रमण का खतरा खत्म होगा और कोरोना की पहचान तथा इलाज के लिए अब और तेजी से काम हो सकेगा।
सरकारी शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाई के साथ चित्रकला, रंगोली, साहित्य के क्षेत्र में किया आगे
कोरबा, 14 जनवरी। सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने कोरोनाकाल में अध्यापन कार्य के अतिरिक्त अन्य गतिविधियां करा कर इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित करके दिखाया है कि सरकारी स्कूल पिछड़े हुए हैं। कोरोना के संकट काल में ना केवल सरकारी शिक्षक बच्चों के पढ़ाई को लेकर चिंतित थे। लेकिन कोरोना काल में शिक्षकों ने बच्चों की अन्य प्रतिभाओं को खुलकर सामने लाए।
बालको के निकट ग्राम दोंदरो के प्राथमिक शाला दोंदरो में पदस्थ सहायक शिक्षक ममता चौहान ने कोरोना सर्वे में ड्यूटी के साथ ही विद्यालय के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रेरित किया और इसके लिए उन्हें मार्गदर्शन भी दिया। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना पढ़ई तुहर द्वार का प्रयोग उन्होंने अपने बच्चों की प्रतिभाओं को बाहर लाने में किया। उन्होंने अपने गांव में तीन स्थान पर मोहल्ला क्लास प्रारंभ किया जो आज तक चलती जा रही है। अपने मोहल्ला क्लास में जो बच्चे साहित्य, कला , ललित कला एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में अच्छे हैं उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ इन कलाओं को भी सिखाना शुरू किया। इसका परिणाम यह रहा कि जब अन्य संस्थाओं द्वारा ऑनलाइन फैंसी ड्रेस, रंगोली, चित्रकला, निबंध इत्यादि प्रतियोगिताएं ऑनलाइन आयोजित की गई। उन्होंने अपने बच्चों को इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु तैयार किया। बच्चों ने इन क्षेत्रों में अपना क्षेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्थान प्राप्त किया।
बालको के वार्ड 39 के पार्षद लोकेश चौहान द्वारा आयोजित बालको नगर के सभी वासियों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें प्राथमिक शाला दोंदरो के बच्चों ने टॉप 10 में अपना जगह बनाई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बालको के सीएसआर हेड अवतार सिंह थे। साधना ने द्वितीय, ज्योतिका ने चतुर्थ, प्रियांशी ने पांचवां एवं रिया ने छठवां स्थान प्राप्त किया।
बालकोनगर, 14 जनवरी। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने सामुदायिक विकास कार्यक्रम की परियोजना जलग्राम के अंतर्गत नाबार्ड के सहयोग से कृषि उन्नयन की दिशा में कोरबा कृषक उन्नयन प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (के.के.यू.पी.सी.एल.) की स्थापना की थी। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व स्थापित कंपनी से जुड़े किसानों ने खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर आज अपना टर्न ओव्हर लगभग 40 लाख के स्तर तक पहुंचा दिया है। किसानों को इस बात की उम्मीद है कि वे मार्च 2021 तक अपना टर्न ओव्हर लगभग 80 लाख रुपए के स्तर पर ले जाएंगे।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने के.के.यू.पी.सी.एल. के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने किसानों की दूरदर्शिता और आत्मविश्वास की प्रशंसा करते हुए कहा है कि 40 लाख रुपए का टर्न ओव्हर बड़ी उपलब्धियों की ओर पहला कदम है। संगठित प्रयास से किसान कृषि क्षेत्र में निश्चित ही कोरबा और छत्तीसगढ़ राज्य को नई ऊंचाइयों पर स्थापित करेंगे।
कैसे छूआ 40 लाख का आंकड़ा - के.के.यू.पी.सी.एल. ने किसानों को उच्च गुणवत्ता के खाद, बीज और दवाइयां उपलब्ध कराईं। किसानों ने अपनी सब्जियां और दूसरे अनाज-चावल, दाल, गेहूं आदि बालको की ‘उन्नति फ्रेश परियोजना’ के जरिए बालको टाउनशिप के नागरिकों तक पहुंचाईं। इसके अलावा सब्जी मंडी के जरिए फुटकर मार्केट तक अपना उत्पादन पहुंचाकर किसानों ने 40 लाख रुपए के आंकड़े को पाने में सफलता हासिल की।
क्या है के.के.यू.पी.सी.एल. - के.के.यू.पी.सी.एल. कोरबा के ग्राम बेला में स्थापित की गई है। इस कंपनी से 350 किसान जुड़े हैं। परियोजना से ग्राम दोंदरो, बेला, जामबहार और रुगबहरी के ऐसे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा गया है जिनके पास न्यूनतम एक एकड़ कृषि भूमि है। के.के.यू.पी.सी.एल. से जुड़े सभी किसानों को कंपनी की अंशधारिता प्रदान की गई है। निदेशक मंडल का चुनाव किसानों ने सर्वसम्मति से किया है। मंडल का कार्यकाल दो वर्षों का होता है। कंपनी के वर्तमान अध्यक्ष ग्राम बेला के अमृत लाल हैं।
कंपनी स्थापना का उद्देश्य - के.के.यू.पी.सी.एल. का उद्देश्य किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों से जोडऩा, शासकीय योजनाओं की जानकारी देना तथा उसका लाभ लेने में सहयोग करना और कृषक संघ द्वारा उत्पादित फसलों को बाजार तक पहुंचाकर उन्हें उचित मूल्य दिलाने में मदद करना है।
कैसे काम करती है कंपनी - कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्य समय-समय पर बैठक कर जरूरी प्रशिक्षण, खाद-बीज एवं अन्य उपकरणों की खरीद, उपज लेने, शासकीय मदद पाने आदि की रुपरेखा तैयार करते हंै। उपज लेने संबंधी प्रशिक्षण के लिए के.के.यू.पी.सी.एल. ने ग्राम बेला में वेदांत एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर (व्ही.ए.आर.सी.) की स्थापना की है। यह केंद्र प्रशिक्षण, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, आधुनिक सिंचाई प्रणाली और सब्जियों के संरक्षण के लिए सोलर ड्रायर की सुविधाओं से लैस हैं। इसके साथ ही शेड नेट ग्रीन हाउस में परीक्षण के तौर पर मिर्च और शिमला मिर्च उगाने की सुविधा है। केंद्र के माध्यम से किसानों को विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में आधुनिक खेती और अनेक शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाती है। कोविड-19 के दौर में सोशल मीडिया के जरिए किसान चौपाल आयोजित किए जाते हैं।
बायोफ्लॉक पद्धति से मछली पालना सीख रहे किसान - बालको-नाबार्ड स्थापित व्ही.ए.आर.सी. बिलासपुर संभाग का पहला ऐसा केंद्र है जहां किसानों को बायोफ्लॉक पद्धति से मछली पालन का प्रशिक्षण देने की सुविधा है। इस पद्धति में मछली पालन कम स्थान पर किया जा सकता है। कम खर्च और तालाब से 40 गुना कम स्थान पर तालाब जैसा उत्पादन लिया जा सकता है।
आधुनिक खेती से खिले किसानों के चेहरे - परियोजना जलग्राम के क्रियान्वयन से पूर्व लक्षित क्षेत्र के किसान सिर्फ धान की फसल ले पाते थे। सिंचाई और खेती की अनेक आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता को देखते हुए आज ऐसे किसान वापस अपने गांव लौट चुके हैं जो कभी रोजी-रोटी के लिए पलायन कर चुके थे। किसानों की आधुनिक पीढ़ी शिक्षित है और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के प्रति सजग भी है।
बालको टाउनशिप के एक स्कूल से कक्षा 12वीं तक पढ़े कोमल भगत ग्राम बेला और आसपास के क्षेत्रों के लिए पहले ऐसे किसान हैं जिन्होंने वर्ष 2020 में तरबूज की बंपर पैदावार ली। मात्र डेढ़ एकड़ में उन्होंने 15 टन की उपज ली। तरबूज के बाद अब वह ड्रिप प्रणाली से बरबट्टी, करेला, बीन्स आदि की फसल ले रहे हैं। अब तक वह नौ टन करेला और चार टन बरबट्टी की पैदावार ले चुके हैं। इससे उन्हें लगभग दो लाख रुपए की आमदनी हुई। ग्राम बेला के पूर्व सरपंच श्री फूल सिंह राठिया बताते हैं कि सब्जियों के उत्पादन में ड्रिप प्रणाली के प्रयोग से खरपतवार नहीं होते। पानी, खाद और दवाइयां कम लगती हैं। सब्जियों की सडऩे की प्रक्रिया धीमी होती है।
दोंदरो के किसान खुमान सिंह धान उगाने की आधुनिक तकनीक एस.आर.आई. में अब पारंगत हो चुके हैं। अपने अनुभव के आधार पर वह बताते हैं कि पहले वह छींटा या रोपा विधि से धान की फसल लेते थे। छींटा विधि में उन्हें लगभग 30 किलो बीज से प्रति एकड़ लगभग 8 क्विंटल उपज मिलती थी। रोपा विधि में 15 किलो बीज से लगभग 11 क्विंटल उपज होती थी जबकि एस.आर.आई. विधि में मात्र 3 किलो बीज से 15 क्विंटल से भी ज्यादा धान मिलता है। गांव में कुंआ और चेक डेम की व्यवस्था बालको ने की है। इनकी मदद से अब गांव के किसान गेहूं और दलहन की फसल भी लेने लगे हैं। वह कहते हैं कि बालको की ओर से मिल रही मदद ने उनके जीवन की दिशा बदल दी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पताल में नि:शुल्क डायलिसिस सेंटर का किया वर्चुअल लोकार्पण
कोरबा, 14 जनवरी। स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय कोरबा में नि:शुल्क डायलिसिस सेन्टर का वर्चुअल लोकार्पण किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सबके लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तारतम्य में जिलेवासियों को नि:शुल्क डायलिसिस सेंटर की सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खुशी का विषय है कि हम जनता के लिए दिन-प्रतिदिन स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कोशिश कर रहे हैं। डायलिसिस सेवा के शुरु हो जाने से कोरबा की जनता को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। हम निरंतर इस दिशा में कार्य कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी सुदृढ़ बनाया जा सके। जिला अस्पताल में डायलिसिस सेंटर शुरू होने से डायलिसिस की आवश्यकता वाले बीमार मरीजों को मुफ्त में डायलिसिस की सुविधा मिलेगी। जिले के बीमार मरीजों को डायलिसिस कराने दूर शहर जाने और इलाज के महंगे खर्चों से भी राहत मिलेगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए इस वर्चुअल लोकार्पण के अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जय सिंह अग्रवाल, महापौर नगर पालिक निगम कोरबा राज किशोर प्रसाद, सभापति नगर पालिक निगम श्याम सुंदर सोनी, डिप्टी कलेक्टर कोरबा आशीष देवांगन, सीएमएचओ डॉ बी.बी.बोडे, सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी, डीपीएम पदमाकर शिंदे, एडमिनिस्ट्रेटर डायलिसिस सेंटर जुयेल साहा सहित जिला चिकित्सालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि इस डायलिसिस सेंटर से जिले वासियों को नि:शुल्क डायलिसिस कि सुविधा मिल पाएगी। पहले यह सेवा नहीं होने के कारण मरीजों को इससे लिये बाहर जाना पड़ता था और आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था। जिले में डायलिसिस सेंटर होने से समय पर उपचार सुनिश्चित होने से मरीज की जान बचाई जा सकती है, साथ ही इलाज में आने वाले खर्च भी लोगों को नहीं करना पड़ेगा। राजस्व मंत्री ने डायलिसिस सेवा ले रहे मरीजों से मिलकर उनका हाल-चाल भी पूछा। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया तथा मरीजों को प्रदान की जा रही सेवाओं के संबंध में संतुष्टि प्रकट की।
जिला चिकित्सालय में डायलिसिस के लिए पांच मशीन लगाई गई हैं और पाँचों मशीन की सेवा मरीजों को मिलेगी। चार मशीन सामान्य मरीजों के लिये हैं और एक मशीन हेपेटाइटिस -सी के मरीजों के लिये है। सामान्यत: एक डायलिसिस प्रकिया में चार घंटे का समय लगता है और इसके लिये 130 से 140 लीटर आर.ओ. पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिये जिला अस्पताल में 750 लीटर की क्षमता वाले आर.ओ.प्लाट भी स्थापित किया गया है जिससे डायलिसिस प्रकिया में पानी की आवश्यकता को पुरा किया जा सके।
इस अवसर पर राज किशोर प्रसाद ने कहा कि डायलिसिस सेवा का कोरबा जिले में शुरु हो जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है इससे कोरबा की जनता को अब इस सेवा के लिये भटकना नहीं पड़ेगा। डॉ. बी .बी. बोडे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोरबा ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सुविधा को निरंतर बेहतर बनाये रखने की दिशा में सदा कोशिश करते रहे हैं, उसी के परिणाम स्वरुप आज जनता को शासन के माध्यम से डायलिसिस सेंटर की सुविधा भी मिल गई है।
कोरबा, 11 जनवरी। चिकित्सकों की लापरवाही से ऑपरेशन के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने एक महिला सहित तीन चिकित्सकों पर अपराध पंजीबद्ध किया है।
जानकारी के मुताबिक बालको थाना क्षेत्र के बेलगरी बस्ती लालघाट वार्ड क्रमांक 34 के निवासी मनोज केंवट का 5 वर्षीय पुत्र दिव्यांश को हार्निया की शिकायत पर जिला चिकित्सालय मे उपचार कराने ले जाय गया था। यहां डॉ. प्रभात पाणिग्रही ने बच्चे का सोनोग्राफी कराया। 8 जनवरी को रिपोर्ट देखने के बाद हर्निया होने की जानकारी देते हुए आपरेशन करने की आवश्यकता बताई। उन्होने खुद को इस रोग का विशेषज्ञ बताया साथ ही बाल्को क्षेत्र में संचालित निजी आयुष्मान क्लीनिक में आपरेशन करने की बात कह वहां भेज दिया। आपरेशन से पहले पिता मनोज व मां रत्ना केंवट ने बच्चे की जान को खतरा होने की आशंका व्यक्त की, तो डाक्टर ने छोटा सा आपरेशन होने का हवाला देकर निश्चिंत रहने का भरोसा दिलाया। जिला अस्पताल में आपरेशन की सुविधा नहीं होने की बात कह कर भेजे गए मासूम को 9 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे भर्ती किया गया। शाम 5.30 बजे आपरेशन थियेटर ले गए, जहां डॉ. पाणिग्रही के अलावा डॉ. ज्योति श्रीवास्तव व डॉ. प्रतीकधर शर्मा भी मौजूद थे। आपरेशन थियेटर से बाहर से आकर डाक्टर पाणिग्रही ने परिजनों को आश्वासन दिया कि 15 मिनट में बच्चे को वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। यह कह कर वे फिर वापस आपरेशन थियेटर में चले गए। 2 घंटे का समय बीत जाने के बाद भी बच्चे को बाहर नहीं लाया गया, परिजन बच्चे की जानकारी लेते, तो स्वस्थ्य होने की बात कही जाती रही। इसके पश्चात डाक्टर पाणिग्रही आपरेशन थियटेर से बाहर निकले और कहने लगे कि बच्चे की सांस रूक गई है। हम अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं। इस बीच आनन- फानन में परिजनों से बिना सलाह लिए बच्चे को कोसाबाड़ी स्थित एक निजी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले गए। यहां से अचानक डा. पाणिग्रही लापता हो गए। थोडी देर बाद आईसीयू से डाक्टर बाहर आए और बच्चे की मौत हो जाने की जानकारी दी। डाक्टरों ने कहा कि उसे काफी गंभीर हालत में यहां लाया गया था। रामपुर पुलिस चौकी में मनोज केंवट ने शिकायत करते हुए अपने बच्चे की मौत के लिए डा. पाणिग्रही. डा. प्रतीकधर शर्मा व डा. ज्योती श्रीवास्तव को जिम्मेदार ठहराया है। कोरबा तहसीलदार की उपस्थिति में एफएसएल व बाल्को पुलिस ने पंचनामा की कार्रवाई की है। साथ ही तीन चिकित्सकों की टीम ने बच्चे का संयुक्त रूप से पोस्टमार्टम किया है। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। सोमवार को बालको थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश मिश्रा ने बताया कि मृत बच्चे के परिजनों की शिकायत पर तीन चिकित्सकों पर मामला दर्ज किया गया है। घटना की जांच की जाएगी। निश्चेतना विशेषज्ञ की उपस्थिति के बिना ही आपरेशन किए जाने की वजह से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया गया है। मामले में रामपुर पुलिस ने मर्ग कायम कर केस डायरी बाल्को थाना प्रेषित की थी। बाल्को पुलिस ने तीनों डाक्टर के खिलाफ धारा 304 ए, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 6 जनवरी। पत्थलगांव थाने में कांसाबेल निवासी रामअवतार पारीक एवं श्यामसुंदर पारीक के खिलाफ 420 का अपराध पंजीबद्ध हुआ है
जानकारी के मुताबिक संदीप सिन्हा लीगल मैनेजर श्री राम फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड अनुपम नगर रायपुर द्वारा कुंजल ऑटो के मालिक रामअवतार पारीक एवं श्यामसुंदर पारीक कांसाबेल निवासी के विरुद्ध शिकायत किया है कि वर्ष 2015 में दोनों पक्षों के मध्य राजस्व शेयरिंग के तहत व्यापार शुरू किए जाने का इकरार हुआ था जिस में मां कुंजल ऑटो द्वारा ग्राहकों को नई दो पहिया वाहन को श्रीराम फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस कर उक्त वाहन का राशि अपने खाता में लेकर व फाइनेंस की राशि को ग्राहकों से लेकर फायनेेंस कंपनी में वापस करना था। इस इकरार के तहत मां कुंजल ऑटो के मालिक द्वारा वर्ष 2015 से वर्ष 2017 के मध्य कुल 166 ग्राहकों से लिए 72 लाख 75हजार 886 रुपए प्राप्त कर ग्राहकों से पूरी राशि वसूल कर कंपनी को रकम वापस ना कर आपसी षड्यंत्र करते हुए धोखाधड़ी कर गबन किया गया। आरोप है कि आरोपियों ने षड्यंत्र तरीके से लगभग 92 लाख 86हजार 878 रूपये की धोखाधड़ी किया है। इस मामले में पत्थलगांव पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 409, 406, 120बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना जारी कर दिया है।
आरोप है कि मां कुंजल ऑटो के मालिक द्वारा ग्राहको से ली गई किस्त की राशि को कंपनी को वापस नहीं किया गया। समस्त कि़स्त राशि का गबन करने का मामला उस समय उजागर हुवा जब फाइनेंस कंपनी से ग्राहकों ने एनओसी मांगी तो एनओसी नहीं मिलने के दौरान पूरे मामले का खुलासा हुआ, आरोप है कि श्रीराम फाइनेंस कंपनी से श्यामसुंदर पारीक के द्वारा पारीक हार्डवेयर ,मोनू ऑटोमोबाइल ,पारीक भंडार एवं हौंडा शोरूम मां कुंजल के नाम से 12 लाख रुपए लोंन भी लिया गया था जिसे श्यामसुंदर के द्वारा गबन कर लिया गया। कि़स्त की राशि और लोन की रकम मिलाकर लगभग 92 लाख 86 हजार 878 रूपये के गबन का मामला सामने आया है।
बांध के बीच बने तैरते हुए रेस्टोरेंट में चाय की चुस्की का लिया आनंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 जनवरी। जिले के मनोरम एवं खूबसूरत तथा नव विकसित पर्यटन स्थल सतरेंगा की खूबसूरती और हसदेव नदी का अथाह जल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भा गया। एक रात सतरेंगा के रिसाॅर्ट में ठहरने के बाद सुबह जब आंख खुली तो यहां की प्राकृतिक छटा और शांत वातावरण ने मुख्यमंत्री श्री बघेल का मन मोह लिया। बाद में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश-विदेश के पर्यटकों को सतरेंगा आकर वहां की खूबसूरती का आनंद लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक खूबसूरती से भरा राज्य है। बस्तर हो या सरगुजा, बिलासपुर हो या बारनवापारा और अब कोरबा का सतरेंगा यहां हर जगह प्राकृतिक सौंदर्य है, रमणीय स्थल है। लोग यहां ज्यादा से ज्यादा आयें और तनाव भरें व्यस्त जीवन में से कुछ आनंद के पल यहां बितायें। श्री बघेल ने सतरेंगा में पर्यटन की दृष्टि से हुए विकास कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां विकसित सुविधाओं की जानकारी कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल से ली। मुख्यमंत्री ने सतरेंगा में बने रिसाॅर्ट, ओपन आडिटोरियम, बोटिंग की व्यवस्था के साथ-साथ आकर्षक गार्डन की तारीफ की। उन्होंने इस सभी विकास कार्यों और सतरेंगा विकास की भविष्य की तैयार योजना के लिए कलेक्टर श्रीमती कौशल की जमकर तारीफ की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 04 जनवरी को कोरबा प्रवास के दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सतरेंगा पर्यटन स्थल के कॅाटेज में रात्रि विश्राम किया। मुख्यमंत्री ने बांगो जलाशय की अपार जलराशि में विकसित पर्यटल स्थल सतरेंगा में प्राकृतिक विहंगम दृश्यों के साथ प्रकृति की गोद में समय बिताने का आनंद लिया। श्री बघेल ने अगले दिन की सुबह प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण पर्यटन स्थल में कू्रज बोट में बैठकर नौका विहार भी किया। मुख्यमंत्री ने अपार जल राशि के बीच बने 25 सीटर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट पहुंचकर चाय की चुस्की का आनंद लिया। मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरण दास महंत, स्कूल शिक्षा मंत्री एवं कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. पे्रमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, पूर्व विधायक बोधराम कंवर भी बोट में बैठे थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा प्रवास के दूसरे दिन आज ओपन थियेटर सतरेंगा में जिले के सभी विभागों के अधिकारियों से पारिवारिक माहौल में बातचीत की। उन्होंने अधिकारियों से उनका परिचय पूछा और उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी भी ली।
श्री बघेल ने जिले में अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा तत्पर होकर निष्ठा और ईमानदारी से लोगों की सेवा में लगे रहने की बात कही। मुख्यमंत्री ने जिले में चल रहे कार्यों की जानकारी ली और योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी जिस पद के लिए और जिस काम के लिए बैठे हैं उसके अनुरूप काम सही ढंग से हो ताकि हितग्राहियों को पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन पर जोर देते हुए धान का फसल लेने के बाद गेहूं फिर साग-सब्जी उगाकर आय बढ़ाने के लिए किसानों को पे्ररित करने के भी सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने ब्लाक स्तर पर भी अच्छी गुणवत्ता के साथ इंग्लिश मिडियम स्कूल प्रारंभ करने तथा आईएएस, आईएफएस, आईपीएस जैसे सभी अधिकारियों को भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने को कहा। जिससे आम लोगों के बच्चों में समानता और एकता का विकास होगा और गरीब बच्चे भी अंगे्रजी स्कूलो में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
बघेल को बताया- गोबर बेचकर कमाए 32 हजार रूपए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान जब पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा के ग्राम पोलमी पहुंचे, तो वहां एक आदिवासी किसान ने उनसे भेंटकर कहा ‘‘मैं हा गोबर बेच के 32 हजार रूपया कमाए हावंव। उई मं के सौ रूपया आप ल भेंट करना चाहथ हंव‘‘। उनके आग्रह पर अभिभूत हुए मुख्यमंत्री ने किसान की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी दी गई इस भेंट को बड़े ही स्नेह के साथ स्वीकारा और उन्हें धन्यवाद दिया।
कोरबा जिले के पाली विकासखंड के सुदूर बीहड़ में बसे ग्राम पुटा के किसान श्री नारायण सिंह गोधन न्याय योजना के हितग्राही हैं। उन्होंने गोबर बेचकर अब तक 32 हजार रूपए कमाए हैं। नारायण सिंह ने गोधन न्याय योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार जताते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखी पाती भेंट की। इस आभार पत्र में कृषक श्री नारायण सिंह ने प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल को लिखा है कि ‘‘आप मन कईसे हा, आप मन के राज मं हम हन अच्छा हवन। आप मन के राज मं हमर असन गरीब मनखे मन बर, गोधन न्याय योजना चालू करेहा, जेन मं हमर असन गरीब मनखे मन गोबर बेच के कुछ कमा लेत हन। मैं हा गोबर बेच के 32 हजार रूपया कमाए हावंव। उई मं के सौ रूपया आप ल भेंट करना चाहथ हंव। आप मन के राज मं गांव के मनखे हा राम राज म जियत हे, अइसे लागत हे। गाड़ा-गाड़ा जोहार अउ राज मं खुशहाली करे बर शुभकामना‘‘।
कृषक नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने के एवज में मिली राशि से परिवार की जरूरतें पूरी हो रही हैं। गोबर बेचने से होने वाली नियमित आमदनी का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि अब हमें अपनी दैनिक जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उनसे कहा कि छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है जिसने गोबर खरीद कर गरीब वर्ग को भी आय का साधन उपलब्ध कराया है। राज्य शासन का लक्ष्य है कि अंतिम व्यक्ति को समस्त योजनाओं का लाभ मिले और प्रत्येक नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त हो।
इंदिरा स्टेडियम में स्पोट्र्स एकेडमी की मंजूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा प्रवास के दौरान जिलेवासियों को विभिन्न सौगातें दी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोरबा जिले में 836 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने कोरबा जिला के लोगों के विकास और समृद्धि के लिए विभिन्न घोषणाएं भी की।
मुख्यमंत्री ने कोरबा के घण्टाघर मैदान स्थित ओपन ऑडिटोरियम में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर अजगरबहार और बरपाली को तहसील बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने उन्होंने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल व सांसद ज्योत्सना महंत की मांग पर कोरबा स्थित मेडिकल कॉलेज का नामकरण पूर्व विधायक स्व. श्री बिसाहू दास महंत के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने कोरबा शहर स्थित अशोक वाटिका उद्यान को ऑक्सीजोन के रूप में विकसित करने 10 करोड़ रूपए की राशि देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने भैंसमा स्थित महाविद्यालय का नामकरण श्री प्यारेलाल कंवर के नाम पर करने की घोषणा की। कोरबा शहर में स्थिति इंदिरा स्टेडियम में स्पोट्र्स एकेडमी बनाने की घोषणा भी की।
श्री बघेल ने कोरबा के घण्टाघर मैदान स्थित ओपन थियेटर में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए कोरबा जिलेवासियों को विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने जिलेवासियों को 836 करोड़ रूपए से अधिक के 883 कार्यों का भूमिपूजन, लोकार्पण तथा सामग्री वितरण का सौगात दिया। उन्होंने विकास कार्यों की बधाई देते हुए जिलेवासियों को कहा कि जिले में बनने वाले विभिन्न नए सडक़ों के बन जाने से लोगों को आने-जाने की सुविधा में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एफसीआई में चांवल जमा करने की अनुमति नहीं देने से धान खरीदी की व्यवस्था में व्यवधान आ गया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि 03 जनवरी को केन्द्र सरकार द्वारा 26 लाख मीट्रिक टन चांवल जमा करने की अनुमति दी गई है। अनुमति मिलने से धान खरीदी बिना किसी परेशानी के किसानों से होगी।
15239 मरीज हुए ठीक, कुल पॉजिटिव 16182, एक्टिव केस 778
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा , 2 जनवरी। कोरोना के नये स्वरूप ने विश्व के लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है, वहीं जिले के लोगों के लिए जिले में कोरोना संक्रमण की दर में कमी आना राहत भरी बात है। जिला प्रशासन के द्वारा मुहैया करवाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं के कारण जिले में कोरोना की रफ्तार कम हो रही है।
जिले में रोजाना औसत कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। अभी तक कुल पॉजिटिव मरीजों में से 94 प्रतिशत मरीज कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सजगता और गंभीरता पूर्वक काम करने से नए मरीजों की संख्या में कमी आई है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीज भी तेजी से और अधिक संख्या में ठीक हो रहे हैं। अभी तक कुल 15 हजार 239 मरीज पूरी तरह कोरोना से संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं। जिले में अभी तक कुल 16 हजार 182 कोरोना मरीज पाये गये हैं। वर्तमान में कुल 778 कोरोना संक्रमित मरीजों का ईलाज जारी है। अभी तक कोरोना संक्रमण के कारण 165 लोगों की मृत्यु हुई है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक मिले पॉजिटिव मरीजों और अस्पतालों में इलाज के बाद ठीक हुये मरीजों के हिसाब से करतला विकासखण्ड में रिकवरी रेट जिले में सबसे अधिक है। करतला में अब तक एक हजार 425 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है जिनमें से एक हजार 374 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं तथा 41 सक्रिय मरीज है। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में बीते दिन तक 488 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है जिनमें से अभी तक इलाज के बाद 450 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं तथा 34 सक्रिय मरीज है। कोरबा विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक एक हजार 075 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं जिनमें से 947 ठीक हो गये हैं तथा 117 सक्रिय मरीज हैं। कटघोरा विकासखण्ड में मिले चार हजार 942 कोरोना मरीजों में से अब तक चार हजार 575 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो गये हैं तथा 323 मरीजों का ईलाज जारी है। विकासखण्ड पाली में अब तक एक हजार 040 कोरोना मरीजों में से 948 मरीज इलाज के बाद ठीक हुये हैं और 87 मरीजों का ईलाज जारी है। कोरबा के शहरी क्षेत्रों में अब तक सात हजार 212 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है जिनमें से छह हजार 945 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं तथा 176 सक्रिय मरीज हैं। जिले में कोरोना संक्रमण की दर को कम करने तथा पॉजिटिव मरीजों की पहचान होने से जल्दी ईलाज शुरू करने प्रतिदिन अधिक संख्या में लोगों का कोरोना जांच किया जा रहा है। जिले में अभी तक कुल एक लाख 89 हजार 193 कोरोना जांच सैम्पल लिये जा चुके हैं जिनमें से एक लाख 71 हजार 467 सैम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। लिए गए सैम्पलों में 16 हजार 182 सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तथा 871 सैम्पलों की रिपोर्ट आना बाकी है एवं 673 सैम्पल विभिन्न तकनीकी कारणों से रिजेक्ट हुए हैं।
जिले में कोरोना संक्रमितों के लक्षणों और गंभीरता के अनुसार उन्हें कोविड अस्पतालों या होम आईसेालेशन में रखकर ईलाज किया जा रहा है। जिले के कोविड संस्थानों में कोरोना संक्रमित मरीजों के ईलाज के लिये कुल एक हजार 330 बेड की क्षमता विकसित की गई है। जिले के कोविड अस्पतालों में अब तक कुल तीन हजार 127 कोरोना संक्रमित मरीजों को ईलाज के लिये भर्ती किया जा चुका है। कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों में 518 मरीज अन्य जिलों के भी शामिल हैं। कुल भर्ती किये गये मरीजों में से दो हजार 800 मरीज कोरोना से स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। बिना या कम लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को घर पर ही होम आईसोलेशन में रखकर ईलाज कराने की सुविधा जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई है। जिले में अब तक कुल 14 हजार 87 लोगों का ईलाज होम आईसोलेशन में रखकर किया जा चुका है जिनमें से 13 हजार 258 लोग होम आईसोलेशन में रहकर पूर्ण रूप से कोरोना से मुक्त हो चुके हैं। होम आईसोलेशन में रखे गये 527 मरीजों में गंभीर स्वास्थ्य की स्थिति आने पर उन्हें कोविड अस्पताल में भी रिफर किया जा चुका है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 2 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चार और पांच जनवरी को कोरबा जिले के प्रवास पर रहेंगे। जिला प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे तथा विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री के जिला प्रवास से संबंधित कार्यक्रमों के लिए जिला प्रशासन की तैयारियां जोरो पर है। कलेक्टर किरण कौशल आयोजित होने वाले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों के संबंध में किये जा रहे व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने कार्यक्रमों की तैयारियों के संबंध में अधिकारी-कर्मचारियों को जरूरी निर्देश भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम स्थल में जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त एस. जयवर्धन, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सूर्य किरण तिवारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
कोरबा, 1 जनवरी। शहर के बुधवारी बाजार में नकली नोट को असली बताकर खपाते हुए दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वहीं एक फरार है।
पुलिस के अनुसार 31 दिसंबर की शाम करीब 7 बजे सीएसईबी चौकी पुलिस को सूचना मिली कि बुधवारी बाजार कोरबा में एक व्यक्ति को नकली नोट के साथ पकड़ा गया है। उपरोक्त सूचना पर सीएसईबी पुलिस चौकी में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक भागीरथी चौधरी के द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर नकली नोट खपाने का प्रयास कर रहे रमेशरा अमलेश ग्राम रटगा थाना मरवाही को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई, जो अपने साथी राय बहादुर एवं गुलाब अहिरेश ग्राम रटगा थाना मरवाही जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के साथ मोटरसाइकिल में नकली नोट लेकर बुधवारी बाजार में आकर तीनों व्यक्ति अलग-अलग दुकानों में जाकर नकली नोट चलाने का प्रयास कर रहे थे।
पुलिस ने आरोपी रमेशरा अमलेश की निशानदेही पर आरोपी रमेशरा के मोटरसाइकिल के डिक्की से 200 रुपए एवं 500 रुपए का नकली नोट बरामद किया गया। अन्य आरोपी राय बहादुर एवं गुलाब अहिरेश को उसके साथी रमेशरा के पकड़े जाने की जानकारी हो गई थी जिसके वजह से दोनों फरार हो गए थे जिनके गिरफ्तारी के लिए रात्रि में ही पूरे शहर में नाकेबंदी कर चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान एक आरोपी गुलाब अहिरेश ग्राम रटगा थाना मरवाही का पकड़ा गया।
पूछताछ पर दोनों आरोपियों ने बताया कि राय बहादुर अपने घर में नकली नोट छापने के लिए रंगीन प्रिंटर रखा है, उसी प्रिंटर से राय बहादुर नकली नोट छाप कर इन्हें देता है, फिर तीनों आसपास के बाजारों में जाकर समान खरीददारी कर दुकानदार को नकली नोट पकड़ा देते हैं।
आरोपी गुलाब अहिरेश के निशानदेही पर ग्राम रटगा जाकर राय बहादुर के घर से एक रंगीन प्रिंटर जब्त किया गया। आरोपी राय बहादुर फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। आरोपीगण रमेशरा अमलेश के कब्जे से आठ हजार दो सौ एवं गुलाब अहिरेश से नौ हजार तीन सौ कुल सत्रह हजार पांच सौ रुपए मूल्य का नकली नोट, एक रंगीन प्रिंटर तथा एक नग मोटर साइकिल जब्त किया गया है। मामले में आरोपियों के विरुद्ध कई धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की गई है।