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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। प्रयागराज के मुख्य मंदिर भगवान राजीवलोचन के चारों कोण में चार धाम स्थित है। जिनमें उत्तर-पूर्व में बद्रीनारायण, उत्तर-पश्चिम में नृसिहं अवतार, दक्षिण-पश्चिम में वराह तथा दक्षिण-पूर्व में वामन भगवान विराजमान हैं। करीब दो फीट ऊंची जगती पर मंदिर निर्मित हैं। इसमें मात्रा गर्भगृह हैं महामण्डप व परिक्रमा पथ के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया हैं। द्वार के पाश्र्व भित्ती जिनके दायें और बायीं ओर भगवान विष्णु के दशावतार की मूर्तिया उत्कीर्ण हैं। जिनसे चारों युगों का बोध होता है। सतयुग में मत्स्य, कूर्म, वराह अवतार तथा त्रेतायुग में नृसिंह, वामन, परशुराम, राम। द्वापर युग में कृष्ण तथा कलयुग में बुद्ध और कल्कि अवतार को दिखाया गया हैं। साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर ने बताया कि भागवत महापुराण पुराण की भविष्यवाणी के आधार पर इस युग के अंत में कल्कि अवतार होगा। मंदिर के ललाट पर भगवान विष्णु शेषनाग के बीच श्यनावस्था में चित्रित किया गया है। जिसमें देवगण स्तुति कर रहे हैं। गर्भगृह में भगवान वामन एवं राजा बली की करीब ढाई फीट उंची प्रतिमा अत्ंयत मनमोहनी परिलक्षित हो रही हैं। वामन भगवान बौने ब्रम्हाण के रूप में श्रृंगारिक हैं। बता दें कि पूरे छत्तीसगढ़ में आठवीं शताब्दी में निर्मित पहला वामन मंदिर राजिम में स्थित हैं। दक्षिण भारत में वामन को उपेन्द्र के नाम से जाना जाता है। वास्तुकला में निर्मित मंदिर ऊपर की ओर संकरा होते हुए गया है। कंगुरे पर कलश चढ़ा हुआ है। ईटों को यह मंदिर प्राचीनता के दृष्टिकोण से उत्कृष्ट कला नक्कासी का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया हैं। मंदिर के बाहरी आवरण चतुष्कोणीय हैं तथा उभार व दबाव के बीच ललाट पर ही मंदिर की आकृति प्रदर्शित की गई हैं। जिसमे सीढ़ी दिखाया गया हैं। मंदिर में ही और मंदिर विलक्षण निर्माण शैली का प्रतीक हैं। पुराणोनुसार राजा बली ने सौ यज्ञ पूर्ण किये। उससे पहले भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बली के पास भिक्षा के लिए पहुंच गए और भिक्षाम् देही राजन् ! का टेर लगाए। गुरू शुक्राचार्य विष्णु का छल समझ गए और बली को रोकने का प्रयास किया लेकिन होनी को कौन टाल सकता हैं इसके फेर में शुक्राचार्य के एक आंख फूट गए। राजा बली ने उन्हें तीन पग जमीन दान में दे दी। उन्होंने दो पग में पूरी धरती नाप लिया। तीसरा पग के लिए खुद राजा बली अपने आपको समर्पित कर लिया और इस तरह राजा बली नाम अमर हो गए। वामन अवतार मंदिर में दर्शनार्थी पूजा-अर्चना करना नहीं भूलते। प्रतिदिन दो बार वैदिक विधि से पूजा-अर्चना की जाती हैं तथा भोग लगाया जाता हैं। इस मंदिर की प्रसिद्धि आस्था का प्रागाढ़ करती हैं।
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राजिम, 4 मार्च। शासकीय प्रदर्शनी के अंर्तगत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के स्टॉल में भाटापारा के लोक कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक कर साफ-सफाई के महत्व को बताते हुए स्वच्छता अभियान पर फोकस किया। सुर सरिता के कलाकार रामशरण वर्मा, परदेसी निषाद, ज्ञान वर्मा, ओम, सोनू महाराज, भरत कुंजाम, सुशील साहू, आशा, पूजा धु्रव ने प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि गंदगी बीमारियों की जड़ हैं।
स्वच्छ वातावरण में अच्छे विचार पनपते हैं। उन्होंने नाटक में बताया कि ईष्र्या करने से नुकसान होता हैं। सामाजिक एकता बनाकर जीवन यापन करने से खुशियांॅ आती हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों में इस नुक्कड़ नाटक का लुत्फ उठाया।
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राजिम, 4 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में श्रद्धा आस्था और संस्कृति के साथ-साथ लोगों को शासन की जनकल्याण कारी योजनाओं का भी बखुबी प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंच के पास विभिन्न विभागों द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल लगाए गए है। जो दूर-दराज क्षेत्र से आए और स्थानीय लोगों को खुब लुभा रही है।
मेला स्थल पर 14 शासकीय विभागों के स्टॉल लगाये गए है, जिसके माध्यम से मेला में आये लोगों को प्रदर्शनी स्थल में जनसंपर्क संचालनालय द्वारा राज्य शासन द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में छायाचित्र प्रदर्शनी लगाया गया है। अभी हाल ही में प्रकाशित जनमन की पुस्तिका वितरण किया जा रहा है। लोगो द्वारा जनमन में प्रकाशित विषय वस्तु बेहद उपयोगी बता रहे हैं। सम्बल पुस्तिका के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है।
स्टॉल में शासन की प्रमुख योजनाओं को चित्र के माध्यम से आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिसे लोगों का ध्यानाकर्षण कर रही है। ग्राम खम्हरिया से पहुंचे युवा केशवराम ने इसे उपयोगी बताया है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे उमा साहू ने कहा कि प्रदर्शनी में शाशन की योजनाओं को बेहद प्रभावी तरीके से दर्शाया गया है।
प्रमुख स्टॉल में जिला पंचायत एवं बिहान द्वारा जिलें में स्वयं सहायता समुह के महिलाओं द्वारा किये गये प्रयासों की झलक दिखाया गया है। यहा उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। वहीं कृषि, उद्यानिकी विभाग द्वारा शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजनाओं को बेहरीन ढ़ंग से प्रस्तुत किया गया है। यहा किसानों द्वारा उत्पादित मुली, गोभी, टमाटर आदि फसल आकर्षण के केन्द्र बने हुए है। बिहान के उत्पाद भी लोगों को लुभा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल शुद्धिकरण यंत्र, नल जल योजना, निर्मल भारत अभियान एवं रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से संबंधी प्रदर्शनी लगाया गया है।
हस्तशिल्प एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बांस से निर्मित वस्तुओं के प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु स्टॉल लगा है, जहॉ लेटर होल्डर, पेन स्टैण्ड, लैम्प, सोफा सेट, आराम कुर्सी प्रदर्शित है।
उन्हें अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है। वनमण्डल गरियाबंद द्वारा भी बांस शिल्प एवं वनोत्पादों व जड़ी-बुटी से संबंधित उत्पादों की बिक्री की जा रही है। इसमें शहद, आवला चुर्ण, मुरब्बा, सफेद मुसली, कौंचपाक, सतावरी, अश्वगंधा प्रमुख है। इसके अलावा अन्य विभाग भी अपनी योजनाओं को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर रहे हैं।
राजिम, 3 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा मेले में घूमने आ रहे है दर्शनार्थियो और श्रद्धालुओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। इस मेले में श्रद्धालुओं के विश्राम करने के लिए विशाल डोम बनाया गया है साथ ही डोम से कुछ दूरी पर राजिम की महिला समूह के द्वारा मेले में घूमने आए दर्शनार्थियों के लिए दस रूपयें में भर भेट भोजन की व्यवस्था शासकीय सहायता से शुरू की गई। केवल राजिम में 13 महिला स्व सहायता समूह को दाल-भात सेंटर खोलने का आदेश प्राप्त हुआ है। ये दाल भात-सेंटर माघी पुन्नी मेला से लेकर महाशिवरात्रि तक चलेगी। इसमें राजिम आने वाले सभी श्रद्धालुगण दाल-भात सेंटर से मात्र 10 रूपये मे भोजन प्राप्त कर सकते हैं। मातारानी महिला स्व सहायता समूह, मां शीतला महिला स्व सहायता समूह, जय मां राजिम महिला स्व सहायता समूह, जागृति महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि हमें छत्तीसगढ़ शासन के शासन विभाग से प्रतिदिन 50 किलो चावल प्राप्त हो रहे हैं कि ये दाल-भात सेंटर सुबह दस बजे से रात्रि दस बजे तक संचालित रहती हैं।
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राजिम, 3 मार्च। आज के युवा रातों-रात कामयाबी चाहते हैं, जबकि सच्चाई ये है कि बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता। युवा चाहे वे जिस क्षेत्र में करियर बनाना चाहें, लगातार अभ्यास और समर्पण बहुत जरूरी है। यह कहना है धरोहर लोक कला मंच संस्थापक महादेव हिरवानी का। राजिम में चल रहे माघी पुन्नी मेले की तीसरी शाम धरोहर के नाम रही। हिरवानी ने मीडिया सेंटर में लोक कलामंच से जुड़ी बातें साझा की।
इसलिए रखा धरोहर नाम
हम कलाकारों का दायित्व मनोरंजन के अलावा हमारी बोली-भाषा और संस्कृति को भावी पीढ़ी को हस्तांतरित करना भी है। नई पीढ़ी भी इसे आगे बढ़ाए और सहेज कर रखे। यही सोचकर हमने लोक कला मंच का नाम धरोहर रखा।
आज के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं, लेकिन अश्लीलता से बचें
सोशल मीडिया के दौर में हर किसी को प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। इसमें कोई शक नहीं कि हमारे युवा प्रतिभा से परिपूर्ण हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रयोग न करें जिससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर प्रहार हो। गीतों में अश्लीलता हावी न होने दें।
लक्ष्मण मस्तुरिया, मिथिलेश साहू हैं आदर्श
माघी पुन्नी मेले में पहली बार आने का सौभाग्य मिला है। दर्शकों ने खूब प्यार दिया। राजनांदगांव से शुरू हुआ सफर 10 साल पूरे कर चुका है। अब तक दिल्ली और भोपाल समेत कई शहरों में प्रस्तुति दे चुके हैं। श्री हिरवानी ने बताया कि लक्ष्मण मस्तुरिया और मिथिलेश साहू उनके आदर्श है, उनके गीतों को सुनकर अभ्यास करते हैं।
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छुरा, 3 मार्च। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट निश्चित रूप से प्रदेश के लिए नई उम्मीद ले के आया ह।उक्त बातें शासकीय महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी छूरा के कोषाध्यक्ष सलीम मेमन ने कही।
बजट पर विस्तार से चर्चा करते हुए मेमन ने बताया किये बजट किसान गरीब और गांव के ऊपर फोकस करने वाला है।
छत्तीसगढ़ी कला ,शिल्प,वनोपज, कृषि, एवं अन्य सभी प्रकार के उत्पादों तथा व्यंजनों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिए सी मार्ट स्टोर की स्थापना करना,पंडरी में350 करोड़ की लागत से जेम्स ज्वेलरी पार्क की स्थापना जो पूरे देश मे सिर्फ तीन बड़े शहरोँ में ही ह। पत्रकारों को दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता, किसानों को खेतों तक आवागमन सुविधा के लिए मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना, नवा रायपुर में भारत भवन, भूमिहीन श्रमिकों के लिये न्याय योजना, साथ ही गांव में रूरल इंदुट्रीयल पार्क, नया रायपुर में बोर्डिंग स्कूल , शहरी इलाकों में10 नए मोबाइल क्लीनिक, महिला को दूसरे बेटी होने पर 5000 रुपये मिलेंगे, स्वच्छता दीदियों का मानदेय 5000 से बढ़ाकर 6000 कर दिया गया। बस्तर टाइगर्स नाम से विशेष बल का गठन।
असंगठित श्रमिकों ठेका मजदूरों सफाई कामगारों, घरेलू कामकाजी महिला, के लिए 61 करोड़ रुपये का प्रावधान। यह बजट छत्तीसगढ़ के दबी हुई पहचान को ब्रांड का कलेवर देगा और गड़बो नवा छत्तीसगढ़ के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। सलीम मेमन ने कहा कि इस बजट से राज्य भर के लोगो मे हर्ष की लहर ह। इस बजट के लिए उन्होंने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल और इस क्षेत्र के विधायक अमितेश शुक्ल को धन्यवाद प्रेषित किया ह।
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राजिम, 3 मार्च। यूंॅ तो राजिम को मंदिरों की नगरी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहां प्रसिद्ध श्री राजीव लोचन, श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के साथ प्रचीन कालीन चौरासी देवी-देवताओं के मंदिरों की जानकारी दी जाती है। यहां के सभी मंदिर अपने आप में अनेक पौराणिक महत्व को छिपाए हुए हैं। उनमें से दानदानेश्वर नाथ महादेव मंदिर के पीछे भाग पश्चिम दिशा की ओर राजिम भक्तिन तेलीन मंदिर है।
गर्भगृह में पूर्वाभिमुख कोल्हू युक्त शीलापट मौजूद है। यह इस बात को प्रामाणित कर रही है कि आठवीं शताब्दी में भगवान श्री राजीव लोचन का मंदिर रत्नपुर सामन्त जगपाल देव द्वारा बनाया गया। तब प्रतिमा के लिए राजा खुद चलकर राजिम तेलीन माता के पास हाथ जोडक़र विनय किया कि यह मूर्ति मुझे दे दीजिए। बदले में हीरे-जेवरात जो चाहिए वह ले लिजिए। राजिम उनके बात को सुकनर अवाक रह गई और कहा कि तुम प्रतिमा को ले जाना चाहते हों तो ले जाइए राजा ने भरपूर प्रयास किया लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ। फिर थक हारकर प्रार्थना करते हुए मूर्ति ले जाने के लिए उपाय पूछा। इस पर राजिम कहने लगी हीरे-जेवरात के बदले तुलसी दल अर्पित कर दीजिए। ऐसा करने पर प्रतिमा उठ गया। इससे राजा प्रसन्न हुए और कहा कि मुझसे कुछ मांग लीजिए मैं सहर्ष देने के लिए तैयार हॅंू।
तेलीन माता ने कहा कि भगवान श्रीराजीव लोचन के साथ मेरा नाम जुड़ जाए तो बड़ी कृपा होगी। उस दिन से राजिम लोचन कहलाने लगा। प्रचलित लोककथानक के अनुसार राजिम तेलीन नामक सुशील व सुसंस्कारी महिला थी। वह प्रतिदिन नदी के उस पार तेल बेचने जाया करती थी। एक दिन बीच रास्ते पर किसी पत्थर से टकराकर गिर गई।
इससे पात्र में रखा तेल गिरकर बिखर गया। जिसे देखकर राजिम रोने लगी। उन्हें चिंता थी कि मेरे सास-ससुर इस घटना को सुनकर डॉंट-फटकार लगाएगें, लेकिन जैसे ही घर जाने के लिए उठकर पात्र को देखा तो वह तेल से लबालब भरा हुआ था। राजिम खुश हो गई और खुब घूम-घूमकर तेल बेचा। शाम को वापस घर पहुॅंची और उन्होंने सारा वृतान्त अपने सास-ससुर और पति को सुनाई।
दूसरे दिन उस पत्थर को लाने के उद्देश्य से वहां पहुंचा और उसे उलट कर देखा तो श्यामवर्णीय चर्तुभुज प्रतिमा दिखी। इस घटना से प्रसन्न तेलीन परिवार ने उसे लाकर कोल्हू के घूमावदार केन्द्र में रख दिया। प्रतिदिन पूजा-अर्चना होने से भक्तिमय निर्मित हुआ। करीब पॉंच फीट ऊंची शीलापट में कोल्हू युक्त बैल उत्कीर्ण हैं। यह दर्शनार्थियों कों राजिम भक्ति से घटित-घटना को यह ताजा करती हैं।
मंदिर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु इसका दर्शन करना नहीं भूलतेे हैं। इसी के नाम पर इस नगरी का नाम राजिम पड़ा। बताया जाता है कि यह अत्यंत प्राचीन नगरी हैं सतयुग में राजा रत्नाकार के समय से इस नगरी का अस्तित्व माना जाता हैं। कमलक्षेत्र, पद्मपुरी, छोटाकाशी, देवपुरी इत्यादि नाम से इनका उल्लेख मिलता हैं।
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राजिम, 3 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में दाल-भात सेंटर में एक ऐसा समूह हैं। जिसमें 15 समूह मिलकर एक समूह बनाया गया हैं जिसका नाम पद्मवती क्षेत्रीय संघ हैं। इस समूह का मुख्य उद्देश्य कमजोर वर्ग के महिलाओं को रोजगार देना है। वसुन्धरा सामाजिक संस्थान जिसका एन.जी.ओ. श्रीमती मधुनत्थनी ने बताया कि हमारी संस्था के द्वारा समय-समय पर महिलाओं के लिए तीन-तीन महीनों का सिलाई एवं ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण दिया जाता हैं, जो महिलाओं के लिए बिल्कुल नि:शुल्क रहता है। मधुनत्थनी ने बताया कि हमारी पद्मवती क्षेत्रीय संघ के द्वारा राजिम के नगर पंचायत ने गढक़लेवा का स्टॉल प्रारंभ किया जाना सम्भावित हैं। इससे लुप्त हो रही हैं चीला, फरा, ढेढरी, खुरमी सहित जो छत्तीसगढ़ी व्यंजन आज लुप्त के कगार पर हैं, उसे आम जनता तक पहुचनें का हमारा प्रयास रहेगा क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी छत्तीसगढ़ी व्यंजन से परिचित नहीं हैं। आज हमारे बच्चे बरगर, पिज्जा, नूडल, मैगी इन चीजों से परिचित हैं। ये चीजों सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। इसलिए हमारी पद्मवती क्ष़ेत्रीय संघ प्रयास कर रही हैं कि हमारे बच्चों को छत्तीसगढ़ी व्यंजन से परिचित कराए और उनके गुणों से अवगत कराए ताकि हमारे परिवार छत्तीसगढ़ व्यंजन को जाने और उसका उपयोग करे ताकि महिला समूह को इसका लाभ मिल सके। उन्हें इससे एक नया रोजगार की प्राप्ति हो सके।
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राजिम, 2 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में प्रतिदिन महानदी की महाआरती का आयोजन शाम 7 बजे किया जा रहा है। इस बार आयोजन की जिम्मेदारी स्थानीय पंडित परिषद को दी गई। जिसमें पंडित अर्जुन नयन तिवारी, पंडित ब्रम्हदत्त शास्त्री, कन्हैया तिवारी, योगेश शर्मा, डॉ. संतोष शर्मा कुम्भज, दिनेश तिवारी, संतोष मिश्रा, भूपेन्द्र पांडे, विकास शर्मा, राम शर्मा, देवेन्द्र दुबे, संजय मिश्रा, ऋषि तिवारी, विजय शर्मा, सूरज शर्मा, नूतन तिवारी, पदुम पांडे, चन्दन पांडे, पं. मदनमोहन, संस्कार मिश्रा, ऋषि दुबे, गोविन्द दुबे द्वारा आरती के मधुर स्वर के साथ श्रद्धाभाव समर्पित कर रहे हैं।
तीसरे दिन आरती में ओएसडी गिरीश बिस्सा, नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राघोबा महाडिक, अशोक श्रीवास्तव, पार्षद पुष्पा गोस्वामी, रोशनी गोस्वामी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर ने कहा कि नदियां जीवनदायनी है इसके तट पर न सिर्फ जीवन है बल्कि जीवन को पवित्र करने वाली अमृत स्वरूप जल बह रही हैं। राजिम प्रयाग नगरी हैं जहां स्वयं भगवान रामचन्द्र जी पैदल चलकर आए थे। यह हरि और हर की भूमि हैं। जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राघोबा महाडिक़ ने महानदी की महत्व बताते हुए कहा कि पूर्व में इन्हें चित्रोत्पला नाम से पुकारा जाता हैं अब महानदी मईया नाम श्रद्धालुओं के मस्तिष्क में रच बस गया हैं। इन्हें मोक्ष धाम माना गया हैं। इनके आरती का सौभाग्य किस्मत वालो को मिलता हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक श्रीवास्तव ने त्रिवेणी संगम का गुनगान किया। आरती संचालक डॉ. सतोष कुम्भज ने कहा कि यह तीन नदी में नहीं धर्म आध्यात्म एवं संस्कृति का संगम हैं। ओएसडी गिरीश बिस्सा ने कहा कि प्रतिवर्ष महानदी की आरती का आयोजन साध्यी प्रज्ञा दीदी के सानिध्य में किया जाता था, लेकिन इस बार शासन ने स्थानीय पंडितों को जिम्मेदारी दी गई है, जो बहुत ही सराहनीय है। मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। तथा हर हर गंगे की जयकारा से पूरा संगम तट गूंज रहा था।
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राजिम, 2 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए मीडिया सेंटर का स्थापना किया गया है। सोमवार को गरियाबंद कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर राजिम मेला पहुंचकर मीडिया सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया सेंटर से जारी होने वाले समाचार, फोटो व अन्य गतिविधयों की जानकारी ली।
मालूम हो कि मीडिया सेंटर के माध्यम से प्रदेश और देश के समाचार पत्र-पत्रिकाओं को राजिम माघी पुन्नी मेला में होने वाले कार्यक्रमों और मेले की जानकारी समाचार और सोशल मीडिया के माध्यम से दी जा रही है। मीडिया सेन्टर राजिम माघी पुन्नी मेला के महत्ता और प्रचार-प्रसार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने मीडिया सेंटर संचालक श्रीकांत साहू को बधाई देते हुए मीडिया सेंटर के माध्यम से राजिम माघी पुन्नी मेला के व्यापक प्रचार-प्रसार को तेजी और भव्य रूप से करने कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर, अनुविभागीय अधिकारी जीडी वाहिले, जनसम्पर्क अधिकारी एसएस सोरी, पोशन साहू, तहसीलदार ओपी वर्मा, पत्रकार आलोक पहाडिय़ा, विनोद जैन, युवराज साहू, बिशेषर हिरवानी, रोशन साहू सहित मीडिया सेंटर स्टॉफ व जिले के अधिकारीगण उपस्थित थे।
राजिम, 2 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीगढ़ शासन के महती योजनाओं के बताने के लिए 14 लाभकारी योजनाओं की प्रदर्शिनी डोम के पीछे नदी पर लगाई गई है। जिसमें मेला में आने वाले लोगों को विभागों की जानकारी दी जा रही है। वहॉ ड्यूटी पर लगे अधिकारी कर्मचारी अपने विभाग कीे अधिक से अधिक जानकारी देकर शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे है। जिससे जरूरतमंद लोगों को समय पर लाभ मिल सकें। महिला बाल विकास विभाग गरियाबंद द्वारा आयोजित प्रदर्शनी महिला एवं बच्चों से संबंधित पूरी जानकारी दे रहे हैं। सखी सेंटर में कार्यरत नम्रता साहू ने बताया की महिलाओं से संबंधित समस्याओं का उपाय इस सेंटर में किया जाता है। जैसे घरेलु हिंसा, दहेज प्रथा, मानसिक प्रताडऩा, बालिकाओं की सुरक्षा, बच्चों की स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी जा रही है। किसी भी तरह महिलाओं को परेशान या प्रताडऩा कर रहे हैं तो सखी सेंटर में जाकर शिकायत करने पर तुरंत कार्यवाही की जाती है। उसकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। महिला के जीवन स्वास्थ्य, सुरक्षा अथवा कुशलता को नुकसान पहुॅचाना, खतरे में डालना मौखिक या भावनात्मक दबाव डालना, महिलाओं को क्षति पहुॅचाना, अपराधिक धमकी देना, आर्थिक रूप मदद न करना, बच्चों के पालन-पोषण, कपड़ें, भोजन, शि़क्षा के लिए पैसा न देना आदि समस्या होने पर घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 बना है।
ऐसी सभी महिलाओं को यहॉ संरक्षण मिलता है। कोई भी महिला जिसके साथ घरेलु हिंसा की जा रही हो वे यहॉ अपना शिकायत दर्ज करा सकती है उनकी समस्यों का समाधान कराया जाता हैं। आगे जानकारी देते हुए बताया कि मुंख्यमंत्री सामूहिक विवाह के अंतर्गत ऐसी विवाह योग्य युवती जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है और उनके माता-पिता आर्थिक रूप से कमजोर है, दहेज देने में असमर्थ है उनका महिला-बाल विकास विभाग के द्वारा सामूहिक विवाह कराया जाता है। जिसमें कन्या-दान के रूप में नवविवाहित जोड़ो को 25 हजार तक का सामान प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है उन्हें प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाता और 1 हजार नगद राशि के साथ ही चांदी की पायल, अंगुठी व चैन भी दिया जाता है।
महिला सखी सेंटर के अंतर्गत ही बाल-पोषण देख-रेख के अंतर्गत कुपोषित बच्चों को 5 वर्ष की आयु तक उनके देख-रेख की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से किया जाता है जिनमें विभिन्न योजनाओं के द्वारा उन्हें पूरकपोषण आहार देकर उन्हें स्वास्थ्य और सुपोषित किया जाता है। इसी योजना के अंतर्गत पोषण देख-रेख योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चे जो गंभीर रूप से कुपोषित है उन्हें बाल कल्याण समिति द्वारा नगर के ऐसे नागरिक जो बच्चों की मदद करने के लिए आगे आते है उन्हें बच्चों को उन्हें गोद लेने का अधिकार दिया जाता है और उनके रहन-सहन, खान-पान, शिक्षा की जिम्मेदारी दी जाती है जब तक की वह बच्चा पुर्ण रूप से स्वास्थ्य न हो जायें तब दत्तक योजना के अंतर्गत उनका सहयोग किया जाता है।
शाकंभरी महोत्सव सम्पन्न
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छुरा, 2 मार्च। घाटखाल्हे बोडऱाबाधा छुरा क्षेत्र के तत्वावधान में मां शाकम्भरी पूजा महोत्सव ग्राम जरगांव में कोसरिया मरार ( पटेल) समाज द्वारा भव्य आयोजन किया गया।
पटेल समाज के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं आचार्य लोचन पटेल द्वारा माँ शाकंभरी की विधि विधान से पूजा सम्पन् कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तत्पश्चात ग्राम में विशाल शोभायात्रा निकाली गई।
मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी अरुण साहू ने कहा कि समाज के लोगों को शिक्षा संस्कार संगठन एवं रोजगार परख योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ बच्चों को कैरियर गाइड लाइन के लिए हर गांव गांव में मार्गदर्शन देने की व्यवस्था होनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि रानी केजू पटेल जिला पंचायत सदस्य रायपुर ने कहा कि समाज में व्याप्त बुराईयों व नशा से दूर रहने की आग्रह किया। अध्यक्षता नारायण पटेल अध्यक्ष घाटखाल्हे बोडराबाधा छुरा ने की।
विशेष अतिथि लोचन पटेल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सोमनाथ पटेल जिलाध्यक्ष गरियाबंद रूप सिंह पटेल खुटैत बोडऱाबाधा ,तेजराम पटेल प्रदेश महामंत्री, विनोद पटेल सचिव राजीम राज ,खिलेश्वरी ध्रुव जनपद सदस्य जरगांव , नीलम ध्रुव सरपंच जरगांव, हीरा सिंह धु्रव ग्राम पटेल, बाबूलाल ध्रुव उपसरपंच जरगांव , अतिथियों का माल्यार्पण व पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से घाटखाल्हे बोडराबांधा छुरा क्षेत्र के सचिव नारायण पटेल लोहझर सह सचिव एवं कर्मचारी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बेदराम पटेल , कोषाध्यक्ष धनीराम पटेल ,तहसील अध्यक्ष जीवन लाल पटेल, उपाध्यक्ष प्यारी पटेल ,सुखराम पटेल संरक्षक राजिम राज राजिम, तहसील अध्यक्ष बसंत पटेल राजिम ,युवा प्रकोष्ठ किशोर पटेल राजिम , मनोज पटेल छुरा, राधे लाल पटेल, युवराज पटेल ,थुकेल पटेल, भीखम पटेल, गुलाब पटेल, सतीश पटेल ,गंगाराम पटेल, अघन पटेल ,ठाकुर राम पटेल , पिलेश्वार पटेल, ईश्वर पटेल ,कृष्णा पटेल अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ छुरा ,लक्ष्मी नारायण पटेल, रामलाल पटेल, यशवंत पटेल, गजानद पटेल, मूलचंद पटेल, बल्ला पटेल , जेटू पटेल, कुशल पटेल ,नरेश पटेल, प्रेम पटेल, राम जी पटेल, मुकेश पटेल, फनीष कुमार पटेल, छायांक पटेल । सुकबाई पटेल अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ छुरा, दशोदा पटेल, चंद्रवती पटेल ,प्रमिला पटेल ,पूर्णिमा पटेल , कल्याणी पटेल ,अन्नू पटेल, मंगली पटेल, संचालक द्वय हेमलाल पटेल, नोहर पटेल के साथ साथ युवाओं का विशेष योगदान रहा।
राजिम, 2 मार्च। राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता एवं गरियाबंद जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने इतना निराशाजनक बजट कभी नहीं देखा था। बजट पूर्ण रूप से खोदा पहाड़ निकली चुहिया की कहावत को चरितार्थ करती है। यह कोरोना के जख्म पर नमक छिडक़ने वाला बजट है। बजट में गरियाबंद जिले को कुछ भी नहीं मिला है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार बजट का आकार छोटा हुआ है। बजट का छोटा होना दुर्भाग्यजनक है। बजट केंद्र पर निर्भर है, विभागवार राशि स्पष्ट नहीं है, बजट में कुछ नया शामिल नहीं किया गया। सडक़ों के लिए पूरी तरह केंद्र सरकार पर निर्भर हैं। बजट प्रदेश को पीछे धकेलने वाला बजट है। बजट में महिला, किसान, युवा से लेकर हर वर्ग के लिए निराशाजनक है।
प्रदेश की 11 नई तहसीलों के गठन और कुछ स्थानों पर नवीन महाविद्यालय की स्थापना बजट में दर्शाई गई है लेकिन इसमे भी गरियाबंद जिले को कोई नया तहसील और नवीन महाविद्यालय की सौगात नहीं दी गई है जिसके कारण गरियाबंद जिले की जनता पूर्णत: छला हुआ महसूस कर रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 2 मार्च। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने प्रदेश सरकार के बजट को किसानों के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा कि किसानों के नाम पर सियासी नौटंकियां करके घडिय़ाली आँसू बहाने वाली इस प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए कोई राहत और उनके जीवन-स्तर को ऊपर उठाने की किसी महत्वाकांक्षी योजना की चर्चा तक नहीं की है।
श्री शर्मा ने कहा कि कर्जमाफी और दो साल के बकाया बोनस भुगतान की धोखाधड़ी और वादाखिलाफी से लेकर धान खरीदी और समर्थन मूल्य की अंतर राशि के भुगतान तक किसानों के साथ कदम-कदम पर छल-कपट करने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों को ऋणमुक्त जीवन की गारंटी देने के बजाय उन्हें एक बार ब्याजमुक्त ऋण देने का प्रावधान करके किसानों को कर्ज के जंजाल में उलझाए रखने का बंदोबस्त ही किया है।
ग्रामीण बुजुर्ग किसान को 1500 रु पेंशन, विधवा महिला को 1000 पेंशन, हर गरीब को मकान बड़ी देने की बात का इस बजट में कोई आता पता नही। उन्होंने कहा कि यह बजट घोर निराशा जनक और राज्य को विकास में पीछे धकेलने वाला बजट है।
बजट किसानों के लिए वरदान-रतीराम साहू
नवापारा-राजिम। बजट का स्वागत करते हुए कांग्रेस कमेटी रायपुर ग्रामीण के पूर्व उपाध्यक्ष रतिराम साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए वरदान शांति के दूत की तरह गरीब, पिछड़ों, दलितों व किसानों के मसीहा के रूप में काम कर रहे हैं। चाहे देश की या प्रदेश की जनता की बात करें तो बड़ी संख्या किसानों की है और किसानों की आमदनी की जरिया खेती है और खेती की पैदावार जितनी बढ़ेगी, उतने ही दूसरे धंधे बढ़ेंगे और देश-विदेश सम्पन्न होगा। रतीराम साहू ने कहा कि कृषि को मजबूत करने ग्रामीण क्षेत्र में अर्थव्यवस्था सुदृढ़ को इस बात को विशेष ध्यान में रखते हुए इस बजट में कृषको, श्रमिकों, महिलाओं के हित में विशेष प्रावधान रखा गया है।
कृषकों को नगद आमदनी हो जिसके लिए धान फसल उत्पादन के अतिरिक्त फल, फूल, सब्जी की खेती उद्यानिकी फसलों के लिए 485 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसी तरह मत्स्य संपदा योजना के तहत अपनी स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण कर मछली पालन के लिए 79 करोड प्रावधान किया है। साहू ने आगे कहा कि कृषक समग्र विकास योजना के लिए 81 करोड़ का प्रावधान के साथ ज्योति योजना के अंतर्गत निशुल्क विद्युत पम्प प्रदाय करने 2500 करोड़ का प्रावधान है। जिससे करीब पांच लाख किसान लाभान्वित होंगे।
पिछले कुछ समय से लोगों का खेती और पशुपालन के प्रति रुझान कम होने लगा था लेकिन अब किसान हितैषी छत्तीसगढ़ सरकार मंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ग्रामीण मजबूती के लिए ग्राम सुराजी योजना प्रारंभ की है। इससे अब गांव की तस्वीर बदली है और लोगों में खेती किसानी को लेकर फिर से दिलचस्पी बढ़ी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 2 मार्च। पिछले दिनों रविवार को बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान रायपुर ग्रामीण के जिला संयोजक राघवेन्द्र साहू, जनपद सदस्य कमलनारायण साहू के साथ पिपरौद के फूलचंद साहू के घर पहुंचे और उनकी एक साल की पुत्री का कन्या पूजन करते हुए बच्ची की मां नमिता साहू का शाल, श्रीफल और प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
राघवेन्द्र साहू ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से बेटी जन्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और अब बेटी होने पर परिजन उदास होने की जगह खुश होते हैं। इससे लैंगिक असमानता को भी दूर करने में मदद मिल रही है। जनपद सदस्य कमलनारायण साहू ने कहा कि बेटियां माता-पिता का अभिमान होती हैं। बेटियां ससुराल और मायके का सम्मान बनाकर रखती हैं। बेटियां, बेटों से ज्यादा परिवार का नाम रोशन कर रही हैं।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर समूचे देश में उत्साह का माहौल है। बेटियां इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दे रही हैं। इस अवसर पर फूलचंद के परिजनों के अलावा संतराम साहू, शिक्षक रेखराम साहू, भूखन साहू, शिक्षक एनआर साहू चिपरीडीह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 2 मार्च। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज ने छत्तीसगढ़ शासन के 2021-22 के बजट में कृषि एवं ग्रामीण विकास की पूरी तरह उपेक्षा गई है, लगता है कांग्रेस ने 2018 के जन घोषणा पत्र को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को किसान पेंशन योजना, युवकों को बेरोजगारी भत्ता एवं नशा मुक्ति जैसे प्रावधानों की उम्मीद थी लेकिन अफसोस है कि बजट ने निराश किया। श्री बजाज ने कहा कि बजट में कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए कोई उल्लेखनीय योजना प्रस्तुत नहीं की गई है, कुल मिलाकर बजट निराशाजनक एवं दिशाहीन है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 2 मार्च। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने पिछले दिनों नवापारा नगर के डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सांस्कृतिक भवन में बैडमिंटन हॉल, इंडोर हाल, शेड, पेवर्स एवं अतरिक्त कक्ष का लोकार्पण और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण का भूमिपूजन किया। उन्होंने लगभग 16 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की बुनियाद रखी जा रही है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि एक साल पहले मेरे द्वारा जो घोषणा की गई थी, आज वह गोबरा नवापारा में पूर्ण हो गई है। निश्चित ही इन कार्यों का लाभ क्षेत्र के लोगों को मिलेगा। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि इंडोर एवं बैडमिंटन हॉल से यहाँ के खिलाडिय़ों को आगे बढऩे का अवसर मिलेगा। 15 करोड़ से अधिक के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से सफाई सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए उनका विभाग सजग है। लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में हरसंभव कोशिश होगी।
मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि कोरोना काल में भी विकास के कार्य होते रहे। इसी का परिणाम है कि राज्य की योजनाओं और राज्य स्तर पर हुए अनेक कार्यों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है।
कार्यक्रम को अभनपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू और नगर पालिका परिषद अध्यक्ष धनराज मध्यानी ने भी सम्बोधित किया। मंत्री डॉ. डहरिया ने क्षेत्र के विकास के लिए मांगी गई राशि के संबंध में स्टीमेट बनाकर प्रस्तुत करने और हरसंभव सहयोग देने की बात कही है। मंत्री डॉ डहरिया ने यहाँ 15 करोड़ 48 लाख के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भूमिपूजन किया और 1 करोड़ 20 लाख के इंडोर हॉल, बैडमिंटन कोर्ट, 25 लाख रुपए के शेड, पेवर्स एवं अतरिक्त कक्ष का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मंच संचालन सौरभ शर्मा एवं आभार प्रदर्शन मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेन्द्र पात्रे द्वारा किया गया।
इस अवसर पर रतीराम साहू, पूर्व नपा अध्यक्ष देहुति साहू, नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष चतुर जगत, नपा के पूर्व उपाध्यक्ष जीत सिंग, सभापति संख्या राव, अजय कोचर, अजय साहू, मंगराज सोनकर, लोकिन अर्जन साहू, अनुप खरे, रामा यादव, राकेश सोनकर, राजा चावला, निर्माण यादव, उपअभियंता संजय मोटवानी, राहुल थवानी, एल्डरमेन एवं जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी, नागरिकगण उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ी भूली बिसरी गीतों को सुनकर झूमे श्रोता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन सांस्कृतिक मुख्यमंच पर लोककला मंच दुर्ग के कुलेश्वर ताम्रकार की टीम द्वारा ने लगातार गीतों कि बौछार किये। इन गीतों को सुनकर बुजूर्ग अपनी युवा अवस्था में चले गए तथा युवा अपने बचपने में चले गए और अभी वर्तमान के बच्चे गीत को सुनकर उलझन में पड़े दिखाई दिए।
इसी मंच पर गरियाबंद जिले के जिलाधीश नीलेश क्षीरसागर भी उपस्थित थे। लोककला मंच के कलाकार छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में नजर आ रहे थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत अरपा पैरी के धार, गणेश वंदना, आकाशवाणाी से प्रसारित होने वाले को जब दर्शकों ने सुना तो ऐसा प्रतीत हुआ कि वे अपने रेडियों का जमाना याद आ गया। हाय डारा लोर गेहे रे...... इस गीत ने दर्शको को बांध रखने में सामर्थ दिखाई। अपने समय में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गीत जो रायपुर दूरदर्शन और रेडियों में कते जंगल कते झाड़ी कते बनमा ओ.......।
इस गीत के माध्यम से धु्रव जाति में ममा फूफू के लडक़ी -लडका के विवाह के संबंध की जानकारी दिया गया है। इसके बाद स्वरगायक कुलेश्वर ताम्रकार का सबसे प्रसिद्ध गीत लहर मारे बुंदिया....., जिंदगी के नई हे ठिकाना लहरगंगा ले लेतेन जोड़ी...., कईसे दिखत हे आज उदास रे कजरी मोर मैना..... ये छत्तीसगढ़ी गीत का शान बना हुआ है। उसके बाद पंथी गीत तेहा बरत रईबे बाबा.....और फाग गीत गाकर मुख्यमंच को होली मय कर दिया । अंतिम प्रस्तुति ओम जय जगदीश..... थी।
मुख्य मंच पर पद्मश्री डॉ. ममता चंद्रकार कुलपति खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने एक नया आयाम स्थापित किया। कला की साधना से लोककला के क्षेत्र में सतत् ऊंचाईयों की ओर अग्रसर रहीं उनके इस साधना में प्रेम चंद्रकार के मार्गदर्शन में लोककला मंच चिन्हारी बड़े-बड़े मंचों पर सफर कर रहीं है। उनकी टीम के द्वारा राजकीय गीत अरपा पैरी के धार...... गीत के साथ इसी के साथ एक के बाद एक झमाझम प्रस्तुति दी गई। नवदुर्गा भवानी तोरे शरण में हो..... इस भक्तिमय जसगीत से पूरा माहौल भक्ति के सागर में डुब गया मॉ दुर्गा के जयकारों से मंच गुंज उठा। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उजाकर करती और अपनी परम्परा को बनयें रखने के लिए बिहाव गीत काकर घर मड़व गड़ाव...... नदिया तीर के पटवा भाजी पट पट पट पट करथे रे.....राजिम के टुरा मन मट मट करथें.... गीत में छत्तीसगढ़ में होने वाले बिहाव के रीति-रिवाजों का बहुत सुन्दर वर्णन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ की सौंधी माटी की झलक दिखाई दी जिसे सुन कर दर्शक दीर्घा झुम उठे। कर्मा नृत्य में सा.. रिलो रे रिलो रे गेंदा फुल.... की मनमोहर प्रस्तुति दी गई। माते रहिबे माते रहिबे माते रहिबे अलबेला मोर... गीत को सुनकर तालियों की गूंज से पूरा परिसर झुम उठा। आदिवासियों की बोली-भाषा और उनके रहन-सहन को दर्शाता यह गीत ढोलक और मंजिरो की थाप पर कलाकारों की एक लय स्वर और ताल में नृत्य देखकर दर्शकों ने दांतो तले उंगली दबा ली।
प्रेम चंद्राकर के द्वारा भात रांधेव साग रांधेव.... तोर मया के मारे... इस गीत में गॉव रहने वाले भोले-भाले लोगों की आभाव को दर्शाया गया है। कि पहले वाद्य यंत्रों की कमी होने के कारण कलाकार खड़े होकर गीत गाया करते थे और नृत्य करते थे। इसे बहुत ही सुन्दर ढंग से दर्शाया गया। कलाकारों ने मशाल लेकर बहुत की आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया जिसने ने समां बांध दी। मोला कैसे लागे राजा मोला कैसे लागे जोड़ी मोला कैसे लागे ना... इसमें देवार संस्कृति को दर्शाया गया है जिसमें बताया गया है कि वे अपने आजीविका किस प्रकार अर्जित करते है। ममता और प्रेम की युगल जोड़ी ने ददरिया प्रस्तृत किया जिसे छत्तीसगढ़ के गीतों का राजा कहा जाता है। यह एक प्रेम गीत है उनकी जोड़ी ने बहुत ही सुमधूर गीत की प्रस्तृति दी जिसे दर्शकों ने बहुत ही पसंद किया।
मैं होंगेव दिवानी रे का मोहनी खवाये ंना..... की प्रस्तृति ने लोगों को अंत तक बांधे रखा। इसके बाद गौरी-गौरा गीत की प्रस्तुति मंच पर दी गई तब उस समय गीत को सुनकर दर्शकों कई महिलाएं और पुरूष भी झूम उठे। मुख्यमंच में संचालन पुरूषोत्तम चन्द्राकर, मनोज सेन, महेन्द्र पंत द्वारा किया जा रहा है। लोककला मंच के कलाकारों कों कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर, अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 मार्च। सोंढ़ूर, पैरी एवं महानदी त्रिवेणी संगम में स्थापित विश्व प्रसिद्ध पंचमुखी कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में रविवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं का भीड़ उमड़ी। दर्शन करने लिए बांस के बैरीकेट्स से होकर दर्शनार्थी अपने बारी का इंतजार कर रहे थे। नीचे नदी पर लाइन लगानी पड़ रही थी। ऊपर चबूतरा में क्रमश: शिवलिंग के दर्शन कर रहे थे।
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सातवीं सदीं में किया गया, लेकिन चबुतरा का निर्माण बाद में किया गया। जिसकी ऊंचाई 17 फीट हैं। पहले दो बार चबूतरा बना तो दिया गया लेकिन दोनों बार ही नदी के विकराल बाढ़ से बह गई। इससे यहां के जमींदार व्यथित हुए और रूदन भरे स्वर में महादेव को याद किया।
दूसरे दिन नदी में घूम रहे थे कि एक विकरागी बाबा उन्हें दिखाई दिया वह उनके दु:खी होने का कारण पूछा तो बताया कि चबूतरा बनाने का कई बार प्रयास किया लेकिन हर बार असफल रहा हूं। तब बाबा ने कहा कि यह चिमटा निर्माण स्थल पर ले जाकर गड़ा दो और कार्य प्रारंभ करों। उन्होंने ऐसा ही किया और देखते ही देखते 17 फीट ऊंची चबूतरा बना गया। इसमें बड़े व चौड़े पत्थरों का उपयोग किया गया है। मंदिर में जाने के लिए पूर्व, उत्तर एवं दक्षिण दिशा में तीन सीढ़ी हैं। मंदिर में ही विशाल पीपल का वृक्ष हैं जिसे 551 वर्ष पुराना बताते हैं। वैसे भी पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता हैं। गर्भगृह में कुलेश्वरनाथ महादेव का शिवलिंग हैं।
किवदंती है कि वनवास काल के दौरान माता सीता, भगवान रामचंद्र और लक्ष्मण के साथ चतुर्मास राजिम में व्यतीत किया। इस बात की पुष्टि भाषाविद् डॉं. मन्नुलाल यदु ने अपने शोध गं्रथ में किया था। सीता संगम में स्नान करने के बाद महादेव के पूजा करने की इच्छा मन में जागृत हुई। तब हाथ से रेत का शिवलिंग बनाकर जलाभिषेक किया। जल की धारा पाचों ओर से बहने लगी और पंचमुखी कुलेश्वरनाथ महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
लोक मान्यता है कि भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की मनोकामनाएॅं शीघ्र पूरी हो जाती है। इस संबंध कथानक है कि एक राजा जिसके एक भी संतान नहीं हुए थे। वे तीर्थ यात्रा करके थक चुके थे। अंत में संगम स्थित कुलेश्वरनाथ महादेव के शरण में पहुंचा। उन्होंने एक सौ विल्व पत्र चढ़ाए। जिससे उन्हें सौ पुत्रों की प्राप्ति हुई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 1 मार्च। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा रायपुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष चंद्रकुमार पाटिल ने अनुसूचित जाति मोर्चा का विस्तार कर जिला कार्यकारिणी की घोषणा की है। जिसमें अभनपुर के भाजपा युवा नेता लौटन गिलहरे को रायपुर ग्रामीण भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का महामंत्री की जिमेदारी दी है।
लौटन गिलहरे ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरे ईमानदारी से पालन करूंगा। उन्होंने पद की गरिमा को देखते हुए भाजपा को और मजबूती देने में हरसंभव प्रयास करने की बात कही है। उन्होंने नए दायित्व के लिए अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कंडेय, पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज, भाजपा रायपुर जिला ग्रामीण अध्यक्ष अभिनेष कश्यप, जिला महामंत्री श्याम नारंग, अजा मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंद्रपुर पाटिल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।
श्री गिलहरे को भाजपा कार्यकर्ताओं सहित शुभचितंकों और मित्रों ने बधाई दी है। बधाई देने वालों में प्रमुख रूप से जनपद सदस्य राजेश साहू, जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा संचित तिवारी, किशोर शर्मा, सांतनु सिन्हा, अजा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दयाधर बांधे, महामंत्री बेदराम जांगड़े, भाजपा जिला रायपुर ग्रामीण अनुसूचित जाति मोर्चा प्रभारी बलिराम संडे, सह प्रभारी अरविंद पहरे, सागर बारले, लोकेश महर, वेदराम साहू, देवेंद्र साहू, गोवर्धन साहू, सागर साहू, हितेश मंडाई, हेमंत मारकंडे, राजा राय, वरुण राठी, अशोक बंजारे, भूपेंद्र साहू, आशकरण गिलहरे, दया गिलहरे, पुनाराम साहू, रितेश साहू, वीरेंद्र साहू, भुनेश्वर गिलहरे आदि शामिल हंै।
राजिम, 1 मार्च। राम हम सबके आराध्य हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना कर घर-घर भगवान राम को पहुंचा दिया। इससे हमें भाई-भाई के प्रति कैसा व्यवहार करें, पुत्र-पिता के साथ किस तरह शिष्टाचारी निभाएं, भाई-बहन के साथ किस तरह रहे, सभी जानकारी रामायण पढऩे से हो जाती है। उक्त बातें राजिम माघी पुन्नी मेला के अवसर पर चतुर्भुज सिरकट्टी आश्रम पांडुका से लोमष ऋ षि आश्रम में पहुंचे यजमान दीनानाथ साहू ने व्यक्त की।
श्री साहू ने आगे कहा कि लंका जाने के लिए जब कोई तैयार नहीं हुए थे, तब जामवंत हनुमान जी के आत्मविश्वास को जागाने का काम करते हैं। जैसे-तैसे राम काज के लिए हनुमान तैयार हो जाते हैं। एक समय बाद माता सीता का पता लगाकर वापस हनुमान भगवान राम को शुभ समाचार सुनाते हैं तथा लंका पर चढ़ाई किया जाता है। हनुमान जी के इस प्रसंग में प्रबंधन के गुण छिपे हुए हैं।
जब उन्होंने लंका दहन किया, तब तेल-कपड़े रावण के ही थे तथा लंका जला वह रावण का ही था। उनकी ही सामाग्री में हनुमान ने रावण की लंका को जलाकर स्वाहा कर दिया।
उल्लेखनीय है कि लोमशऋ षि आश्रम में यज्ञ चल रहा है, जो रविवार को तीसरा दिवस है। सुबह 8 बजे यज्ञ चालू होता है तथा एक बजे आरती के पहले दो घण्टा प्रवचन का कार्यक्रम चलता है।
कलेक्टर ने ली अफसरों की बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला का आगाज 27 फरवरी से हो गया है। मेले के आयोजन को लेकर गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने रविवार को रेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक लेकर इसे बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने राजिम पुन्नी मेला के बेहतर से बेहतर आयोजन के लिए दिए गए जिम्मेदारी का निर्वहन समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को सौंपे गए दायित्वों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीइओ चंद्रकांत वर्मा, अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में जिन-जिन फ र्मों को दायित्व मिला है, उनके कार्यों का भी नियमित मूल्यांकन करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि मेला की जरूरत के अनुरूप ही संसाधनों का उपयोग किया जाए और मितव्ययिता का ध्यान रखें।
बैठक उपरांत कलेक्टर एवं अधिकारियों ने मुख्य मंच के समीप लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी को जीवंत और आकर्षक बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कृषि और जिला पंचायत के जीवंत प्रदर्शनी की सराहना की। साथ ही महिला समूहों के लिए अलग से स्टॉल लगाने कहा। ज्ञात है कि यहां 14 शासकीय विभागों के स्टाल लगाए गए हैं। जिसमे जनसम्पर्क, हस्तशिल्प, वन, पीएचई, पशुपालन, उद्यानिकी, ग्रामोद्योग, टूरिस्म बोर्ड आदि विभाग का स्टाल लगाया गया है। कलेक्टर ने आम लोगो और श्रद्धालुओं से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मेले में मास्क का उपयोग अवश्य करे और सुरक्षित मेले का आनंद उठाये ।
शाम मुख्य मंच में कुलेश्वर ताम्रकर द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का कलेक्टर सहित जिला सीईओ, अपर कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी ने आनंद लिया। उन्होंने कार्यक्रम प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि मेले में स्थानीय और राज्य के कलाकारों को मौका दिया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार व जिला कांग्रेस कमेटी के मार्गदर्शन में कांग्रेसियों द्वारा उनकी जयंती कृषक दिवस के रूप में मनाई गई। पं. शुक्ल अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं सिंचाई प्रबंधन के कुशल विशेषज्ञ थे और इस दौरान उनके द्वारा किए विकास कार्य को कांग्रेसियों ने याद किया। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी छुरा के नेतृत्व में 27 फरवरी को विश्राम गृह छुरा में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। पार्टी के वरिष्ठ सम्मानीय कांग्रेसियों, जिला, ब्लाक, जोन, सेक्टर, बूथ के समस्त प्रकोष्ठ के पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता कांग्रेसियों द्वारा अपने नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। सभी ने पं. श्यामाचरण शुक्ल के छायाचित्र पर श्रद्धासुमुन अर्पित किए। साथ ही स्व. शुक्ल के आदर्शो एवं सिद्धांतों को अपने जीवन मे आत्मसात करने का संकल्प भी लिया।
इस दौरान कांग्रेसियों ने स्व. शुक्ल द्वारा कृषि और नहरों के क्षेत्र में किए गए उनके अभूतपूर्व कार्यो की सराहना की। उनके द्वारा किए गए इन कार्यो से क्षेत्र के किसानों को होने वाले फायदे की जानकारी भी साझा की। कांग्रेसियों ने पं शुक्ल द्वारा कृषि और नहरों के क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्यो के कारण उन्हें किसानों का मसीहा बताया।
जयंती कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव ठाकुर, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मक्खू दीक्षित, जनपद कृषि सभापति प्रहलाद यदु, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सचिव हरीश यादव, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कोषाध्यक्ष सलीम मेमन, महिला ब्लॉक अध्यक्ष पुष्पा ध्रुव, एनएससीआई ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र दीक्षित, पूर्व पार्षद सुल्तान खान, पूर्व पार्षद अवधेश प्रधान, इंटक जिला अध्यक्ष शशांक चौबे, इंटक ब्लॉक अध्यक्ष पुनीत राम ठाकुर, युवा नेता रितेश दीक्षित, अखिल चौबे, पवन ठाकुर, डिगेश सेन, सहित कांग्रेसी नेता उपस्थित थे।
नवापारा-राजिम, 28 फरवरी। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री युधिष्ठिर चंद्राकर के पिता छन्नुलाल चंद्राकर का पिछले दिनों निधन हो गया। दशगात्र कार्यक्रम उनके गृह ग्राम डंगनिया चंपारण में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर चंद्राकर परिवार के सदस्यों के अलावा राजनेता एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उनके निवास पहुंचकर स्वर्गीय छन्नूलाल चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसमें छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री एवं रायपुर विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, सांसद विजय बघेल, अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज, पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, भाजपा ग्रामीण जिला अध्यक्ष अभिनेश कश्यप, पूर्व मंत्री पूनम चंद्राकर, प्रदीप शर्मा, संतोष शुक्ला, डां. रमेश सोनसाइटी, वरिष्ठ पार्षद प्रसन्न शर्मा, बॉबी चावला, योगेंद्र कंसारी, टिंकू सोनी, पूर्व सरपंच नत्थू राम साहू, सरपंच गोवर्धन तारक कुर्रा, पूर्णिमा चंद्राकर, तनु मिश्रा, छाया राही आदि उपस्थित थे।
गोयल ने दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 28 फरवरी। नगर पालिका गोबरा नवापारा के पूर्व पालिका अध्यक्ष विजय गोयल ने बैडमिंटन खेल प्रेमियों को बेडमैंटन इंडोर हाल के लोकार्पण की बधाई दी एवं मंत्री शिव डहरिया, सांसद सुनील सोनी, विधायक धनेंद्र साहू, न.पा.अध्यक्ष धनराज मध्यानी के साथ-साथ पूरी परिषद को धन्यवाद दिया।
गोयल ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि आज मेरा सपना पूरा हुआ। हमारे नगर के बैडंिमटन खेल प्रेमी सडक़, गली-चौराहे में हर वर्ग के लोग उक्त खेल खेला करते थे। उन्हें देखते हुए प्रेरणा मिली और अपने कार्यकाल में प्रण लेकर पिछले सरकार के तत्कालीन मंत्री अमर अग्रवाल से निवेदन कर इस हाल के निर्माण के लिए एक सौ बीस लाख की स्वीकृति लेकर पालिका को राशि मुहैया करवाई, मंै उन्हें भी धन्यवाद देता हूं। उम्मीद करता हूं उक्त कार्य से नगर की खेल प्रतिभाएं उभर कर आएंगी।
साथ ही पालिका प्रशासन से उम्मीद करता हूं विगत लगभग डेढ़ वर्ष से अधूरे पड़े वरिष्ठजन के मनोरंजन हेतु सयान भवन, छात्र-छात्राओं हेतु ई लाइब्रेरी के लिए भी पूर्व सरकार से राशि दिला दी गई थी। उक्त कार्यों को भी यथा शीघ्र पूर्ण करावें ताकि नगर की जनता को इसका लाभ मिल सके।
गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद द्वारा शनिवार को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य का भूमिपूजन एवं बैडमिंटन हॉल, इंडोर हाल, कबीर आश्रम में सीसी रोड पेवर्स व नाली निर्माण एवं खोली पारा में शेड निर्माण कार्य का लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ।