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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 20 फरवरी । छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज धर्म नगरी राजिम की पहचान भगवान श्री राजीव लोचन मंदिर प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीता जागता प्रमाण है, इसकी भव्यता देखते ही बनती है। छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रख्यात राजिम की ख्याती राजीव लोचन मंदिर व यहां विराजे भगवान विष्णु के साथ जुड़ी है। वहीं नदी के दूसरी ओर श्रीकुलेश्वर महादेव का मंदिर इस प्राचीन नगरी को अदभुत बनाती है।
राजिम का राजीव लोचन मंदिर आठवीं शताब्दी का है। इसके जन्मदिन के अवसर पर प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक मेला आयोजित किया जाता है। भले ही मेले का स्वरूप बदला हो लेकिन इसकी पौराणिक मान्यता युगों-युगों तक बरकरार रहेगी।
धर्म नगरी राजिम का प्राचीन नाम कमलक्षेत्र है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरम्भ में भगवान विष्णु के नाभि से निकला कमल यहीं पर स्थित था और ब्रह्मा जी ने यहीं से सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए इसका नाम कमलक्षेत्र पड़ा।
राजिम में महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। संगम के मध्य में कुलेश्वर महादेव का विशाल मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि वनवास काल में श्री राम ने इस स्थान पर अपने कुलदेवता महादेव की पूजा की थी।
ड्रोन कैमरे में दिखी नगर की भव्यता
राजिम नगरी की भव्यता को ड्रोन कैमरे की नजर से देखने का प्रयास किया गया। इस दौरान धर्म नगरी की भव्यता देखते ही बनती है। आसमान की ऊंचाई से श्रीराजीव लोचन मंदिर से लेकर महानदी व पूरा नगर एक खास स्वरूप में नजर आया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्यमंच को इस वर्ष विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसकी भव्य सुंदरता देखते ही बनती है। मंच सज्जा करते प्रभारी विभाग के कर्मचारियों से चर्चा करने पर बताया कि मुख्य सांस्कृतिक मंच को कलाकारों के कार्यक्रम के अनुरूप इसमें एल.ई.डी. लगाया गया है और मंच को गोल्डन फ्रेम से मंदिर का आकार दिया गया है। जिसमें एलईडी के ऊपर भगवान शिव पार्वती, श्री राजीव लोचन और गंगा मैया के छायाचित्र को फ्रेम अंदर स्थापित कर लाईटों से सुसज्जित किया गया है तथा स्वागत द्वार में बाँस से बनी जालीदार चटाई के बीचों बीच टोकरी में गेंदा फूल से बना स्वास्तिक बहुत ही आकर्षक दिखाई दे रहा है।
मंच के दायीं ओर भगवान श्री राजीव लोचन की प्रतिमा को भी गोल्डन फ्रेम के मंदिर में विराजीत किया गया है। मंच को विभिन्न प्रकार के रंगीन लाईटों से भी सजाया गया है। मंच के आऊटर को भी गेंदा फूल के झालरों से सजाया गया है तथा मंच के सामने भाग में छोटे-छोटे गमलों से सजे पौधे बहुत ही सुन्दर दिखाई दे रहे है और नीचें लगे रंग-बिरंगे मुलायम कॉरपेट मंच की शोभा बढ़ा रहे है।
मंच पर लगे एलईडी में कार्यक्रमों प्रदर्शित किया जा रहा है, जिससे दर्शक दीर्घा में बैठे मेलार्थियों को स्पष्ट रूप से मंच पर होने वाले कार्यक्रम दिखाई पड़ते है। मंच के दायीं ओर भी प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दे पर फोकस किया जा रहा है, रंग-बिरंगे डिस्को लाईट लोगों का मनमोह रहा है। जिससे वे कार्यक्रमों को देखकर उनका भरपूर आनंद उठा रहे है।
इस बार दर्शकदीर्घा को भी अलग-अलग ब्लाकों में बाँटा गया है। जिससे दर्शकों को कार्यक्रमों का आनंद उठाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है। किसी भी कलाकार के लिए सबसे प्रमुख आधार सांस्कृतिक मंच होता है, जिसकी साज सज्जा, सुन्दरता और बनावट कलाकारों के उत्साह को दुगुना करती है और उन्हें अपने कला को अच्छे ढंग से प्रदर्शित करने में सहयोग प्रदान करती है और जनमानस को अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेती है।
कार्य इस बार माघी पुन्नी मेला में बहुत ही विचार मंथन के बाद कुछ अलग करने की सोंचे और मुख्य सांस्कृतिक मंच के साथ ही स्थानीय सांस्कृतिक मंच को शानदार सजावट किया गया है। जिसकी प्रशंसा दर्शक और कार्यक्रम देने आये छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकार कर रहे है। रात्रि के समय सबसे अधिक भीड़ महोत्सव स्थल में होती है। लोगों का कहना है की इस बार मंच बहुत ही शानदार बना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। छत्तीसगढ की प्रसिद्ध त्रिवेणी संगम राजिम मेला का दृष्य अत्यंत सुहावना हो गया है। राजिम पुल से लेकर बेलाही घाट पुल एवं चौबेबांधा पुल तक लाइटों की रोशनी से जगमग दिख रहा है। आने वाले श्रद्धालुओं को तकलीफ न हो इस बात ध्यान रखते हुए मेला प्रशासन ने सडक़ो पर लाइट लगाकर व्यस्थित कर दिया है।
दूसरी ओर नदी की रेत पर तकरीबन पांच किलोमीटर की दूरी तक अस्थाई शहर बसा हुआ है। प्रयाग नगरी के प्रथम दर्शन मामा-भांचा मंदिर से लेकर सीधे कुलेश्वरनाथ महादेव एवं लोमष ऋषि आश्रम के पिछला भाग से होते हुए नेहरू घाट नवापारा से अटल घाट राजिम तक अस्थाई रेत की सडक़ें बनाई गई है।
वाहनों के लिए पत्थर बिछाकर आवागमन को व्यस्थित किया गया है इस बार सडक़ो की चौड़ाई 12 की जगह 15 फीट कर दी गई है इससे श्रध्दालुओ को घुमने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। प्रदेश शासन की सोच एवं जिम्मेदार अधिकारियों की मेहनत स्पष्ट रूप से दिखायी दे रही है। मेला इस वर्ष पुरानी जगह लगा हुआ है। प्रतिदिन हजारो श्रध्दालु दर्शन भ्रमण के उपस्थित हो रहे है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से आये प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी जा रही है। छत्तीसगढ़ी लोककला और संस्कृति को कर्मा, ददरिया, सुवा, पंडवानी और भरथरी के माध्यम से पारंपरिक वेशभूषा और नृत्य गीत के माध्यम से छत्तीसगढ़ की महिमा का बखान कर रहे है जिसकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल रही हैं। शाम होते ही मुख्य मंच पर सांस्कृतिक आयोजन का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं पूरे महोत्सव स्थल में दर्शकों की खचाखच भीड़ जुटी रहती है। एक से बढक़र एक कार्यक्रम को देख दर्शक भाव विभोर हो झूम उठते है।
मुख्य मंच पर द्वितीय दिवस नवापारा-राजिम के लोक प्रयाग कला मंच के कलाकारों ने धूम मचाई। सरस्वती वंदना के माध्यम से छत्तीसगढ़ महतारी और आकर्षक दुर्गा झांकी की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई। लोक प्रयाग मंच राजिम के संचालक राजेश साहू ने साक्षात्कार के दौरान बताया कि है लोकमंच की स्थापना 26 नवंबर 2020 में मात्र सात सदस्यों के साथ किया गया था, वर्तमान में हमारी टीम में कुल 35 सदस्य है। इस क्षेत्र में आने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि बचपन से ही नृत्य गीत से जुड़ाव था।
कुछ उत्साही युवा मंच बनाने का प्रस्ताव लेकर आये। उस पर विचार कर एक ही शर्त था कि खुद का संगीत हो दूसरे मंच का नकल न हो, तब जाकर यह मंच बना। शुरुवाती समय बहुत संघर्ष भरा रहा, पहले जगह की कमी थी, किराये से लेकर सभी कलाकारों का निरंतर अभ्यास लगन मेहनत और कुछ करने की ललक से आज इस मुकाम तक पहुँचे। उन्होंने बताया कि पहला शो हरिहर स्कूल में खुद मंच तैयार कर किया और प्रस्तुति दिए। शिवरात्रि के समय धमतरी जिले में बहुत बड़े समारोह का निमंत्रण आया।
वहाँ कार्यक्रम देने के बाद हमने कभी पीछे मुडक़र नही देखा, लगातार कार्य कर रहे है। अब तक छत्तीसगढ़ के कई स्थानों में लगभग 58 प्रोग्राम दिए है। इसके अलावा अन्य राज्य महाराष्ट्र, दमोह में भी हमने छत्तीसगढ़ की महक बिखेरी है। राजेश साहू ने आगे बताया अन्य मंच और हमारी टीम में कुछ अंतर है। गीत स्व रचित है। राजकीय गीत में विभिन्न राज्य की संस्कृति को दर्शया है, जिसमे प्रमुख है पंथी, पंडवानी, राउत, नाचा प्रमुख है। नये कलाकारों को संदेश देते कहा कि कार्यक्रम ऐसा हो जिसमें किसी जाति, धर्म, संस्कृति आहत न हो।
हमारी टीम का उद्देश्य विलुप्त हो रही संस्कृति को एक मंच पर दिखाना है। उन्हें पुनर्जीवित कर स्थापित करना है। माघी पुन्नी मेला में कार्यक्रम देना एक सपना था। इस मंच पर पहली बार आकर हमें बहुत ही सुखद अनुभूति हुई। दर्शकों का भरपूर प्यार और स्नेह मिला। बहुत ही अच्छी व्यवस्था है, सब कार्यक्रम व्यवस्थित है। पहले से बहुत परिवर्तन हुआ है। कलाकारों को प्रोत्साहित करने का कार्य छत्तीसगढ़ शासन कर रही, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के सांस्कृतिक मंच क्रमांक 2 पर फाग गीतों की रंग उड़ रही थी। यह ऐसा पक्का रंग था, जो कोई भी सुने रंगते गये। हम बात कर रहें है बेमेतरा के रामेश्वर देवांगन के फाग गीतों की। उन्होंने पारंपरिक लोकगीतों के धुन पर नगाड़े की थाप में गीतों की बौछार कर दी।
गरियाबंद के प्रेम यादव के आदिवासी नृत्य में 16 से 20 साल की बालिकाओं ने काम्बीनेशन बनातेेेेेेेेेेेेे हुए एक चाल पर एक साथ मिलाकर नृत्य का आगाज किया, तो लोग देखते ही रह गये और इस तरह से राजिम मेला में आदिवासी संस्कृति मंच पर उतर आयी। खट्टी पांडुका के पुनाबाई बंसोड़ ने पंडवानी की प्रस्तुति देकर भावविभोर कर दिया।
सुरसाबांधा के रूपेन्द्र साहू ने जस झांकी की शानदार प्रस्तुति दी। चौबेबांधा के लक्ष्मीनारायण मानस मंडली के दीपक श्रीवास ने धार्मिक भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं का ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
व्याख्याकार संतोष कुमार सोनकर ने सुंदरकांड प्रसंग पर कहा कि रामायण जीवन जीने की कला सीखाती है। उन्होंने तुलसी पौधे के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि इसमें ब्रम्हा, विष्णु एवं महेष का वास होता है, इनके रहने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है जब तक पौधा हरा-भरा रहता है। अच्छे विचार का परिवार के सदस्यों में समावेश होता है। उन्होंने आगे कहा कि संगति अच्छे लोगों से होने चाहिए। जैसे माहौल देंगे वैसे हमारे आने वाली पीढ़ी पल्लवित होगा इसलिए छोटे बच्चों के सामने कभी भी गलत वाचन न करें। अच्छे शब्दों के उच्चारण जीवन का ऊचाईयां प्रदान करती है। कार्यक्रम देने वाले सभी सदस्यों को मंच से ही सम्मानित किया गया।
मौके पर अंचल के प्रसिद्ध रामायणी रेखराम साहू सहित अनेक लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मनोज सेन एवं दुर्गेश तिवारी ने किया। कार्यक्रम के संयोजक पुरूषोत्तम चंद्राकर ने बताया कि 19 फरवरी दिन शनिवार को रामायण सावन ध्रुव झितरी डुमर छुरा, सतनाम मंगल भजन चंद्रिका बंजारे पितईबंद, आदिवासी नृत्य गिरवर धु्रव कोसमबुड़ा, पंडवानी गंगाबाई मानिकपुरी शुक्लाभाठा, सुआ नृत्य पुनाबाई ध्रुव, चंपारण की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्य मंच के समीप बने डोम में जिला परिवहन कार्यालय जिला गरियाबंद, लोक सेवा केन्द्र एवं महिला सशक्तिकरण शिविर का आयोजन गरियाबंद पुलिस अधीक्षक जेआर ठाकुर के मार्गदर्शन में किया गया।
जिसमें थाना प्रभारी वेदमती दरियो ने महिला हिंसा निवारण के बारे में महिलाओं को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि महिला हिंसा निवारण कार्यालय गरियाबंद में स्थित है। अभिव्यक्ति ऐप, मुस्कान ऐप, गर्जना और उड़ान ऐप्स के द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार किया जा रहा है। वर्तमान परिवेश में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उन्हें जागरूक होना और बचाव के विभिन्न तरीके जानना जरूरी है। टीआई दरियो ने लाईव डेमो के माध्यम से बताया गया कि अकेले सुनसान राह में चलते हुए अगर कोई शरारतीतत्व छेडख़ानी करें तो डरने के बजाये पूरे आत्मविश्वास के साथ उसका मुकाबला करें एवं तत्काल शिकायत करें।
अपराधी के नाजुक अंगों जैसे आंख, नाक, कान पर वार करके हम बचाव कर सकते है। यदि कोई आपके पीछे से हाथ को पकड़े तो झुककर उसके हाथ को मोड़ दे जिससे उसकी पकड़ छुट जायेगी।
आप किसी से लिफ्ट मांगकर मोटर गाड़ी में जा रहे है और आपके मना करने पर भी वह गलत नियत से गाड़ी नहीं रोकता है तो चुन्नी, स्कार्फ या आंचल को उसके गर्दन में फंसाना, जिससे उसे दुर्घटना का डर हो जायेगा और वह अपने मंसुबे में कामयाब नहीं हो पायेगा। आपके पास सुरक्षा के कोई वस्तु नहीं है, तो हथियार के रूप में चुड़ी, हेयरपिन का इस्तेमाल कर सकते हैं, अपने बचाव के लिए आप ये हथकंडा अपना सकते है।़
अभिभावक अपनी छोटी बच्ची को स्कूल भेजते है तो उसे जागरूक बनाये और गुड टच बेड टच के बारे में बताए। किसी भी बच्चियों के साथ दुर्वव्यहार होने पर 1098 डॉयल कर पुलिस की सहायता ले सकते है।
गलत बातों का विरोध करें, उसे जवाब दें। साइबर फ्राड की जानकारी देते हुए लोगों को सतर्क किया गया कि फर्जी कॉल पर ध्यान न दें, अपना बैंक डिटेल, आधार नंबर, ओटीपी नंबर किसी के साथ शेयर न करें। रूपये का लालच देकर सीधे-साधे लोगों को कुछ कंपनी अपने झांसे में फंसाकर खूब सारा पैसा ऐंठ लेते है इससे हमें बचना चाहिए।
जिला परिवहन कार्यालय गरियाबंद द्वारा लगाये गये शिविर में यातायात के नियमों के बारे में बताया गया। जिला परिवहन अधिकारी मृत्युंजय पटेल ने जानकारी दिया कि इस शिविर का आयोजन प्रात: 10 से 5 बजे तक किया गया है। इसमें अधिक से अधिक संख्या में लोग लर्निंग लाईसेंस बनवाने आ पहुंचे थे, इसके लिए लगभग 300 लोग लर्ऩिंग लाईसेंस के लिए आवेदन किये है। इसी डोम में लोक सेवा केन्द्र गरियाबंद के शिविर का भी आयोजन किया गया था। जिसमें मेलार्थी अपना आधार नंबर अपडेट करा रहे थे। शिविरों में बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
मेहनत और लगन से कला की बारीकियों को समझें नए कलाकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। छत्तीसगढ़ी बोली भाषा और रहन-सहन आचार व्यवहार और वेशभूषा सहज ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दूर-दूर तक इसकी ख्याति फैली है। वैसे में छत्तीसगढ़ की प्रयाग नगरी राजिम में प्रतिवर्ष होने वाले माघी पुन्नी मेला में सैकड़ों लोग आते है और सांस्कृतिक मंच पर हो रहे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देखकर बहुत ही खुश होते है।
सांस्कृतिक आयोजन में कलाकारों द्वारा विलुप्त हो रही कला को जिसमें कर्मा, सुआ, ददरिया, पंथी, पंडवानी, राउतनाचा, डंडा नृत्य, देवार नृत्य को संरक्षित रखने का कार्य छत्तीसगढ़ शासन कर रही है, जिससे आने वाली युवा पीढ़ी इसका अनुकरण कर सके। मीडिया से चर्चा के दौरान लोक मया मंच कुम्हारी के संचालक महेश कुमार वर्मा ने बताया कि मेरे द्वारा एक था गधा, लक्ष्मी वैष्णव, अपोलो हास्पीटल, मैं बिहार से चुनाव लडूंगा आदि का नाट्कीय रूपांतर किया गया।
लगभग 30-35 वर्षो से प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है। आगे बताया कि छत्तीसगढ़ थियेटर में स्क्रिप्ट लेखन कार्य भी मैनें किया है। प्रसिद्ध जसगीत तोला बंदौ ओ दाई तोला बंदौ.... का लेखन वे स्वयं किये है। इसके टीम में कुल 25 सदस्य है। सर्वगुणों से संपन्न छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकार महेश वर्माजी आकाशवाणी रायपुर में उद्घोषक के रूप में भी कार्य किये है। श्रम साहित्य रत्न पुरूस्कार मध्यप्रदेश से सम्मानित हुए।
टीम के गायक राजेन्द्र साहू, गंगाराम साहू सीता वर्मा, रीता निषाद और साथ में 6 साल की बच्ची भी है। बहुत मार्मिक ढंग से चर्चा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति से इतना जुड़ाव है कि लंग्स कैंसर से पीडि़त होने पर भी रूके नहीं पूरे देश में लगातार प्रोग्राम कर रहे है। लगभग 50 टेलीफिल्म के लेखक रह चुके है जिसमें अपराजिता, नैना, गोपीचंदा, लड्डू आदि है।
भोपाल के प्रमुख हिंदी थियेटर के डायरेक्टर अलखनंदन, दिनेश दीक्षित, एक.के.रैना के बैनर तले नाटककार के रूप में काम किये है। नये कलाकारों को संदेश देते हुए कहा कि वे पूरी मेहनत व लगन से कला को सीखें उनकी बारिकियों को समझे। पहले और अब के कला मंच में अंतर बताते हुए कहा कि पहले की कला जन कल्याण के लिए होता था, लेकिन अब की कला व्यवसाय बन चुका है।
आज महेश वर्मा किसी परिचय का मोहताज नहीं है, उन्हें उनके मंचन में अभिनय के कारण मंगलू भैय्या व कल्लू दादा के नाम से भी जाना जाता है। मुख्यमंच पर प्रस्तुति देकर हम गदगद हो गये, वैसे तो हर वर्ष यहां आते है। इस वर्ष मुख्यमंच बहुत ही आकर्षक लगा और यहां की व्यवस्था पहले से बहुत अच्छा लगा। मीडिया सेंटर के संचालक श्रीकांत साहू, रोशन साहू, युवराज साहू, योगेश साहू ने पुष्प एवं फोटोफ्रेम भेंट कर सम्मानित किया।
रिखी क्षत्रिय और रजनी रजक के कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी । माघी पुन्नी मेला मुख्य मंच पर सांस्कृतिक बेला में छत्तीसगढ़ की बेटी कहे जाने वाली पंडवाणी गायिका ऋतु वर्मा ने महाभारत प्रसंग के अंतर्गत द्रोपति और कृष्ण भगवान के संवादों को अपने चिर-परिचित अंदाज में वर्णन किया। इस प्रसंग को सुन कर दर्शक भाव-विभोर हो गए। इस पंडवाणी गायन के शैली के लिए दर्शकों द्वारा तालियों से सम्मान किया गया।
इसी बीच मुख्य मंच पर स्थापित श्रीराजीव लोचन के प्रतिरूप की पूजा-अर्चना पं. परिषद के द्वारा किया गया। इसके बाद भिलाई से आई लोक कलाकार रजनी रजक द्वारा ढ़ोल-मारू लोकगाथा की प्रस्तुति दी। इसमें रजनी रजक द्वारा राजा ढोल और मारू रानी के जीवन के बारे में गीतों के माध्यम से दर्शकों को सुनाया। इन गीतों को भरथरी गीत कहते हैं।
ढोल-मारू के प्रेम प्रसंग की जीवांत भाव को महसूस कर दर्शक भाव विभोर हो गए। स्वरांजली, तुलसी चौरा के नन्हें कलाकार अविराज सिंह ने अपनी पहली गीत गांव अयोध्या जैसे लागत हे...की दी।
चोला माटी के हे राम..., चि_ी न संदेशा तुम कहां चले गए आदि गानों की प्रस्तुति कर इस दुनिया से विदा हुई मशहुर गायिका लता मंगेशकर संगीकार बप्पी लहरी और छत्तीसगढ़ के महान साहित्यकार दानेश्वर शर्मा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि के स्वरूप गाया गया। मंच पर कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति छश्रीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक रागनी रिखी क्षत्रिय ने दी। बस्तर देवता की उपासना कर गीतों की शुरूआत की।
झूपत आबे ओ दाई... ऐ कोकई कांटा ओ... ददरिया गीतों की प्रस्तुति दी। इसी के साथ लोक रागिनी के संचालक रिखी क्षत्री द्वारा कर्मा नृत्य रूनझून बाजे तोर पांव के पैरी... प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। कलाकारों का सम्मान स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 19 फरवरी। सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय रेड रिबन क्लब व राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में युवा सप्ताह के अन्तर्गत महाविद्यालय स्तर का आनलाईन द्वारा एचआईवी संक्रमण से बचाव तथा युवाओ का एड्स जागरूकता मे योगदान विषय अन्तर्गत भाषण, निबध, पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें विजयी प्रतिभागियों का शुक्रवार को पुरूस्कार वितरण किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चित्रोत्पला शिक्षण समिति के अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल, अध्यक्षता डॉ. पीबी हरिहरनो, विशेष अतिथि प्राचार्य डॉ. शोभा गावरी व उपप्राचार्य डॉ. मनोज मिश्रा, कार्यक्रम संयोजक डॉ. आरके रजक उपस्थित थे।
इस अवसर पर मनमोहन अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना इस युग की देन है, जो समाज सेवा के क्षेत्र में सदैव नि:स्वार्थ भाव से तत्पर रहते हैै। युवा देश के निर्माता है, राष्ट्रीय सेवा योजना के युवाओं में स्कूलों व महाविद्यालयों में नेतृत्व क्षमता का प्रशिक्षण देते है। डॉ. हरिहरनों ने युवाओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि जब-जब देश सेवा, समाज सेवा की बात होती है तब तब एनसीसी व एनएसएस के स्वयं सेवकों को हमेशा याद किया जाता है। इनके द्वारा कोरोना काल में किए गए कार्यो को नहीं भुलाया जा सकता। डॉ. शोभा गावरी ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरूषों की तुलना में से महिलाएं आगे है। समय आने पर अपने परिवारों को नजर अंदाज करते हुए सेवा के क्षेत्र में आगे आ रही है।
इतिहास गवाह है रानी लक्ष्मीबाई, मदर ट्रेरेसा, सुभद्रा कुमारी चौहान जैसे अनेक उदाहरण है। एड्स जागरूकता व युवा दिवस पर प्रथम व द्वितीय स्थान पर 35 विजेताओं को अतिथियों के द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. सीएल साहू, डॉ. श्यामा शंाडिल्य, डॉ. पूनम सिंग, डॉ. प्रेरणा सोनी, प्रो. लेखराम साहू, प्रो. नैना पहाडिय़ा, प्रो. लोमश साहू, प्रो. जे.एल. गायकवाड, प्रो. बबलू यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. लेखराम साहू ने किया।
नवापारा-राजिम, 19 फरवरी । राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल शुक्रवार शाम नवापारा के शीतलापारा निवासी ओमप्रकाश देवांगन के निवास पहुंचे। यहां मंत्री अग्रवाल ने देवांगन के पारिवार के सदस्यों से आत्मीयतापूर्वक चर्चा करते हुए जलपान भी किया।
मंत्री अग्रवाल ने देवांगन और उनकी पत्नी पिंकी को विवाह की बधाई देते हुए आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान देवांगन के बड़े भाई ईश्वरी देवांगन, उनकी भाभी रानू देवांगन और माताजी उपस्थित थी। उल्लेखनीय है कि ओमप्रकाश देवांगन विधानसभा चुनाव के पूर्व मंत्री अग्रवाल के चुनाव संचालन दल में शामिल थे और चुनाव के बाद लगभग 2 सालों तक उनके स्टाफ में शामिल थे। पिछले वर्ष नवंबर माह में देवांगन के शादी के आशीर्वाद समारोह में मंत्री अग्रवाल अपरिहार्य कारणों से नहीं आ पाए थे, लेकिन राजिम दौरा होने की स्थिति में देवांगन के निवास आने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद वे देवांगन के यहां पहुंचे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के तीसरे दिन राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग एवं गृह विभाग के संयुक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राजस्व एवं आपदा प्रबंधन पुर्नवास वाणिज्य कर मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि यहॉं के लोग बड़े सौभाग्यशाली है जहॉं राजीवलोचन का धाम है, प्रदेश सरकार ने माघी पुन्नी मेला के मूलस्वरुप को पुनर्जीवित किया है।
मेले में सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारियॉं सरकारी स्टाल लगाकर दी जा रही है। यह सरकार सभी जाति एवं धर्म को साथ में लेकर सुविधायें प्रदान कर रही है। राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने राजिम माघी पुन्नी मेला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान सरकार राज्य की संस्कृति और गरिमा के अनुरुप मेला का आयोजन कर रही है। लोगों को नागरिक सुविधाएॅं देने के साथ ही विकास कार्य किये जा रहे है। उन्होंने मंच पर राजस्व विभाग के हितग्राहियों को चेक वितरण भी किया। मंत्री श्री अग्रवाल ने भगवान श्री राजीव लोचन का दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि त्रिवेणी संगम में तीन जिलों का संगम होता है। यह मेला भगवान श्रीराजीव लोचन की जयंती से प्रारंभ होकर भगवान शिव की जयंती तक 15 दिनों तक चलता है। छत्तीसगढ़ धर्म, आस्था एवं संस्कृति का केन्द्र है। मेले की गरिमा, संस्कृति को इस सरकार ने बरकरार रखा है। जनता के साथ जुड़ कर नागरिकों की सुविधाएॅं देने की जिम्मेदारी देने का कार्य बखूबी निभा रही है।
नवापारा पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी ने मेले के बेहतर आयोजन को लेकर सुझाव दिया कि इसमें तीन जिलों का संगम होता है इसलिए तीनों जिलों के हितग्राहियों एवं कलाकरों को साथ लेकर बेहतर आयोजन को मूर्तरुप दिया जा सकता हैं।
इस अवसर पर हितग्राहियों को मंच से ही सहायता राशि एवं प्रशस्ति पत्र वितरण किया। राजस्व विभाग द्वारा नक्सल प्रभावित परिवार के सदस्यों को शासकीय सेवा हेतु नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके अलावा कोरोना से मृत्यु हुए परिवारों के 11 हितग्राहियों को 5 लाख पचास हजार रुपये सहायता राशि का वितरण किया गया, साथ ही प्राकृतिक आपदा 6-4 एवं सडक दुर्घटना में मृत्यु होने पर 6 हितग्राहियों को 24 लाख रुपये का चेक वितरण, कमार भुजियां के 3 हितग्राही सहित 9 स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र वितरण, 5 हितग्राहियों को 2 हजार 484 हेक्टेयर भूमि का सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र एवं 9 हितग्राहियों को भू अर्जन की 47 लाख 94 हजार रुपये राशि का वितरण गया
इसके पूर्व पुलिस विभाग द्वारा लोक सेवा केन्द्र की सेवाओं की जानकारी एवं ड्रायविंग लायसेंस की जानकारी, गुड टच एवं बेड टच की जानकारी, महिला अधिकार एवं अभिव्यक्ति एप के संबंध में जानकारी, ट्रेफिक नियम व क्वीज प्रतियोगिता, साईबर सुरक्षा एवं क्राईम के संबंध में प्रभावी तरीके से एवं लाइव डेमों के माध्यम से जानकारी दी गई ।
कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्जवलित एवं राजगीत अरपा पैरी की धार गीत से किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर नम्रता गॉंधी, रोक्तिमा यादव, भावसिंह साहू, विकास तिवारी, जीत सिंग, राजा चॉवला, रामा यादव, सौरभ शर्मा, संध्याराव भाण्डुलकर, रामरतन निषाद, चन्द्रहास साहू एवं अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व एवं पुलिस अमला आदि मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 19 फरवरी । भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने उत्तर प्रदेश में भाजपा की पुन: सरकार बनाने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्य से 32 भाजपा नेताओं को चुनाव प्रचार करने का दायित्व दिया है। जिसमें अलग-अलग विधानसभा लखनऊ पश्चिम एवं सरोजनी नगर क्षेत्र में सौंपा गया है। श्री साहू चुनाव प्रचार के दौरान लगातार गाँव मोहल्ले वार्डों का दौरा कर जनता से फीडबैक ले रहे है।
वे भाजपा की योजनाओं तथा विकास कार्यों के आधार पर भाजपा को पुन: विजयश्री दिलाने मतदान करने की अपील कर रहे है। श्री साहू ने कहा कि भाजपा के लोक कल्याणकारी संकल्प पत्र में युवाओं को दो करोड़ कम्प्यूटर टेबलेट या स्मार्टफोन हर परिवार में कम से कम एक रोजगार या स्वरोजगार का अवसर देंगे।
इसके साथ ही अनेक लोक कल्याणकारी योजना को शामिल किया गया है। 1 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1 लाख रुपय तक का न्यूनतम दर पर लोन जैसे अनेक लोककल्याणकारी योजना शामिल है। जनता का रूझान भाजपा के प्रति सकारात्मक है।
भय भ्रष्टाचार, गुंडाराज का दमन करने वाली भाजपा सरकार उत्तरप्रदेश में पुन: स्थापित होगी। उत्तर प्रदेश की जनता विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं के आधार पर भाजपा के निशान पर मुहर लगाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 फरवरी । माघी पुन्नी मेला राजिम में राजिम भक्तिन माता मंदिर समिति युवा प्रकोष्ठ द्वारा भंडारे का आयोजन साहू समाज के युवाओं द्वारा किया जा रहा है। भंडारे में भोजन प्रसादी लेने बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शामिल हो रहे हैं।
भंडारे के तीसरे दिन की भोजन प्रसादी की व्यवस्था क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू द्वारा किया गया था। भोजन वितरण में मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ महेंद्र साहू, जिला पंचायत सदस्य द्वय चंन्द्रशेखर साहू, रोहित साहू, प्रदेश संयुक्त सचिव लाला साहू, मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ लीलाराम साहू, मंदिर समिति युवा प्रकोष्ट अध्यक्ष राजू साहू, डॉ. दिलीप साहू, जनपद सदस्य दीपक साहू, खोमन साहू, रामकुमार साहू, भोले साहू, भवानीशंकर साहू, रोशन साहू, मनीष साहू, हीरालाल साहू, प्रीतम साहू, नेपाल साहू सहित समाज के पदाधिकारियों ने सहयोग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 19 फरवरी । वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा संचालित नंद घर प्रोग्राम के तहत ऑपरेशन और मेंटेनेंस पार्टनर जनमित्रम कल्याण समिति रायगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने और जागरूकता लाने के उद्देश्य से चाबी हैंडओवर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह आयोजन नंदघर कमेटी के सदस्य गणों एवं नंदघरों के वरिष्ठ जन एवं पंचायत के सदस्यों के मध्य किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पार्षद दिलेश्वरी अन्नूराम साहू थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सावित्री गेडाम, रंजना बघेल और सहायिका प्रमिला जंघेल, लक्ष्मी तिवारी का सराहनीय योगदान रहा। जनमित्रम की ओर से कार्यक्रम का निर्वहन रायपुर के डीपीएम धर्मेंद्र साहू, क्लस्टर कोर्डिनेटर तुकेश्वर साहू, पारक साहू और प्रियंका पाण्डेय द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 18 फरवरी। त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन अंतर्गत जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 7 में नव निर्वाचित जनपद सदस्य छबिराम नेताम का जनपद पंचायत सभा कक्ष में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शपथ ग्रहण दिलाया। ततपश्चात नव निर्वाचित जनपद सदस्य का उपस्तिथ जनपद सदस्यों ने गुलदस्ता भेंट कर बधाई दिया।
ज्ञात हो कि गरियाबंद जनपद पंचायत अंतर्गत जनपद सदस्य क्षेत्र क्रामक 7 के पूर्व जनपद सदस्य का आकस्मिक निधन होने पर रिक्त जनपद सदस्य के लिए 2021- 22 में त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन के तहत जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 7 दातबाय कला का बीते दिनों उप चुनाव सम्पन्न हुआ जिसमें नव निर्वाचित जनपद सदस्य छबिराम नेताम को जनपद कार्यालय सभा कक्ष में मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके डहरिया जनपद पंचायत द्वारा उपाध्यक्ष प्रवीण यादव, जनपद सदस्य एवं जनपद कार्यालय के कर्मचारीगण की मौजूदगी में शपथ ग्रहण करवाया गया।
शुक्रवार को जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नव निर्वाचित सदस्य छबिराम नेताम के द्वारा शपथ ग्रहण दिलाया। शपथ ग्रहण पश्चात नव निर्वाचित जनपद सदस्य छबिराम नेताम का परिचयात्मक चर्चा उपस्तिथ जनपद पंचायत कर्मचारियों व सभी जनपद सदस्यों के साथ परिचयात्मक चर्चा हुआ।
इस दौरान जनपद पंचायत उपध्यक्ष प्रवीण यादव, खिलेश्वरी आयाम, शकुंतला साहु, यमुना साहु, चंदाबारले, रमसिला चन्द्रवंशी, श्यामा दीवान, बिरेंद्र कमलेश, अशोक धुव , एमएल पैकरा, आर पी बंजारा, कार्यक्रम अधिकारी, उत्तम सिदार, नीलकंठ कंवर, राकेश साहू, एवं कर्मचारियों जनपद सदस्य मौजूद थे।
अलौकिक छवि को पोस्टर से दर्शाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 फरवरी। भगवान श्रीराजीव लोचन के पश्चिमाभिमुख द्वार पर विष्णु जी के स्वरूप श्रीराजीव लोचन का बारहमासी में श्रृंगार किया जाता है। उन पर्वो के अलौकिक छवि को फ्लैक्स पोस्टर के माध्यम से दर्शाया गया है। सभी चित्र अत्यंत मनमोहनी है। दर्शन करने के लिए आने-जाने वाले श्रद्धालु इन्हें देख दर्शन कर बारह महीने के स्वरूप का दर्शन एक साथ कर लेते है। मंदिर के सर्वराकार चन्द्राभान सिंह ठाकुर, मंदिर समिति के व्यस्थापक पुरूषोत्तम मिश्रा, सुनील शर्मा, महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले बारह वर्षो से लगातार भगवान श्रीराजीव लोचन के सभी रूपों की छाया चित्र चस्पा करते आ रहे है। इससे दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के सभी पर्वो का दर्शन एक साथ हो जाता है।
सर्वविदित है कि श्रीराजीव लोचन का स्वरूप दिनभर में तीन बार बदलता है। सुबह बाल रूप एवं दोपहर युवा तथा रात्रिकाल वृद्ध रूप में दिखते है। यहां पर माघ पूर्णिमा राजिम मेला में भगवान का श्रृंगारिक चित्र के साथ ही बसंत पंचमी, होली पर्व, जल क्रीड़ा, एकादशी पर्व, नवरात्र पर्व, रामनवमी पर्व, मोहिनी रूप, रक्षाबंधन पर्व, श्रावण झुला एकादशी पर्व, दशहरा पर्व, दीपावली, अन्नकुट पर्व, द्वादशी पर्व प्रदर्शित किया गया है। भक्तगण यहां आकर श्रीराजीव लोचन का साक्षात दर्शन करते है। यहां का प्रसिद्ध प्रसाद पीडिय़ा पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है जिसे खाकर श्रद्धालुगण तृप्त हो जाते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 फरवरी । राजिम माघी पुन्नी मेला में लगे सरस मेला स्टॉल में लगे सेल्फी जोन लोगों को अपनी ओर स्वत: ही आकर्षित कर रही है। सेल्फी जोन के संचालक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के यंग प्रोफेसनल स्नेहान्शु मिस्त्री ने बताया कि इस प्रकार का आयोजन मेले में पहली बार किया गया है।
गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी व जिला सीईओ रोक्तिमा यादव के मार्गदर्शन में बच्चे और नागरिक उत्साह के साथ सेल्फी लेकर एक-दूसरे को शेयर कर रहे हैं। इसे लोहझर छुरा के तुलसी मैया महिला समूह बढ़ चढक़र इन्हें क्रियान्वित करने का काम कर रही है। समूह में अध्यक्ष सुखबती टान्डे ने बताया कि यह सेल्फी जोन समूह के गरीब महिलाओं की आर्थिक सहायता करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
यह स्टॉल समूह की महिलाओं द्वारा बैंक से लोन लेकर चलाया जा रहा है। जिसके लिए प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रुपए व परिधान शुल्क 10 रुपए रखा गया है। समूह की महिलाओं के द्वारा अन्य कार्य जैसे बांस से निर्मित सामग्री, मिट्टी से बने आकर्षक बर्तन, काष्ठ कला, खाद्य सामग्री किया जाता है। इसके लिए ब्लॉक लेवल बिजनेस प्लॉन बनाकर समूह की महिलाओं को मार्गदर्शन दिया जाता है। आगे उन्होंने बताया कि संगवारी सेल्फी कार्नर में लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। सेल्फी जोन में रंग-बिरंगे परिधान दिया जाता जिसे पहनकर लोग सेल्फी ले रहे है। यहां का दृष्य ग्रामीण अंचल के रहन-सहन व वेशभूषा को प्रदर्शित करते है।
हस्तशिल्प उद्योग का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण देकर रोजगार देना है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 फरवरी। माघी पुन्नी मेला में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों को हो सकें इसके लिए विभिन्न विभाव द्वारा शासकीय स्टॉल लगाया गया है। शासकीय स्टॉल छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड में सभी मेलार्थियों को योजनाओं के बारे में जानकारी दिया जा रहा है।
माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन इस स्टॉल में जुटी भीड़ हाथों से निर्मित सुंदर आकर्षक समानों के बारे में जानने के लिए उत्सुक नजर आए। हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रभारी एच.बी. अंसारी ने बताया कि हम विगत कई वर्षो से मेले में प्रदर्शनी लगाते है और योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों को बताकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास करते है। हस्तशिल्प उद्योग का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण देकर रोजगार देना और सामग्री का अधिक से अधिक क्रय करना है, जिससे आर्थिक पक्ष मजबूत हो।
मार्केटिंग से जोडऩा और देश के विकास में सहयोग प्रदान करना है। हस्तशिल्प के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन का एक उपक्रम है। इसके द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बहुतायत शिल्पकार इस हस्ताशिल्प उद्योग से रोजगार प्राप्त कर रहे है। परंपरागत हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, तकनीकि डिजाईन कार्यशाला एवं विपणन गतिविधियों के माध्यम से योजना संचालित की जाती है। छत्तीसगढ़ प्राचीन हस्तशिल्प कलाओं की धरोहर है। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 14 प्रकार के शिल्प कलाएं प्रचलित है, जिसमें मुख्यत: शिल्पों में ढोकरा, लौह, पत्थर, मिट्टी, काष्ठ एवं बांस शिल्प है।
इसके अतिरिक्त कौड़ी, जुट, पारंपरिक, गोंदना शिल्प, आदिवासी पेटिंग एवं भित्ती शिल्प आदि प्रमुख है। छत्तीसगढ़ शासन का प्रतिवर्ष माघी पुन्नी मेले में इस स्टॉल को लगाने के पीछे उद्देश्य यह है कि गरीब से गरीब लोग इस योजनाओं को जाने, सीखें, समझे और कुछ करने के लिए उत्साहित हो। कई बार जानकारी के अभाव में वे कुछ भी कार्य नहीं कर पाते। इसलिए हस्तशिल्पियों को उन्नत औजार उपकरण अनुदान उपलब्ध कराना। परंपरागत एवं गैर परपरागत शिल्पियों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजार की बदलती मांग से अवगत कराने के लिए तकनीकी एवं रूपांकन सहायता प्रदान करना।
देश के लुप्तप्राय शिल्प को पुर्नजीवित कर उसका संरक्षण एवं सवंर्धित करना शासन का मुख्य उद्देश्य है। इस हस्तशिल्प उद्योग में शासन की योजनाओं के अनुरूप स्वरोजगार के लिए दिया जाता है। प्रशिक्षण इस स्तर का होना चाहिए कि शिल्पी खुले बाजार में अपने प्रतिद्वन्दियों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो सके। इस उद्योग के लिए विभिन्न विकास योजना के अंतर्गत अनुदान दिया जाता है। जिसमें जॉबवर्क एवं संग्रहण, अध्ययन प्रवास, तकनीकि डिजाईन एवं मार्गदर्शन, शिल्पियों को मासिक आय सहायता, हस्तशिल्पी में कार्यशील पूंजी अनुदान सम्मिलित है। इसका प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रधान कार्यालय छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ हॉट पंडरी रायपुर है, जहां लोग और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 फरवरी । संगम के मध्य में स्थित श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के बाजू में बिलासपुर से पहुॅचे नट कलाकार अपने करतब से मेला देखने आये लागों का मनोरंजन कर रहे है। कक्षा सातवीं में पढ़ाई कर रही बारह वर्षीय दुर्गेष्वरी गोंड़ बांस के डंडे के सहारे खींचे हुए रस्सी के सहारे चलकर हैरत में डाल देती है, तो कभी सिर पर पानी पीने वाले लोटा को रखकर तथा हाथ में एक बड़ा सा लम्बा लकड़ी लेकर बैलेंस बनाते हुए बिना डर के कदमताल करते हुए आगे बढ़ती है।
इस दृष्य ने उपस्थित सैकड़ो लोगों को रोमांचित कर दिया। सायकिल के रिंग पर भी रस्सी के में बेधडक़ चलते हुए किसी जादूगरी से कम नहीं दिख रही थी। ऐसे ही अनेक करतब दिखाये। साथ में पहुंचे इनकी मां ने बताया कि कोरोना काल के कारण स्कूल बंद है। हमने राजिम मेला का विशेष नाम सुनाकर यहां आ गये। सचमुच में प्रदेश सरकार ने अच्छी व्यस्था श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान की है। बच्ची की करतब देखने के बाद लोगों ने इन्हें रूपये पैसे भी भेंट किये।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 फरवरी राजिम माघी पुन्नी मेला के मीना बाजार में झूला झूल रहे दम्पति गिर कर घायल हो गया है, घायल दम्पति को राजिम सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मिली जानकारी के अनुसार दम्पति अपने बच्चो के साथ डिस्को झूला झूल रहे थे। बच्चे अलग सीट पर बैठे थे वही दम्पति एक सीट पर बैठकर खुला का लुफ्त उठा रहे थे।
अचानक हादसे का शिकार हो गए। दम्पति में पुरुष को सिर में गंभीर चोंटे आई है वही उनकी पत्नी का कान के चोंटे आई है। पीडि़त दम्पति नया रायपुर का रहने बताया जा रहा है। जो अपने परिवार के साथ मेला देखने आया था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल दम्पति को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घायल पुरुष का गिरधारी गंगेले और उनकी पत्नी का नाम इंदु गंगेले बताया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलते भी भाजपा नेता विकास साहू अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना।
पीडि़त के परिजन भी राजिम पहुंच चुके है। वही फिलहाल उक्त झूला को रोक दिया गया है। हालांकि डॉक्टरों ने दोनों की हालत खतरे से बाहर बतायी है।
राजिम माघी पुन्नी मेला का शुभारंभ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 17 फरवरी। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के नाम से सुशोभित राजिम में 15 दिनों तक चलने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला का विधिवत शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भगवान राजीवलोचन की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित और पूजा अर्चना कर किया।
इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, वाणिज्यिक कर मंत्री कवासी लखमा, विधायक धनेन्द्र साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ सहित जनप्रतिनिधि तथा श्रद्धालुगण मौजूद थे।
इस अवसर पर डॉ महंत ने कहा कि राजिम मेला को पुरातन संस्कृति और पुन्नी मेला के रूप में स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और धर्मस्व मंत्री का बधाई दिया। डॉ महंत ने कहा कि राज्य के लोगों में आपसी प्रेम और सद्भाव, एकता, भाई चारा से ही नवा छत्तीसगढ़ गढ़बो। उन्होंने कहा कि आज हमें आपसी भेदभाव और घृणा की आवश्यकता नहीं है। राजिम माघी पुन्नी मेला हमें आपसी प्यार और सद्भाव का संदेश देती है। इस तीर्थ स्थान में सत्संग, साधु-संत महात्मा द्वारा दी गई सीख और आशीर्वाद को ग्रहण करना चाहिए। यहां के पावन तीर्थ में सतगुण को ग्रहण कर जीवन में सफल होता है। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ में हर चीज बेहतर हो इसके लिए मिलकर नवा छत्तीसगढ गढऩा है। उन्होंने आज हुए दुर्घटना में मृतात्मा और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मेला का स्वरूप पहले बदल गया था जिसे पुन: स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आते ही पहला विधेयक राजिम माघी पुन्नी मेला का लाया था और गजेटियर के अनुसार इसे पुन्नी मेला का नाम दिया गया। मेला का स्वरूप सुंदर हो, यहां के इतिहास, संस्कृति, रहन सहन का समावेश करने का प्रयास किया जा रहा है।
सबके सहयोग से यह चौथा वर्ष आयोजन हो रहा है। राज्य के विकास का आधार हमारी संस्कृति है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि राज्य की पुरातन संस्कृति का संरक्षण किया जाए। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। स्टाल भी लगाया गया है। उनके द्वारा मेला के बेहतर आयोजन के लिए सुझाव देने आग्रह किया गया। वाण्यजिक कर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राजिम धार्मिक स्थल है यहां 15 दिन शराब बंदी रहेगा। यह देश का पहला राज्य है जहां गोबर खरीदी जाती है, धान प्रति क्विंटल 25 सौ रुपए में खरीद रही है। शासन बस्तर के आदिवासी के पूज्य देवगुड़ी के विकास के लिए 5 लाख रुपए और घोंटूल संस्कृति विकास के लिए 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं।
अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि प्रारंभ समय में इसे स्थानीय रूप से आयोजित किया गया था। उन्होंने राजिम माघी पुन्नी मेला संस्कृति की पुन: स्थापित करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार प्रकट किया है। प्राचीन अस्तित्व को पुनस्र्थापित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राजिम सदियों से महान पवित्र भूमि है यहां आस-पास की सांस्कृतिक धरोहर विद्यमान है।
राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा की यहां आसपास के हजारों लोग इस पवित्र भूमि में दर्शन करने आते हैं और पुण्य लाभ कमाते हैं। आस्था और भक्ति का संगम है। उन्होंने यहां के ऐतिहासिकता की जानकारी दी। उन्होंने मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजिम क्षेत्र में मेला के दौरान 15 दिनों के लिए शराब बंदी के लिए आभार प्रकट किया और धन्यवाद दिया।
गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी ने राजिम माघी पुन्नी मेला के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लेजर शो और सरस मेला आकर्षण में से एक है। यहां श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।
मंच पर नवापारा नगर पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, फिंगेश्वर जनपद अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, नपा के पूर्व उपाध्यक्ष जीत सिंग, भाव सिंह साहू, विकास तिवारी, ब्रह्मकुमारी प्रजापति के नारायण भाई, हेमा और पुष्पा बहन, स्वामी सिद्धेश्वरानंद जी महाराज, त्रिभुवन भाई और स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी, पुलिस अधीक्षक जेआर ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव, वरिष्ठ अधिकारी गण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 17 फरवरी। राजिम के पवित्र त्रिवेणी संगम पर राजिम माघी पुन्नी मेला का आज शाम विधिवत शुभारंभ छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर वाणिज्यिक कर मंत्री कवासी लखमा, प्रदेश के प्रथम पंचायत मंत्री एवं राजिम विधायक अमितेष शुक्ला, अभनपुर क्षेत्र के वरिष्ठ विधायक धनेन्द्र साहू आदि मौजूद थे।
मुख्यमंच पर शुभारंभ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भगवान श्री राजीव लोचन मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना कर प्रदेश के खुशहाली की कामना की। पश्चात महानदी आरती में शामिल हुए। पण्डित संतोष शर्मा एवं स्थानीय ब्राम्हणो द्वारा वैदिक मंत्रो के साथ महानदी मैईया की आरती की गई। आरती तट पर जैसे ही आरती शुरू हुई एक अलौकिक दृष्य संगम तट परिलक्षित हुआ। जिसे देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
मौके पर गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी, अपर कलेक्टर जेआर चौरासिया, एसडीएम अविनाश भोई, नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, नवापारा नगरपालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, जिला कांग्रेस महामंत्री विकास तिवारी, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष पदमा दुबे, आरती संयोजक अशोक श्रीवास्तव, मनीष शर्मा, प्रीति पाण्डे सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं जिले के अधिकारी मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 17 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला का शुभारंभ 16 फरवरी को हुआ, जो 1 मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा। मेला के प्रथम दिन मेला स्थल में भारी भीड नजऱ आई। मेला घूमने पहुंचे मेलार्थियों ने मास्क लगाकर कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुए दिखाई दिया। पुण्य स्नान पर्व होने के कारण सभी अपने परिवार सहित दूर-दराज से दो पहिया व चार पहिया वाहनों से मेला घूमने आये थे।
सुबह भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में दर्शनार्थियों कि लम्बी कतारें रही। वहीं श्री राजीव लोचन भगवान का जन्मोत्सव होने के कारण भगवान के दर्शन लेने भक्तगण मंदिर प्रांगण में पहुँचे। प्रात: स्नान, ध्यान, पूजन, अर्चन के बाद मुख्य सांस्कृतिक मंच के बाजू मे बनेे विशाल डोम में विश्राम करने के बाद रेत पर छश्रीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकारों के लिए बने द्वितीय सांस्कृतिक मंच पर प्रात: 11 बजे से संध्या 5 बजे तक छश्रीसगढ़ की माटी की महक बिखेरती लोक संस्कृति की झांकी प्रस्तुत करते हुए सुआ, कर्मा, ददरीया, राऊत नाचा, पंडवानी और मानस प्रसंग की झमाझम प्रस्तुति को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ रही।
मेले में मुख्य आकर्षण के रूप में मीना बाजार में रंग बिरंगे झूले खिलौनें, चाट, पानीपूरी के ठेले, कपडे, मिठाई आदि के दुकानों में अपने मन पसंद सामानों को खरीदने के लिए बच्चों के साथ उनके परिजन सभी दुकानों में अधिक संख्या में दिखे। मेलार्थी संध्या कालिन सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए मुख्य मंच के पास कार्यक्रम का अंत तक आनंद लेते रहे। मेला में सबसे अधिक आकर्षण का विषय लक्ष्मण झूला रहा, जो मन में कौतुहलता को जन्म देती है। इसमें बहुत ही आकर्षक ढंग से जगमगाती झालरों से सजाया गया है, जो रात में ब्रम्हाण्ड में टिम-टिमाते तारों की तरह नजर आते है जिसे मेलार्थी एकटक देखते रह गये।
भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस विभाग द्वारा चाक चौबंध व्यवस्था की गई है। पुलिस कन्ट्रोल रूम से लगातार एलाउन्स कर लोगों को सतर्क एवं सचेत किया जा रहा हैै। कोरोना गाईड लाईन का पालन करने, अपने समानों की सुरक्षा करने और बच्चों को सम्हाल कर रखने की हिदायत दी जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम,17 फरवरी। नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य में कबीर आश्रम में टीनशेड निर्माण का भूमिपूजन किया गया। तत्पश्चात नेहरू घाट पर सौंदर्यीकरण एवं पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर उनके साथ धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू, नगरपालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, उपाध्यक्ष चतुर जगत सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि इस पवित्र संगम में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की अस्थियंा विसर्जित हुई थी, ये क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। जिस तरह से राजिम के महत्व को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से पूरे देश और दुनिया में जाना जाता है उसी तरह से हम सबके लिए नेहरू स्तंभ भी पुण्य स्थल है। डॉ महंत ने कहा कि भारत में उत्थान और तरक्की का नींव पं. जवाहर लाल नेहरू ने रखा। वे 18 साल तक प्रधानमंत्री के रूप में सच्चे मन से देश की सेवा की। नेहरू जी के कारण ही भारत का अंतर्राष्ट्रीय संबंध अन्य देशों में बना।
उन्होंने लोकतंत्र और समाजवाद की स्थापना किया। भिलाई का कारखाना उनकी देन है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नगरपालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी के द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर उन्होने मंच से ऐलान किया कि नवापारा शहर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए अधिक से अधिक राशि स्वीकृत हो ऐसा हम प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि नेहरू स्तंभ अपने आप में विशेष स्थान है। पिछले तीन वर्षो से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जनता की भलाई के लिए योजना बनाकर मूलभूत काम कर रहे है। किसी को भूखे मरने नही दिए।
पं. जवाहर लाल नेहरू पुल के बाजू पुराने पुल के मरम्मत एवं रेस्ट हाऊस के लिए उन्होंने बजट में प्रस्ताव रखकर पास कराने की बात कही। अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि महापुरूष पं. जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा यहां स्थापित हुई है। इससे हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है। अपने दायित्व को समझकर काम कर रहे है। इस शहर में राजीव गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है और गांधी चौक का सौंदर्यीकरण भी। श्रीसाहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के माध्यम से यहां के नागरिकों के स्वप्न और आवश्यकता को लगातार पूरा किया जा रहा है।
प्रारंभ में पालिकाध्यक्ष धनराज मध्यानी ने स्वागत भाषण में अपने कार्यकाल के अल्प समय में ही जो काम किया है उसे संक्षिप्त में बताया। उन्होंने कहा कि गोपाल गौ शाला के पास महात्मा गांधी की सभा हुई थी। इस स्थल को स्मृति स्थल के रूप में बनाया जाएगा। इसके लिए 40 लाख रूपए की स्वीकृति हुई है। प्रियदर्शनी बस स्टैण्ड में इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाई जाएगी।
सभी अतिथियों का शानदार स्वागत कांग्रेसजनों ने फूलमाला पहनाकर शॉल-श्रीफल से किया। कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ शर्मा, नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष जीत सिंग, जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष चंद्रहास साहू, पालिका सभापति संध्या राव, मनोहर लाल संचेती, चतुर जगत, संदीप पारख, अशोक गोलछा, मेघनाथ साहू, रामा यादव, राजा चांवला, मंगराज सोनकर, अजय साहू, अजय कोचर, लोकिन साहू, अनुप खरे, हेमंत साहनी, शाहिद रजा, स्वर्णजीत कौर, धनेश्वरी डांडे, दीपाली राजपूत, भागवत साहू, ज्ञानचंद यादव, बल्लू देवांगन, अभिजीत श्रीवास, माखन निषाद सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 17 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के प्रथम दिवस पर राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के यूथ रेडक्रास सोसायटी के प्रभारी रोमनलाल साहू और संगीता झा के नेतृत्व में 40 छात्र-छात्राओं ने मेला परिसर में घूम-घूमकर मास्क लगाओं और मेला देखो, मास्क नहीं तो राजिम मेला नहीं, ऐसे नारा लगाते हुए जागरूक कर रहे थे।
मेला घूमने पहुंचे कुछ लोग मास्क रखे थे, लेकिन मुंह को ढंके नहीं थे, उनकी आवाज को सुनकर तत्काल मास्क से अपने मुंह को ढंके और जिनके पास मास्क नहीं थे उन्हें मास्क दिया गया। छात्र जयंत सेवई, रेमण्ड कुमार, जान्हवी साहू, गुंजा साहू, हर्षा वर्मा, देवश्री साहू, पूरन कुमार तारक, माधुरी सोनकर, द्रोणाचार्य, डोमेश्वर आदि ने लोगों को मास्क की उपयोगिता बताकर समाझाईस देते हुए कहा कि अभी कोरोना संक्रमण कम जरूर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए हमें मास्क का उपयोग सभी जगह करना चाहिए। ऐसा न सोचे की हम तो भीड़-भाड़ वाले ईलाके में नहीं जा रहे है और जहां भी जाए, वहां मास्क लगाकर ही जाए। तभी हम कोरोना की लड़ाई जीत सकते है।