ट्रस्ट सदस्यों ने सीएम से की थी शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 11 मार्च। पद्मनाभपुर पुलिस चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव और उनके पुत्र आयुष श्रीवास्तव पर जमीन कब्जा करने के आरोप पर जांच प्रारंभ कर दी गई है।
विदित हो कि इस मामले की माधव निसर्गोपचार ट्रस्ट के सदस्य व जमीन मालिक के परिजनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर से शिकायत की थी जिसमें उक्त बेशकीमती जमीन पर चौकी प्रभारी व उनके परिवार द्वारा कब्जा करने का आरोप है।
एसपी दुर्ग प्रशांत ठाकुर ने बताया कि शिकायत बाद मामला सीएसपी को जांच के लिए दिया गया है। उसमें जो भी तथ्य आएंगे, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल जांच जारी है। जबकि चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव ने आरोप को नकारते हुए उसे बेबुनियाद बताया है।
शिकायती पत्र में बताया गया है कि नगर पालिक निगम दुर्ग के अंतर्गत आने वाले दान की जमीन पर पूर्व में संचालित अस्पताल प्राइम लोकेशन पर पद्मनाभपुर कॉलोनी में स्थित है। जहां माधव निसर्गोपचार प्राकृतिक चिकित्सालय संचालित था। श्रीवास्तव परिवार ने ट्रस्ट या जमीन के वारिसान को किसी भी प्रकार की लिखित सूचना दिए बिना जमीन पर न केवल बाउंड्रीवाल का निर्माण किया, बल्कि ट्रस्ट की जमीन पर प्रीकास्ट फैक्ट्री भी खोल ली है। प्रमोद श्रीवास्तव वर्ष 2017 से माधव निसर्गोपचार ट्रस्ट प्राकृतिक चिकित्सालय परिसर में स्थित स्पेशल वार्ड कमरा नंबर 1 में परिवार के साथ किराये पर निवासरत हैं। जब जब उन्हें कमरा और कब्जा खाली करने के लिए कहा गया वो पर झूठे केस में फंसा देने की धमकी देते हैं।
नगर पालिक निगम दुर्ग पद्मनाभपुर स्थित खसरा नं. 141/4 (1.214 हेक्टेयर) जमीन को ग्राम कुथरेल निवासी पूर्व सांसद स्व.दाऊ चन्दूलाल चन्द्राकर ने अस्पताल के लिए ट्रस्ट को दान में दी थी। जहां उनके बड़े बेटे डॉ. लक्ष्मीनारायण चंद्राकर ने माधव निसर्गोपचार प्राकृतिक चिकित्सालय खोला और लोगों का नि:शुल्क उपचार कर रहे थे। डॉ. लक्ष्मीनाराण की मृत्यु के बाद अस्पताल बंद हो गया। इसके बाद ट्रस्ट के सदस्यों ने ध्यान नहीं दिया। तब डॉ लक्ष्मीनारायण के पुत्रों ने ट्रस्ट व अपनी जमीन से संबंधित दस्तावेज की जानकारी जुटाना शुरू की, तब यह बात भी सामने आई है कि 2017 से ही प्रमोद श्रीवास्तव उक्त जमीन को हड़पने की नीयत से वहां रहते हैं।
आरोप यह भी है कि श्रीवास्तव अस्पताल में रहते हुए ही जमीन को बेचने का प्रयास भी कर चुके हैं। परिवार के कुछ सदस्यों को एक हजार रुपए वर्गफीट से जमीन को उनके नाम पर बेच देने का प्रलोभन देने का आरोप भी चौकी प्रभारी पर है। शिकायती पत्र में बताया गया कि जब वो जमीन बेचने में कामयाब नहीं हुए, तब जमीन पर बाउंड्रीवाल बना फैक्ट्री खोल ली। दाउ चंदूलाल चंद्राकर के परिवार के सदस्य भी प्रमोद श्रीवास्तव की हरकतों की वजह से अस्पताल और बाउंड्रीवाल वाले जमीन के अंदर जाने से कतराने लगे हैं।
दाउ के पौत्र डिलेश्वर चंद्राकर का कहना है कि बाउंड्रीवाल की ऊंचाई अधिक होने की वजह से बाहर से कुछ भी दिखाई नहीं देता। जबकि उक्त जमीन पर कई लोग निवासरत हैं। वे लोग अंदर क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं होती।