बीजापुर

भगवान बालाजी की ऐसी आस्था कि आदिवासी युवक ने पत्नी के लिए बनाया भव्य मंदिर
09-Apr-2025 10:37 PM
भगवान बालाजी की ऐसी आस्था कि आदिवासी युवक ने पत्नी के लिए बनाया भव्य मंदिर

मो. इमरान खान

भोपालपटनम,  9 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। बीजापुर जिले के भोपालपटनम नगर में पाटेलपारा के आदिवासी युवक ने भगवान बालाजी का भव्य मंदिर निर्माण कर इस क्षेत्र के लिए एक इतिहास रच दिया है। भगवान तिरुपति बालाजी की ऐसी आस्था दिल में जागी कि अपनी पत्नी की मनोकामना पूरी करने अपने घर के बाड़े में भव्य मंदिर बना दिया है।

पाटेलपारा के निवासी युवक दिलीप कोरम अपने भरे-पूरे परिवार के साथ रहते हैं, घर में उनके पिता कोरम गणपत, भाई मुकेश, बहन अनसुला, संजुला, पत्नी गीता कोरम और उनका लडक़ा साईंराम कोरम, लडक़ी नंदनी कोरम रहते हैं। उनकी शादी पढ़ाई करते वक्त काफ़ी कम उम्र में हो चुकी थी, उनकी पत्नी उसी मोहल्ले की रहने वाली हैं।

दिलीप कोरम साधारण एक गरीब परिवार से आते हैं, उनका जीवन यापन खेती किसानी और ट्रैक्टर मैकेनिक का काम से चलता है। पत्नी की मनोकामना थी कि भगवान का मंदिर बने और वो पूजा करें।

दिलीप बताते हैं कि उनकी पत्नी को हर शनिवार देव आता हैं और वह बालाजी की भक्त हैं। उनके साथ-साथ घर वाले भी उनकी भक्ति से प्रभावित हो गए और बालाजी की पूजा करने लगे हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी के ऊपर देवी शक्तियां भी हैं। उन्होंने बताया कि जब देव आती थी उन्हें शक्तियों के बारे में बताया करती थी, फिर उन्होंने सोचा घर के बाड़े में छोटे से मंदिर का निर्माण करता हूं उनकी कोशिश आज भव्य मंदिर निर्माण का पूरी तरह रूप ले चुकी हैं।

पाई-पाई इकठ्ठा कर और कुछ जन सहयोग से बनाया मंदिर

मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने बड़ी परेशानी उठाई है। भगवान का आशीर्वाद ऐसा था कि वे आसानी से सफल हो गए। भव्य निर्माण मंदिर की नींव 14 फरवरी 2024 को रखी गई थी। साल भर में काम कैसे हुआ यह भगवान की लीला है। इनके सपने को साकार करने और मंदिर बनवाने के लिए विधायक विक्रम मंडावी ने उन्हें 5 लाख रुपए दिए और कुछ लोगों ने मंदिर निर्माण में कुछ पैसे लगाए, बाकि बचा निर्माण का पैसा पाई-पाई जमा कर दिलीप ने खर्च किए हैं। मंदिर बनवाने में 15 लाख रूपये का खर्च आया है और भगवान की प्राण प्रतिष्ठा में 10 लाख और खर्च होंगे इसके लिए भक्तों ने बढ़-चढक़र सहयोग किया है।

समूचे बस्तर का दूसरा होगा यह भव्य बालाजी मंदिर

बताया जा रहा हैं कि समूचे बस्तर में दूसरा और बीजापुर जिले में पहला बालाजी का मंदिर होगा। बस्तर के जगदलपुर में बालाजी का मंदिर है, उसके बाद यह बस्तर के अंतिम छोर में मंदिर होगा। बीजापुर जिले के युवक दिलीप कोरम ने एक अच्छी पहल क ी है और मंदिर के निर्माण कि नीव रखी जिसकी चर्चाएं आज हो रही हैं।

मूर्तियों की होगी प्राण प्रतिष्ठा

गणेश, बालाजी, गरुड़, जय विजय, नौ गृह की मूर्तियों कि विस्थापना के साथ में ध्वजाशिखर यन्त्र सहित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

12 अप्रैल को दोपहर 1 बजे अलवेल मंगा पदमावती समेत वेंकटेश्वरा स्वामी जी का कल्याण उत्सव प्रारम्भ होगा, शाम ठीक 5 बजे से भगवान बालाजी का शोभायात्रा भव्य रूप से निकाला जाएगा और यह कल्याण उत्सव हर वर्ष किया जायेगा, साथ ही इस दिन अन्नदान आयोजन भी किया जाएगा। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पांच पंडित बाहर से बुलाये गए हैं।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थान के ट्रस्ट से पूर्ति विस्थापना के लिए साढ़े 3 फ़ीट की बालाजी की मूर्ति दी गई है, साथ में कानि पाकम से गणेश और गरुड़ जी का मूर्ति लाया गया है, बाकि मूर्तियों का सहयोग स्थानीय लोगो ने किया है।

मूर्तियों के दानदाता

1. श्री श्री वेंकटेश्वरा स्वामी जी की मूर्ति तिरुमला तिरुपति ट्रस्ट की ओर से प्रदाय की जा रही है।

2. श्री श्री गणेश जी महराज जी की मूर्ति श्री जव्वा मनोज (अर्जुनली) की ओर से प्रदाय की जा रही है।

3. श्री श्री गरुड़ महराज की मूर्ति श्री पी. राजेन्द्र प्रसाद की ओर से प्रदाय की जा रही है।

4. नौ गृह स्थापना हेतू नौ मूर्तियां श्री जी. वेंकट जी (बीजापुर) की ओर से प्रदाय की जा रही है।

5. श्री मुरली मनोहर चांडक भोपाल पटनम की ओर से प्रदाय की जा रही है। श्री श्री वेंकटेश्वरा स्वामी जी के द्वारपालक की दो मूर्तियां


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