बेमेतरा

अब तक 260 करोड़ के ही बांटे लोन, डीएपी मिलने पर कर्ज लेने वालों की बढ़ेगी संख्या
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 जून। जिले के बैंकों में फसल के लिए कर्ज लेेने वालों की संख्या इस बार 59 हजार से पार हो चुका है। बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अभी भी 26 हजार किसानों को कर्ज लेना बाकी है। जारी सीजन में डीएपी की कमी की वजह से किसान परेशान हैं, जिससे लोन लेने वालों की संख्या में कमी आई है। जिला में इस बार 488 करोड़ का लोन दिया जाना है, लेकिन अब तक केवल 260 करोड़ का वितरण हो पाया है।
ज्ञात हो कि कास्तकारी जिले में किसानों के माथे हमेशा कर्ज रहा है। जिला में इस बार मई माह तक जिला के 24 सहकारी बैंक शाखाओं में कुल 59 हजार 902 किसानों ने कर्ज लिया है।
बेमेतरा जिला के अंतर्गत आने वाले जिला सहकारी केंद्रीय बंैक की 19 शाखाओं में से बेमेतरा शाखा में 2 हजार 457 किसान, बालसमुंद्र में 1 हजार 987 किसान, नवागढ़ में 5 हजार 391 किसान, नांदघाट में 1 हजार 256 किसान, दाढ़ी में 3 हजार 407 किसान, मारो में 2 हजार 788 किसान, संबलपुर में 2 हजार 709 किसान, बदनारा में 2 हजार 100 किसान, बेरला में 3 हजार 6 किसान, साला में 1 हजार 917 किसान, देवकर में 2 हजार 830 किसान, परपोड़ी में 2 हजार 501 किसान, थानखहरिया में 4 हजार 211 किसान, ठेलका में 2 हजार 814 किसान, भिभौरी में 1 हजार 790 किसान, गोंडगिरी में 2 हजार 84 किसान, देवरबीजा में 2 हजार 501 किसान, सल्धा में 754 किसान, खंडसरा में 2 हजार 338 किसान, कन्हेरा में 1 हजार 570 किसान, केहका में 1 हजार 782 किसान, खर्रा में 2 हजार 768 किसान, प्रतापपुर में 2 हजार 713 किसान सहित अब तक 59 हजार 902 किसानों ने 22 हजार 167 लाख नगद और 5 हजार 636 लाख का खाद बीज लिया है।
दोनों मिलाकर जिला में अब तक 27 हजार 204 लाख का कर्ज किसान ले चुके हैं। बीते सत्र की अपेक्षा इस बार लोन लेने वाले किसानों की संख्या इस समय तक कम नजर आ रही है। जानकारी इसके पीछे डीएपी खाद की कमी को मुय कारण बता रहे हैं। खाद नही होने की वजह से फिलहाल किसान खाद जुटाने के लिए भटक रहे हैं।
48 हजार 839 लाख कर्ज देने लक्ष्य से दूर
गत सीजन के दौरान जिला के सभी 19 शाखाओं में कर्ज के तौर पर खाद, बीज व नगद लोन देने के लिए लिमिट तय किया गया है। जिला में इस बार किसान सदस्यों को 30 हजार 223 लाख नगद और 18 हजार 616 लाख के खाद बीज सहित कुल 48 हजार 839 लाख कर्ज देने का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध जिला के सहकारी बैक शाखाओं में 65 फीसदी का लोन वितरण हो पाया है।
किसान संख्या व रकम भी हुई कम
सत्र 2024-25 के दौरान फसल सीजन में किसानों को 300 करोड नगद और 200 करोड़ का खाद-बीज का कर्ज देने का लक्ष्य तय किया गया था यानी बीते सीजन में 500 करोड़ का लोन किसानों को खरीफ फसल सीजन में दिया गया था। इस बार पहले कीअपेक्षा 12 करोड़ कम लोन देने का लक्ष्य तय किया गया। उससे भी कम किसानों ने अब तक लोन लिया है। इससे पहले सीजन में मई के अंत और जून के प्रथम पखवाड़ा के दौरान लोन लेने वालों का ताता बैकों में लगने लगता था।
किसान दोतरफा हो रहे परेशान
किसान अमरिका साहू ने बताया कि इस बार कई किसान पहले से नर्सरी डाल चुके हैं। अब शिफ्ट करने की तैयारी में थे कि बारिश थम गया है। सप्ताहभर में एक दिन बारिश हुआ है। वह खेत नमी के लिए ठीक है लेकिन रोपा लगाने के लायक ही नहीं है। मौसम की रूख से किसान परशान हो रहे हैं। किसान संतोष साहू ने बताया कि किसान डीएपी खाद का इंतजार कर रहे हैं, इस लिए लोन नहीं ले पा रहे हैं।
2 हजार 20 क्विंटल का ही है भंडारण
जिला के किसानों को इस बार केवल धान बीज ही समितियों से मिल रहा है। जिला में 21 हजार 81 क्विंटल धान में से 19 हजार 61 क्विंटल धान बीज का वितरण किया गया। जिसके बाद 2 हजार 20 क्विंटल धान बीज का भंडारण समितियों में उपलब्ध है। वहीं सोयाबीन अरहर व अन्य बीज का स्टाक ही नहीं है ।
बताए जा रहे विकल्प -जिला नोडल अधिकारी
जिला नोडल अधिकारी आरके वारे ने कहा कि अभी किसानों के पास समय है, तब तक लक्ष्य पा लिया जाए। इस बार 488 करोड़ का वितरण करना था जिसमें से 280 करोड़ का वितरण हुआ है। किसानों को डीएपी नहीं होने की स्थिति में विकल्प के बारे में बताया जा रहा है।