बेमेतरा

कलेक्टोरेट तक पैदल मार्च कर सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 मई। छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रशिक्षित डीएड-बीएड बेरोजगार आखिरकार सडक़ों पर उतर आए। मंगलवार को छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ एवं कला कल्याण प्रशिक्षित संघ के संयुक्त बैनर तले जिला मुख्यालय में सैकड़ों बेरोजगार प्रशिक्षितों ने एकजुट होकर शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति और सरकार की उदासीनता के खिलाफ प्रदर्शन किया।
बेसिक मैदान से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च करते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और शिक्षा विभाग की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जिसमें शीघ्र शिक्षक भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग की गई। इस प्रदर्शन में प्रदेश संयोजक श्रवण कुमार साहू, संभाग अध्यक्ष पूजा सागर, उपाध्यक्ष कैलाश साहू, सुखदेव साहू, सचिव प्रदीप पाठक, कोषाध्यक्ष दिलेश्वर वर्मा, संयोजक तारण साहू, उपाध्यक्ष डाकवर साहू, ब्लॉक अध्यक्ष संतोष अंचल, राजकुमार नवागढ़, हेमू साहू, लोकेन्द्र कुमार, परमेश्वर पटेल, रूप सिंह पटेल, कमलेश पटेल, अरुण साहू, विनोद साहू, दीपक सिन्हा, हर्षा सिन्हा, कल्पना साहू, ललिता, तृषा, रजनी सहित सैकड़ों प्रशिक्षित बेरोजगारों ने भाग लिया।
प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी
प्रदेश संयोजक श्रवण कुमार साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था दिनोंदिन गिरती जा रही है। शालाओं में शिक्षकों की भारी कमी है, जिसके कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं दूसरी ओर लाखों युवा डीएड व बीएड की डिग्री के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। उनका शिक्षक बनने का सपना अधूरा रह गया है। साहू ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र कोई निर्णय नहीं लिया, तो राजधानी में और बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
युक्तियुक्तकरण नीति का विरोध
प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा घोषित 10463 शालाओं के युक्तियुक्तकरण की योजना का कड़ा विरोध किया। बेमेतरा जिले की 360 शालाओं सहित राज्यभर में इस निर्णय को लेकर प्रशिक्षित युवाओं में गहरा रोष है। उनका कहना है कि युक्तियुक्तकरण से रिक्त पदों की संख्या घटेगी और इससे संभावित शिक्षक भर्ती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह कदम शिक्षा क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।
घोषणाएं केवल कागज़ों
तक सीमित
प्रशिक्षित बेरोजगारों ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने चुनावी घोषणा पत्रों में 57000 और 33000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। विधानसभा में भी तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान में संसद सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी। लेकिन सत्ता में आने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्य योजना सामने नहीं आई है, जिससे युवाओं में गहरा आक्रोश है।
ज्ञापन रैली में जिले भर से आए प्रशिक्षितों ने एक स्वर में भर्ती प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करने की मांग की।
शिक्षा के अधिकार की
लड़ाई जारी रहेगी
प्रशिक्षित संघों ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार शिक्षक भर्ती को लेकर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा। यह केवल रोजगार की मांग नहीं, बल्कि प्रदेश के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और शिक्षा के अधिकार की लड़ाई है।