बेमेतरा

बीज ग्रेडिंग तीन मशीनों में दो महीनों से बंद
26-May-2025 4:31 PM
बीज ग्रेडिंग तीन मशीनों में दो महीनों से बंद

सुधारने सवा लाख लगेंगे, फिलहाल 8-10 मजदूर इस काम में लगे, खर्च भी बढ़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 26 मई। कास्तकारी जिले में बीज निगम द्वारा ग्राम पथर्रा में संचालित बीज प्रक्रिया केन्द्र में बीज का ग्रेडेशन के लिए लगाई गई दो मशीन महीनों से खराब पड़ी हैं। ग्रेडेशन के लिए लगाई गई तीन में से दो मशीन खराब होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। कई तरह की बीजों के ग्रेडेशन का काम बंद हो चुका है।

बताना होगा कि बीज निगम द्वारा संचालित किए जा रहे बीज प्रक्रिया केन्द्र पथर्रा में बीज ग्रेडेशन का काम मशीन खराब होने की वजह से प्रभावित हो रहा है। एक साल से अधिक समय से यूनिट में लगाई गई तीन में से दो मशीन बंद पड़ी हुई हैं। 2016 में स्थापित केन्द्र में सबसे पहले 31 लाख 43 हजार रुपए की लागत से 3 टीपीएच की मशीन लगाई गईए जिसके बाद 30 लाख 2 हजार रुपए की लागत से 2018 में 3 टीपीएच क्षमता की दूसरी ग्रेडिंग मशीन लगाई गई थी। इसके बाद 2023.24 के दौरान 54 लाख रुपए की लागत से 4 टीपीएच क्षमता की तीसरा मशीन लगाई गई। इन तीन मशीन में से सबसे पुरानी मशीन 2021.22 से खराब हो चुकी है। 2023.24 में लगी मशीन का उपयोग स्टोरबीन नहीं मिलने की वजह से दूसरे फसल सत्र में भी उपयोगी साबित नहीं हो रही है। बीज प्रक्रिया केन्द्र में कुल 7500 टन क्षमता वाले 5 गोदाम हैं, जिसे देखते हुए केवल एक ग्रेडिंग मशीन से काम चलाना मुश्किल हो रहा है।

 

11 माह पूर्व लगी मशीन में केवल स्वर्णा धान की हो रही ग्रेडिंग

50 लाख रुपए से अधिक की लागत से 30 जून 2024 में लगाई गई ग्रेडिंग मशीन में स्टोरबीन नहीं होने की वजह से केवल स्वर्णा धान की ही ग्रेडिंग हो पा रही है। इसके अलावा खरीफ व रबी फसल सीजन की अन्य फसल सोयाबीन, कोदो, अरहर, चना, गेहूं, तिवरा, मूंग व मटर की ग्रेडिंग के काम के लिए जरूरी जाली नहीं होने की वजह से 11 माह से मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है। बताया गया कि मशीन में जींस वॉर ग्रेड करने के लिए अलग-अलग जाली की जरूरत होती है। साथ ही स्टोरबीन व सहायक उपकरण बोरा फंसाने के लिए हुक व एलीवेटर कैप का अभाव है।

लाखों की लागत से खरीदी मशीनों से नहीं ले पा रहे कोई काम

प्रक्रिया केन्द्र के गोदाम क्रेमांक एक में लगाई गई गेंडिग मशीन खराब पड़ी हुई है, जिसके संधारण के लिए करीब एक लाख बीस हजार रुपए का डिमांड प्रस्तुत किया गया है, जिससे जाली फ्रेम, मेनसाट पुली, एर्जेस्टींग रॉड, जाली फ्रंटकवर, चेन गेयर और बोल्ट अन्य कार्य किए जाने हैं पर फंड के अभाव में दो साल से कबाड़ की तरह उपकरण गोदाम में ही पड़ा हुआ है।

संसाधन जुटाने की जरूरत है

किसान योगेश्वर चौबे ने बताया कि प्रक्रिया केन्द्र की बंद पड़ी मशीनों को प्रारंभ करने व संसाधन बढ़ाने की जरूरत है। आवश्यक जरूरत को लेकर बीते दिनों प्रवास के दौरान केन्द्र में आए बीज निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।

समय व मजदूर दोनों अधिक लग रहे

मशीन के उपयोगी नहीं होने की वजह से ग्रेडिंग का काम मजदूरों से कराया जा रहा है। तीन में से एक मशीन में काम करने से समय अधिक लग रहा है।

मजदूरों से भी ग्रेडिंग कराई जा रही है जिसके लिए 8 से 10 मजदूर अतिरिक्त काम कर रहे हैं, जिस पर मजदूरों को प्रति क्विंटल के लिए 30 से 40 रुपए की अधिक मजदूरी देनी पड़ रही है।

बीज प्रबंधक संदीप सोनकर ने बताया कि स्टोरबीन नहीं होने व खराब मशीन से होने वाली समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। फिलहाल मजदूरों से काम ले रहे हैं। जल्द सुधार होने की उम्मीद है।


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