बेमेतरा

सभी को प्रशिक्षण देने में 10 साल का लग सकता है समय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 नवंबर। जिले में 32 हजार हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन किया है, जिसमें से केवल 1049 हितग्राहियों को ही प्रशिक्षण मिला है। रोजगार के अनुसार कौशल विकास का प्रशिक्षण देने के बाद योजना के तहत कारीगरों को आर्थिक सबलता देने के लिए 3 लाख तक का कर्ज मामूली ब्याज पर दिया जाना है, जिससे आधुनिक समय के साथ कारीगर हुनरमंद हो सकें। जिले के चारों ब्लॉक के ग्राम पंचायत व निकाय क्षेत्रों के आवेदक प्रशिक्षण के लिए नंबर आने का इंतजार कर रहे है।
जानकारी हो कि 17 सितंबर 2023 को प्रारंभ की गई योजना 14 माह बाद भी आवेदकों के लिए इंतजार का सबब बना हुआ है। उल्लेखनीय हो कि योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करने वालों को ग्राम पंचायत व निकाय स्तर पर सत्यापन कराने के बाद दूसरे स्टेज में क्रियान्वयन समिति से प्रकरण का अनुमोदन के बाद तीसरे स्टेज में स्टेट से अनुमोदन कराने के बाद प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इसके बाद प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार योजना के तहत पात्र लोगों को सरकार की तरफ से 3 लाख का ऋण 5 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। पहले चरण में पात्र व्यक्तियों को एक लाख रुपए का ऋण दिया जाएगा जबकि दूसरे चरण में 2 लाख तक का लोन लिया जा सकता है।
प्रशिक्षण में 15000 के किट का अनुदान देने का प्रावधान
हितग्राहियों को कौशल सत्यापन के बाद 5 दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण व 15 दिन या उससे अधिक उन्नत प्रशिक्षण दिया जाना है प्रशिक्षण में 500 का दैनिक भत्ता देने का प्रावधान है। टूल किट प्रोत्साहन के रूप में 15000 का अनुदान देने की सुविधा है। डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन के रूप में प्रतिमाह अधिकतम 100 के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन पर 1 निर्धारित है।
अन्य योजना के तहत 172 हितग्राहियों का प्रशिक्षण जारी
जिले में प्रधानंमत्री कौशल विकास योजना के तहत अलग-अलग 7 कोर्स में से 6 कोर्स में 172 हितग्राहियों को लाइवलीहुड कॉलेज में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें सिलाई मशीन चलाने, बिजली मिस्त्री, सोलर कारीगर, कस्टमर केयर व अन्य कोर्स से संबधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा सीएम कौशल विकास योजना के तहत 7 संस्थाओं में विभिन्न तरह के 7 कोर्स के लिए 300 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया है पर अपडेट नहीं होने की वजह से प्रशिक्षण बंद है। इस मामले में जिला व्यापार उद्योग अधिकारी बीआर निकुंज से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
18 क्षेत्र में कार्य करने वाले को मिलता है प्रशिक्षण
योजना अंतर्गत 18 क्षेत्रों में कार्य करने वाले कारीगर इसका लाभ उठा सकते हैं। इनमें राजमिस्त्री, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, ताला बनाने वाले, बढ़ई, लोहार, सुनार, अस्त्रकार, मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाले, पत्थर तोडऩे वाले, जूता बनाने वाला कारीगर, नाव निर्माता, टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाला, गुडिय़ा और खिलौना निर्माता, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, फिशिंग नेट निर्माता इस योजना का लाभ उठाने के लिए चॉइस सेंटर के माध्यम से पीएम विश्वकर्मा योजना पोर्टल पर पंजीयन कर सकते हैं। इसके लिए आधार, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण एवं राशन कार्ड के साथ ऑनलाइन आवेदन किया गया है।
योजना के लिए 18 से 50 साल के हितग्राहियों को पात्र माना गया है, जिसके लिए स्वरोजगार, व्यवसाय विकास योजनाओं के तहत हितग्राही द्वारा पिछले 5 वर्ष में किसी भी शासकीय योजना अंतर्गत ऋण नहीं लेने वाले ही पात्र होंगे। योजना के तहत परिवार का एक ही सदस्य पात्र होगा। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य योजना के लिए पात्र नहीं माने गए हैं।
4 जनपद व 9 निकायों के 31 हजार आवेदकों को इंतजार
योजना के तहत पंजीयन कराने के लिए जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ जनपद के कुल 425 ग्राम पंचायत व बेमेतरा नगर पालिका, नगर पंचायत बेरला नवागढ़, साजा, थानखहरिया, देवकर, परपोड़ी, मारो, कुसमी, दाढ़ी व भिंभौरी के 32350 हितग्राहियों ने योजना का लाभ लेने व प्रशिक्षण लेने के लिए पंजीयन कराया है। इसके बाद दूसरे चरण में जिले के 20316 हितग्राहियों के आवेदन का संबंधित ग्राम पंचायत व निकाय द्वारा अनुमोदन किया गया था। फिर जिला स्तर की समिति द्वारा 4980 आवेदनों का अनुमोदन किया गया था। तीसरे चरण में स्टेट समिति ने 4522 आवेदन का अनुमोदन किया था। अब तक जिले के 1093 हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया गया है। आवेदन की सख्ंया और 14 माह के दौरान प्रशिक्षण पाने वालों की सख्ंया को देखते हुए जिले के पूर्ण आवेदकों को प्रशिक्षण देने में दस साल से भी अधिक समय लग सकता है। आवेदन करने वाले अशोक वर्मा ने बताया कि योजना के लिए प्रशिक्षण केन्द्र बढ़ाए जाने चाहिए।