बलौदा बाजार
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मध्यम वर्ग का घर बनने का सपना चूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 सितंबर। पखवाड़े भर से सीमेंट के दाम में तेजी आई है। इससे यहां मध्यम वर्ग का घर बनने का सपना चूर हो गया है, वहीं बड़े-बड़े ठेके उठाने वाले ठेकेदारों के भी सर चकरा गए हैं।
दरअसल सीमेंट की कीमत प्रति बोरा 50 रुपये बढ़ गई है। इसके चलते जिले में करोड़ों रुपए के सरकारी काम के रुकने का अंदेशा है। इसका असर शासन की योजनाओं पर भी नजर आ सकता है। पखवाड़े भर में सीमेंट प्रति बोरी 50 की कीमत से महंगा हुआ है। इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। सीमेंट के दामों की तेजी से व्यापारियों के साथ ही साथ आम ग्राहक की कमर भी तोड़ दी है। सीमेंट के दामों के बढऩे का असर पूरे बाजार पर नजर आ रहा है। दाम बढऩे से एक और यहां व्यापारियों की सेलिंग कम हो गई है। वहीं निजी प्रोजेक्ट से लेकर शासकीय प्रोजेक्ट के रुकने का खतरा मंडराने लगा है।
सीमेंट के दामों में हुई लगातार तेजी ने ग्राहकों के साथ ही साथ व्यापारियों को भी परेशान कर रखा है। सीमेंट के दाम में प्रति बोरा 50 की बढ़ोतरी कर दी गई है। इससे सीमेंट का दाम अचानक 260 से बढक़र 310 रुपए प्रति बैग कर दिया गया है। वहीं बाजार के जानकार इसका दाम 340 रुपए तक जाने की आशंका जाता रहे हैं। सीमेंट के दामों के लगातार बढऩे की ठोस वजह से लोगों को समझ नहीं आ रही है। सीमेंट के दामों का सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग के लोगों के साथ ही साथ ठेकेदारी पर भी नजर आ रहा है। सीमेंट के दाम तेज होने से मध्यम वर्ग का सपना आशियाना बनाने का बजट बिगड़ गया है। इसके चलते हुए फिलहाल अपनी योजनाओं को स्थगित कर रहे हैं।
करोड़ रूपयों के काम
रुकने का अंदेशा
बीते कुछ ही महीना में सीमेंट के दाम बढऩे का सर्वाधिक असर शासकीय निर्माण कार्य तथा योजनाओं पर नजर आ रहा है। जिले के पीएम आवास के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग जल संसाधन प्रधानमंत्री सडक़ मुख्यमंत्री सडक़ लोग स्वस्थ यंत्रकी ग्रामीण यांत्रिकी नगरी निकाय मंडी बोर्ड पुलिस हाउसिंग मेडिकल कॉर्पोरेट जैसे विभिन्न निर्माण एजेंसी में ठेकेदारों द्वारा आपसी प्रतिस्पर्धा के दौरान निविदा को एस ओ आर से भी काफी कम पर ले लिया जाता है।
रेत के रेट ने भी कर रखा है परेशान
बारिश में नदियों के लबालब होने से घाटों से रेत उत्खनन पूरी तरह बंद है। इस वजह से जिन लोगों के पास रेट डंप है वह ही इनकी बिक्री कर रहे हैं। इसासे रेत के दाम बीते दो माह में ही दुगने हो चुके हैं। शासकीय कार्यों को निविदा में लेकर निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों का बजट भी अब सीमेंट तथा लोहे के दाम बढऩे से बिगड़ता जा रहा है। मसलन किसी ठेकेदार ने 2 महीने पूरे पुराने रेट से कम लिया है और किसी कारण से वह अब तक काम शुरू नहीं कर पाया है तो आज के रेत के हिसाब से ठेकेदारों को यह काम अब घाटे का सौदा नजर आ रहे हैं।